शनिवार, 27 मार्च 2010

//जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन //21 करोड़ रूपये के व्यय से 51 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि पर उपचार कार्य प्रगति पर

//जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन //21 करोड़ रूपये के व्यय से 51 हजार हैक्टेयर से अधिक भूमि पर उपचार कार्य प्रगति पर

ग्वालियर 25 मार्च 10 । जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं संर्वध्दन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में 10 वाटर शेड परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं । जिनमें 21 करोड़ 11 लाख रूपये के व्यय से 51 हजार 752 हैक्टैयर भूमि पर जलसंरक्षण एवं संवर्ध्दन, मृदा संरक्षण वनीकरण चारागाह विकास, सामुदायिक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।

       मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री विनोद शर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के अन्तर्गत भूमि उपचार की 5 वर्षीय कार्य योजना तैयार की जाती है। उन्होने बताया कि जिले में एकीकृत पड़त भूमि विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत दो परियोजना भितरवार विकासखंड के ग्राम मोहनगढ़ तथा करहिया में वर्ष 2005 -06 से संचालित की जा रही है । उन्होनें बताया कि मोहनगढ़ परियोजना में 3 करोड़ रूपये की लागत से 5 हजार हैक्टैयर भूमि पर उपचार कार्य कराये जाने थे जिनकी तुलना में चार माह तक 2 करोड़ 82 लाख 66 हजार रूपये के व्यय से 4 हजार 711 हैक्टैयर का उपचार कराया जा चुका है । इसी प्रकार परियोजना करहिया के अन्तर्गत 2 करोड़ 70 लाख रूपये के व्यय से 5 हजार हैक्टेयर भूमि पर उपचार कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसकी तुलना में 2 करोड़ 2 लाख रूपये के व्यय से 3 हजार 374 हैक्टैयर भूमि पर उपचार कार्य कराए जा चुके है ।

       उन्होनें बताया कि इसी क्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत भी प्रत्येक विकासखंड में एक परियोजना स्वीकृत की गई है । जिसमें 16 करोड़ रूपये के व्यय से 20 हजार हैक्टेयर भूमि पर उपचार कार्य कराया जावेगा । उन्होनें बताया कि मुरार विकासखंड अन्तर्गत परियोजना डबका का गठन किया गया है जिसमें 7 माइक्रोवाटर शेड क्षेत्र में कार्य कराया जावेगा जिसमें से 2 वाटरशेड के कार्य प्रारंभ हो चुके है । इसी प्रकार बरई विकासखंड के वाटर शेड परियोजना सातऊँ का गठन किया गया है जिसमें 4 माइक्रोवाटर शेड की 5 हजार हैक्टेयर भूमि पर 4 करोड़ रूपये की लागत से जलसंरक्षण संवर्ध्दन गतिविधियाँ संचालित की जावेगी । डबरा विकासखंड के परियोजना गिजोर्रा में 4 करोड़ रूपये की लागत से 5 हजार हैक्टेयर पर 4 माइक्रो वाटर शेड क्षेत्र में तथा भितरवार विकासखंड के परियोजना सिकरौदा में भी 4 करोड़ रूपये की लागत से 5 हजार हैक्टेयर भूमि पर 5 माइक्रोवाटर शेड के माध्यम से उपचार कार्य कराये जावेगें ।

       उन्होनें बताया कि ग्वालियर जिले में आई.डब्ल्यू.एम.पी. के अन्तर्गत बरई, मुरार, डबरा में 4 परियोजनायें 26 लाख 10 हजार रूपये की राशि से 21 हजार 752 हैक्टैयर भूमि पर जल संरक्षण एवं संवर्ध्दन गतिविधियाँ संचालित की जावेगी । उन्होनें बताया कि आई.डब्ल्यू.एम.पी. के अन्तर्गत बरई विकासखंड के जबेरा और जखोदा में परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं । जिनमें जबेरा परियोजना के माध्यम से 6 लाख 81 हजार रूपये के व्यय से 5 हजार 676 हैक्टेयर, जखौदा परियोजना में 7 लाख 16 हजार रूपये के व्यय से 5 हजार 973 हैक्टेयर, मुरार विकासखंड के ग्राम जारगा में 6 लाख 5 हजार के व्यय से 5 हजार 46 हैक्टेयर भूमि पर तथा डबरा विकासखंड के परियोजना लोहगढ़ में 6 लाख 6 हजार रूपये व्यय से 5 हजार 57 हैक्टैयर भूमि पर जलसंरक्षण संवर्ध्दन गतिविधियॉ संचालित की जावेगी ।

 

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