ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता बनाये रखने हेतु 300 नवीन हैण्डपम्प स्थापित होंगे
विभाग ने बढ़ाई सक्रियता
ग्वालियर 22 अप्रैल 10। जिले के ग्रामीण अंचल में साढ़े पाँच हजार हैण्डपम्पों तथा 52 नलजल योजनाओं के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा चालू मौसम में 300 नवीन हैण्डपम्पों के खनन की स्वीकृति भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को प्रदान कर दी है। नवीन हैण्डपम्पों के खनन हेतु कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है जिनमें से 20 हैण्डपम्पों का खनन कार्य पूर्ण भी किया जा चुका है। विभाग द्वारा हैण्डपम्पों के संधारण हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संभाग श्री आर एल एस. मौर्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की सुनिश्चितता बनाये रखने के लिये कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी के निर्देशन में विशेष कार्य योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन हैण्डपम्पों के खनन की योजना के साथ-साथ पूर्व से स्थापित हैण्डपम्पों के संधारण कार्य को भी प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मुरार विकासखण्ड में कुल 1935 हैण्डपम्प स्थापित है जिनमें से 1523 हैण्डपम्प क्रियाशील हैं, इसी प्रकार घाटीगांव विकासखण्ड में 1885 हैण्डपम्प स्थापित हैं जिनमें से 1512 क्रियाशील है, डबरा विकासखण्ड अन्तर्गत 1588 स्थापित हैं जिनमें से 1446 हैण्डपम्प क्रियाशील, तथा भितरवार विकासखण्ड अन्तर्गत 1438 हैण्डपम्प स्थापित हैं जिनमें से 1318 हैण्डपम्प क्रियाशील हैं। उन्होंने बताया कि क्रियाशील हैण्डपम्पों में खराब और संधारण की प्रक्रिया निरंतर संचालित रहती है। विभाग के पास हैण्डपम्प संधारण हेतु 44 विभागीय मैकेनिक है इसके अलावा 8 मैकेनिकों को संविदा के आधार पर दायित्व सौंपा गया है। विभाग द्वारा 8 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित जनमित्र केन्द्रों पर प्राप्त शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निरंतर संधारण कार्य करती है। संधारण कार्य के पर्यवेक्षण कार्य उपयंत्री, सहायक यंत्री और कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाता है।
श्री मौर्य ने बताया कि ग्रामीण अंचल में 82 नलजल योजनायें स्थापित हैं जिनमें से 52 नजजल योजना चालू हैं, कुछ नलजल योजनायें स्त्रोत सूखने या विद्युत अवरोध के कारण बंद हो गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गर्मी के दो माह में विद्युत मण्डल को सभी नलजल योजनाओं को विद्युत आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री मौर्य ने बताया कि चालू वित्त वर्ष हेतु राज्य सरकार द्वारा 300 बसाहटों में हैण्डपम्पों के खनन अनुमति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बसाहटों का चयन वर्ष 2008 में पानी उपलब्धता व जल स्तर के आधार पर कराये गये सर्वे से किया गया है। सर्वे के तहत शासन गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक 40 लीटर पानी की आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस सर्वे में ग्वालियर जिले की 677 बसाहटें चिन्हित की गई थीं जिसमें से 300 में हैण्डपम्प खनन की अनुमति राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष दे दी गई हैं, जिसके लिये लगभग सवा करोड़ रूपये की राशि विभाग को प्रदान की जावेगी।
इसके अतिरिक्त विशेष आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिये जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों को कलेक्टर की अनुमति से पेयजल परिवहन की अनुमति प्रदान की जाती है। इसीक्रम में 24 ऐसी बसाहटों का चयन किया गया है जिनमें पानी परिवहन की स्वीकृति प्रदान की जावेगी।
इसके साथ ही तीन नलजल योजनाओं के संधारण हेतु राशि ग्राम पंचायतों को आवंटित कर दी गई है जिसके तहत मुरार विकासखण्ड की ग्राम पंचायत पारसेन को 2 लाख 50 हजार, बरई विकासखण्ड की ग्राम पंचायत नौ गांव को 2 लाख 69 हजार तथा अजयपुर को भी 2 लाख 69 हजार रूपये की नजजल योजना के संधारण हेतु उपलब्ध करा दी गई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें