प्रदेश में निजी वृक्षारोपण के लिये प्रोत्साहन योजना
हितग्राही चयन में अनुसूचित जाति के कृषकों को प्राथमिकता, हरा भरा गांव पुरस्कार योजना शुरू होगी
भोपाल 26 जून 09 । प्रदेश में निजी वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिये वन विभाग द्वारा प्रोत्साहन योजना की रणनीति तैयार की गयी है। इसके तहत निजी क्षेत्रों में रोपण के लिये पौध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये निजी रोपणियों की स्थापना की जायेगी। तीस हजार पौधों की रोपणी की स्थापना के लिये हितग्राही का चयन भी किया जायेगा। प्रथम वर्ष में 300 रोपणियां स्थापित होंगी। प्रोत्साहन योजना के हितग्राहियों के चयन में अनुसूचित जाति के कृषकों को प्राथमिकता दी जायेगी। प्रोत्साहन योजना में तहत निजी रोपणियों की स्थापना, स्थानीय स्तर पर पौधे उपलब्ध कराना, वन दूत प्रोत्साहन योजना, मेढ और कृषि वानिकी के साथ ही बांस रोपण, कृषकों को प्रशिक्षण तथा वानिकी क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रोत्साहन देना सम्मिलित है। योजना के अंतर्गत हराभरा गांव पुरस्कार योजना का प्रावधान भी रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विभागीय समीक्षा के दौरान इस प्रोत्साहन योजना में दिये गये प्रावधानों की सराहना की गयी थी। वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) श्री राजेन्द्र शुक्ल ने प्रदेश में योजना को शीघ्र लागू करने के लिये आवश्यक कार्यवाही के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं
निजी वृक्षारोपण योजना के तहत प्रथम वर्ष में 300 रोपणियां स्थापित की जायेगी। योजना के दूसरे वर्ष प्रथम वर्ष की 300 रोपणियों के साथ-साथ नयी 300 रोपणियां स्वीकृत की जायेगी। इसके पश्चात् प्रति वर्ष 600 रोपणियां एक साथ में चालू रहेगी। इस योजना में 300 रोपणी धारक दो वर्ष बाद बदलते जायेंगे। रोपणी धारक हितग्राही को प्रति पौधा प्रति वर्ष अनुदान के रूप में 250 रूपये विक्रित पौधे की संख्या के अनुसादिया जायेगा।
कृषकों तथा रोपणी के बीच सेतु विकसित करने के लिये वन दूत व्यवस्था रखी गयी है। वनदूत कृषकों को रोपण के लिये प्रेरित करने के साथ ही ग्रामीणों को पौध प्रजाति तथा मृदा की जानकारी देने के साथ ही उनकी आवश्यकता के अनुरूप उपयुक्त पौधों की उपलब्धता में सहायक रहेंगे। वनदूत को रोपित किये गये पौधों की संख्या के आधार पर 50 पैसा प्रति पौधा की दर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान रखा गया है।
किसानों को मेढ़ तथा बाड़ी वानिकी, कृषि वानिकी के साथ बांस रोपण के लिये अनुदान दिया जायेगा। मेढ़ वानिकी में एक हितग्राही को अधिकतम एक हजार पौध रोपण के लिये 20 रूपये प्रति पौधा तीन वर्ष में दिया जायेगा। कृषि वानिकी में एक हितग्राही को न्यूनतम 500 पौधे रोपण करने पर 10 रूपये तीन वर्ष में देने का प्रावधान रखा गया है। बांस रोपण के तहत कम से कम 400 पौधा प्रति हेक्टेयर के मान से क्षेत्रों में रोपण करने पर पात्र किसानों को छ: हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान देने का प्रावधान योजना में रखा गया है।
योजना में स्थानीय कृषकों विशेषकर अनुसूचित जनजाति के ग्रामीणों तथा वन विभागीय अमले की क्षमता विकास पर विशेष ध्यान रखा गया है। किसानों को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में किये गये अनुकरणीय वानिकी कार्यों का भ्रमण कराया जायेगा। किसानों को राज्य के बाहर वानिकी के क्षेत्रों में किये गये अच्छे कार्यों संबंधी स्थलों का भ्रमण भी करवाया जायेगा। योजना के तहत गांवों में वृक्षारोपण कार्य को प्रोत्साहित करने के लिये हरा-भरा गांव पुरस्कार योजना का प्रावधान है। इसी प्रकार वानिकी के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान, वन कर्मियों तथा वन दूत को पुरस्कृत किया जायेगा।
· निजी वृक्षारोपण के लिये प्रोत्साहन योजना
· हितग्राही चयन में अजा के कृषकों को प्राथमिकता
· हरा-भरा गांव पुरस्कार योजना का प्रावधान भी
· पौध उपलब्धता सुनिश्चित करने निजी रोपणियों की स्थापना
· 30 हजार पौधों की रोपणी की स्थापना के लिये हितग्राही चयन
· प्रथम वर्ष में 300 रोपणियां स्थापित होंगी
· रोपणी धारक हितग्राही को प्रति पौधा प्रतिवर्ष अनुदान के रूप में 2.50 रूपये
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