गुरुवार, 18 मार्च 2010

संस्थागत प्रसवों को बढ़ावा : जननी सुरक्षा योजना से 27607 व जननी एक्सप्रेस से 6182 महिलायें लाभान्वित

संस्थागत प्रसवों को बढ़ावा : जननी सुरक्षा योजना से 27607 व जननी एक्सप्रेस से 6182 महिलायें लाभान्वित

ग्वालियर 17 मार्च 10। जननी सुरक्षा योजना के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में जिले में अब तक 27 हजार 600 से अधिक महिलाओं को लाभान्वित कराया जा चुका है। शासकीय अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के लिये आईं इन महिलाओं को 03 करोड़ 88 लाख 56 हजार रूपये से अधिक  आर्थिक मदद प्रोत्साहन स्वरूप मुहैया कराई गई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के मकसद से संस्थागत प्रसव को अपनी सवोच्च प्राथमिकताओं में रखा है। सरकार द्वारा इस दिशा में जननी सुरक्षा व जननी एक्सप्रेस जैसी योजनायें  चलाई जा रहीं हैं।

       संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने में जननी एक्सप्रेस योजना भी महती भूमिका निभा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने बताया  कि इस योजना से मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक 6 हजार 182 प्रसूतायें लाभान्वित हो चुकी हैं। उन्होंने  बताया कि योजना के अन्तर्गत रोगी कल्याण समितियों के माध्यम से वाहन अनुबंधित किये गये हैं, जो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भितरवार व मोहना, सिविल हॉस्पिटल डबरा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आंतरी/ चीनौर, बरई व हस्तिनापुर में उपलब्ध रहते हैं। इसके अलावा 108 एम्बुलेंस सेवा भी इस योजना में मदद कर रही है।

       जिले में सुरक्षित प्रसव एवं उन्नत स्तर की  मातृ एंव शिशु स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के लिये चार संस्थाओं को सीमॉक संस्थाओं का दर्जा दिया गया है। इन संस्थाओं में सिविल हॉस्पिटल डबरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भितरवार, जिला चिकित्सालय मुरार व सिविल हॉस्पिटल ग्वालियर शामिल है। इन संस्थाओं में सामान्य प्रसव के साथ जटिल प्रकृति अर्थात सिजेरियन प्रसव कराने की सुविधा उपलब्ध है। इनके अलावा 8 शासकीय अस्पतालों को बीमॉक संस्थाओं के रूप में मान्य किया गया है, जिनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहना तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आंतरी, चीनौर, बरई, हस्तिनापुर, शुक्लहारी, उटीला व बिलौआ शामिल हैं।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि शासकीय अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव के लिये आने वाली ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिला को प्रोत्साहन स्वरूप जननी सुरक्षा योजना के तहत 1400 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह शहरी अंचल की महिला को एक हजार रूपये की सहायता देने का प्रावधान है। इसके अलावा गर्भवती महिला को प्रसव के लिये अस्पताल तक आने के लिये 250 रूपये परिवहन राशि के रूप में दी जाती है। गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसव के लिये प्रेरित करने वाली प्रेरक को प्रथम  किश्त में 150 रूपये व 200 रूपये अन्य व्यय के लिये दिये जाते हैं। जब धात्री महिला व शिशु को टीकाकरण के लिये प्रेरक लेकर आती है, तब उसे द्वितीय किश्त के रूप में शेष 200 रूपये का भुगतान किया जाता है।

 

कोई टिप्पणी नहीं: