तापमान में बढ़ोत्तरी को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले को किया सतर्क
आमजन को सुझाये लू से बचाव के उपाय
ग्वालियर 10 अप्रैल 10। दिन और रात का तापमान बढ़ने से अब गर्म हवा चलने लगी है। गर्म हवा और सूरज की तपिश से लू लगने की संभावना भी बढ़ गई है। इस बात को ध्यान में रखकर और राज्य शासन के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों समेत समस्त मैदानी अमले को पूरी सतर्कता के साथ काम करने की हिदायत दी है। उन्होंने लू से बचाव के उपाय भी सुझाये हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने आमजनों को सलाह दी है कि वर्तमान मौसम में बिना भोजन किये धूप में न निकलें। पानी अधिक पियें और अधिक समय तक अर्थात लगातार धूप में खड़े होकर मेहनत के कार्य न करें। लू के शिकार व्यक्ति को यदि यूरिन पास (मूत्र विसर्जन) करने में परेशानी हो तो घर पर उपचार न करें, ऐसे मरीज को तत्काल चिकित्सक को दिखायें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हाथ पैरों में जलन, थकान व शरीर का तापमान बढ़ना लू के लक्षण हैं। ऐसे लोगों को तत्काल ठंडक में लिटायें औरर कपड़े ढीले कर दें। लू लगने पर तलवों में लौकी के कस की मालिश करें, बर्फ की पट्टी रखें, शिकंजी ग्लूकोज का घोल, कैरी का पना व शरबत पिलायें। घर से निकलने से पहले खूब पानी पियें और जहाँ जायें वहां भी पेट भर पानी पियें, कान, सिर व सिर के पीछे का हिस्सा ढ़क कर चलें, रंगीन चश्मा लगायें। दोपहर में निकलना हो तो लगातार यात्रा न करें। बीच बीच में ठंडक में थोड़ी देर विश्राम करते हुए आगे बढ़ें, साथ ही घुटन भरी रेल व बस यात्रा से भी बचें। उन्होंने भोज्य पदार्थों के संबंध में सलाह दी है कि गर्मी के मौसम में भोज्य पदार्थ जल्दी खराब होते हैं और इन्हें खाने से डायरिया फैलने की आशंका रहती है। इसके अलावा पसीना अधिक निकलने से शरीर में पानी व खनिज लवणों की भी कमी होने लगती है। इसलिये घर से निकलते समय इन बातों की सावधानियाँ अवश्य बरतें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों को झोला छाप डॉक्टरों से बचने की सलाह भी दी है। साथ ही लोगों से कहा है कि अपने मन से ग्लूकोज की बोतल (आई व्ही फ्लूड) न लगवायें।
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