रोजगार गारण्टी योजना के  तहत घाटीगांव में लोक अदालत व विधिक साक्षरता शिविर आयोजित
ग्वालियर 22  जून 09। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना का पूरा-पूरा  लाभ ग्रामीणों को आश्वस्त कराने की दिशा में न्यायपालिका सक्रिय सामाजिक कारक की  महती भूमिका अदा कर रही है। ग्वालियर जिले के ग्रामीण इलाकों में जिला न्यायाधीश  श्री ए के. मिश्रा के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना  संबंधी विवादों को विशेष लोक अदालतों का आयोजन कर निपटाया जा रहा है। साथ ही  ग्रामीण श्रमिकों को योजना का लाभ आश्वस्त कराने हेतु साक्षरता जागृति शिविरों का  भी आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में घाटीगांव में 20 जून को विधिक जागृति शिविर व 21 जून को लोक अदालत का आयोजन किया गया।  राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना सम्बन्धी विधिक साक्षरता शिविरों में  श्रमिकों को उनके अधिकारों की जानकारी दी गई तथा श्रमिक हित संरक्षण के लिये  कानूनी प्रावधानों से भी अवगत कराया गया।
      घाटीगांव में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के  तहत आयोजित लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी नवम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग- दो श्री आर  के. शर्मा,  लोक अदालत के सदस्य एडवोकेट श्री  विनोद श्रीवास्तव व सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती मंजू श्रीवास्तव द्वारा प्रकरणों  का निराकरण किया गया। विधिक सहायता अधिकारी श्री अरूण प्रधान ने इस संबंध में  बताया कि लोक अदालत में रोजगार गारण्टी योजना से संबंधित 9 प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही पीठासीन  अधिकारी द्वारा अन्य समस्याओं को सात दिवस में निराकृत करने के लिये संबंधित  अधिकारियों को निर्देशित किया गया। 
      लोक अदालत से एक दिन  पूर्व घाटीगांव में आयोजित हुए विधिक साक्षरता शिविर में नवम व्यवहार न्यायाधीश  वर्ग- दो श्री आर के. शर्मा,  ने  बाल मजदूरी प्रतिषेध एवं नियंत्रण अधिनियम की जानकारी दी और कहा कि रोजगार गारण्टी  योजना के कार्यों में 14 वर्ष से कम उम्र के  बच्चों से काम न लिया जाये। उक्त आयोजनों में जनपद पंचायत घाटीगांव के अधिकारी व  कर्मचारियों समेत ग्राम पंचायतों के सचिव व बड़ी संख्या में ग्रामीणजन शामिल हुए। 






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