मंगलवार, 10 नवंबर 2009

कानून व्यवसायी जन हितैषी कानून के निर्माण और विकास में महती भूमिका अदा करें - न्यायमूर्ति श्री गंगेले

कानून व्यवसायी जन हितैषी कानून के निर्माण और विकास में महती भूमिका अदा करें - न्यायमूर्ति श्री गंगेले

राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न

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ग्वालियर 09 नवम्बर 09। जन हितैषी कानून के विकास में न्यायाधीश, अधिवक्ता सहित सभी कानून व्यवसायी महती भूमिका का निर्वाह करें, विधिक सहायता प्रणाली इस दिशा में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकती है। उक्त आशय के विचार न्यायमूर्ति श्री एस के. गंगेले ने आज यहां उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के गरिमापूर्ण समारोह में व्यक्त किये।

      न्यायमूर्ति श्री गंगेले ने अमेरिका सहित कई देशों में ऐसे क्लास एक्शन सूट के उदाहरण दिये जो व्यापक जन हितकारी न्याय का मार्ग प्रशस्त करने में सफल रहे। उन्होंनें गोरे और काले नागरिकों की पृथक शिक्षण संस्थाओं की व्यवस्थाओं व गोरों की शिक्षण संस्थाओं में काले विद्यार्थियों को प्रवेश न दिये जाने वाले मामलों को चुनौती देने वाले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के क्लास एक्शन सूट का उदाहरण दिया जिसको वहां की विधिक सहायता समिति द्वारा आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया था। प्रारंभ में हुए फैसले से तब दस काले  विद्र्यार्थियों को ही गोरी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश दिलाना संभव हो सका था किंतु भविष्य में यह निर्णय रंग भेद समाप्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ। उन्होंने प्रसिध्द केस 'केशवानंद भारती' का उल्लेख किया जिसमें प्रख्यात कानून विद अधिवक्ता श्री पालकीवाला ने अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की थी।

      इस अवसर पर महाधिवक्ता श्री आर डी. जैन ने अपराध को मिटाने के लिये घर-घर कानून पहुँचाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार व्यक्ति अपने धर्म को जानकर आस्थापूर्वक उसका पालन करता है उसी प्रकार जिनके लिये कानून बना है जरूरी है कि वे कानून से बाबस्ता हों व उसका विश्वासपूर्ण पालन करें। इसके लिये जरूरी है कि कानून सीधी सरल आम आदमी की भाषा में आम आदमी तक पहुँचाकर उसकी कानून के प्रति आस्था अर्जित की जावे ताकि समाज अपराध मुक्त हो सके। साथ ही उन्होंनेंर् कत्तव्यबोध तथा समाज को आगे ले जाने वाली भावना को भी पूरी प्रबलता से जागृत करने का आव्हान किया।

      इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्री एस एस.द्विवेदी ने समाज में क्रोध पर नियंत्रण तथा व्यक्ति में क्षमा भाव को प्रबल बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यक्ति चेतना से ही विवादहीन समाज का निर्माण किया जा सकता है। समारोह को उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री डी के. कटारे, वरिष्ठ अधिवक्ता सर्वश्री के बी. चतुर्वेदी, एच डी. गुप्ता ने भी सम्बोधित किया। समारोह में अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री श्याम बिहारी मिश्र, उपाध्यक्ष स्टेटबार श्री विनोद भारद्वाज सहित उच्चन्यायालय के न्यायाधीश, अधिवक्ता तथा संप्रेषण माध्यमों के नुमाइंदे उपस्थित थे।

      कार्यक्रम के प्रारंभ में सचिव विधिक सेवा समिति एवं प्रिंसीपल रजिस्ट्रार श्री बी डी. राठी ने विधिक सहायता समिति की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ के ओ एस डी. श्री एम के. शर्मा ने किया तथा अंत में विधिक सहायता अधिकारी श्री बी एस. रघुवंशी ने आभार प्रदर्शन किया।

 

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