पेयजल परिवहन के लिये जिलों को 7.45 करोड़ रुपये की राशि आवंटित
ग्वालियर 09 अप्रैल 10। राज्य शासन ने प्राकृतिक आपदा पेयजल संकट से लोगों को राहत पहुंचाने जिलों को एक अप्रैल से 15 जून 2010 तक पेयजल परिवहन करने हेतु कुल 7 करोड़ 45 लाख 12 हजार रुपये की राशि आवंटित की है। राहत आयुक्त द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से राहत कार्य के लिये संबंधित जिला कलेक्टर्स को आवंटन आदेश भेज दिये गये हैं।
राहत आयुक्त द्वारा पेयजल परिवहन के लिये जिलों को आवंटित राशि 7 करोड़ 45 लाख 12 हजार रुपये में से प्रदेश के 18 जिलों के नगरीय क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिये 5 करोड़ 85 लाख 12 हजार रुपये तथा प्रदेश के बारह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों को पेयजल परिवहन करने के लिये एक करोड़ 60 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है।
राहत आयुक्त द्वारा प्रदेश के 18 जिलों के नगरीय क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिये आवंटित की गई राशि में से जिला मंदसौर को 19 लाख 42 हजार रुपये, मुरैना को 28 लाख 50 हजार रुपये, बुरहानपुर को 29 लाख 53 हजार रुपये, नीमच को 22 लाख 60 हजार रुपये, हरदा को 14 लाख 32 हजार रुपये, उज्जैन को 12 लाख 23 हजार रुपये, बैतूल को 25 लाख 24 हजार रुपये, सीधी को 5 लाख 70 हजार रुपये, शाजापुर को 10 लाख 66 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसके साथ ही जिला रतलाम को 37 लाख 95 हजार रुपये, सीहोर को 52 लाख 51 हजार रुपये, टीकमगढ़ को 53 लाख 92 हजार रुपये, शिवपुरी को 26 लाख 49 हजार रुपये, दमोह को 24 लाख 33 हजार रुपये, राजगढ़ को 5 लाख रुपये, छिन्दवाड़ा को 23 लाख 7 हजार रुपये, अशोकनगर को 37 लाख रुपये एवं देवास जिले को नगरीय क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिये एक करोड़ 81 लाख 13 हजार रुपये की राशि आवंटित की गई है।
इसी प्रकार प्रदेश के 12 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिये मंजूर की गई एक करोड़ 60 लाख रुपये की राशि में से जिला राजगढ़ को 35 लाख रुपये, दमोह को 20 लाख रुपये, मुरैना को 5 लाख रुपये, श्योपुर को 6.60 लाख रुपये, रीवा को 20 लाख रुपये, अनूपपुर को 4 लाख रुपये, बैतूल को 7 लाख रुपये, हरदा को 6.30 लाख रुपये, दतिया को 14 लाख रुपये, बुरहानपुर को 4 लाख रुपये, खण्डवा को 16 लाख रुपये एवं कटनी जिले को 22.10 लाख रुपये की राशि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिये आवंटित की गई है।
राहत आयुक्त ने जिला कलेक्टर्स को भेजे गये आदेश में उनसे कहा गया है कि आवंटित राशि का उपयोग सूखा, पेयजल संकट या अन्य समस्याओं से निपटने के संबंध में जारी निर्देशों एवं आपदा राहत निधि के निर्धारित मानदण्डों के अनुसार किया जाये।
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