धार्मिक संस्थानों से जुड़ी शासकीय भूमि को खुर्द-बुर्द करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगावें- संभागायुक्त श्री सिंह
ग्वालियर 27 मार्च 10 । शासकीय और धार्मिक संस्थानों से जुड़ी भूमि को खुर्द-बुर्द करने की प्रवृति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से संभागायुक्त श्री एस बी सिंह द्वारा सभी जिलों में कलेक्टर प्रबंधन की समस्त भूमि का बुनियादी सर्वे कराने के निर्देश आज सभी कलेक्टरों को कलेक्टर कान्फ्रेंस में दिये । उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर चिन्हित की गई भूमि का तहसीलवार रजिस्टर में संधारित किया जावे तथा जिसे प्रकाशित किया जावे । जिससे आम व्यक्ति को भी भूमि की स्थिति के विषय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी । संभागायुक्त सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ग्वालियर श्री आकाश त्रिपाठी गुना श्री मुकेश गुप्ता, शिवपुरी श्री राजकुमार पाठक, दतिया श्री एम बी ओझा, व अशोकनगर कलेक्टर श्रीमती गीता मिश्रा,सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे ।
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शासकीय जमीनों के खुर्द-बुर्द करने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुये जिला कलेक्टरों को अनेक प्रकार की भूमियों का प्रबंधक नियुक्त किया गया है। जिसमें मंदिरों तथा धार्मिक संस्थानों से संबध्द भूमियां प्रमुख है । उन्होंनें कहा कि इस प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिये आवश्यक है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी प्रकार की भूमियों का बेसिक सर्वे कराया जावे । यह कार्य अभियान पूर्व सभी जिलों में किया जावे। सर्वे के दौरान भूमि की स्थित, प्रबंधन में उसका स्टेटस तथा वर्तमान स्थिति की जानकारी एकत्र की जावे । उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरांत प्रत्येक तहसील स्तर पर जानकारी का एक रजिस्टर तैयार किया जावेट जिसे प्रकाशित भी किया जावे । श्री सिंह ने कहा कि जानकारी के प्रकारध से भूमि के अनाधिकृत क्रय-विक्रय को हतोत्साहित किया जा सकेगा । उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरण जिनमें षडयंत्र पूर्वक सिविल कोर्ट से मंदिर की जमीन पर एक्सपार्टी निर्णय पारित करा लिये गये हैं उनको संज्ञान में लेकर सक्षम न्यायालय के समक्ष वास्तविक स्थिति में प्रस्तुत किया जावे । उन्होंने कहा कि चिन्हित भूमियों का समींकन कार्य भी संपन्न कराया जावे ।
संभागायुक्त ने तकाबी और डायवर्सन शुल्क की वसूली की समीक्षा के दौरान कहा कि तकाबी के प्रकरणों की छानबीन कर वसूली योग्य तथा वसूली न किये जा सकने वाले प्रकरणों के रूपमें चिन्हित कर लिये जावें तथा कलेक्टर स्वविवेक से प्रकरणों को अपलेखित भी कर सकते हैं । उन्होंने डायवर्सन की वसूली हेतु भी अभियान चलाने के निर्देश सभी कलेक्टरों को दिये । श्री सिंह ने कहा कि डायवर्सन के बड़े बकायादारों से कड़ाई से वसूली के साथ ऐसे व्यक्ति, संस्थानों को भी चिन्हित किया जावे जिनके द्वारा भूमि को विकसित कर लिया गया है उनके नवीन एसेसमेंट के साथ वसूली की जावे । संभागायुक्त ने सभी कलेक्टरों को 6 माह में निपटारा हो चुके राजस्व प्रकरणों को दाखिला रिकार्ड कराने के निर्देश भी दिये । उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में अभिलेखागारों का निरीक्षण करें तथा उनकी व्यवस्थाओं में सुधार हेतु आवश्यक कदम उठावें ।
संभागायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर प्रारंभ किये गये '' आओ बनाये अपना मध्यप्रदेश '' कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जिले के एक विकासखंड में जनसमस्या निवारण शिविरों का आयोजन कराया जावे । संभागायुक्त द्वारा भी प्रत्येक जिले के एक शिविर में भागीदारी दर्ज कराई जावेगी । उन्होंने कहा कि शिविर का उद्देश्य उस ग्राम या क्षेत्र की जनता से जुड़ी छोटी'छोटी सभी समस्याओं का निराकरण करना है ।संभागायुक्त ने कहा कि ग्वालियर संभाग को प्रदेश का अग्रणी संभाग बनाने के लिये आवश्यक है कि जनहितैषी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ प्रत्येक जरूरतमद व्यक्ति को मिले । अप्रैल माह से संभागस्तर पर योजनाओं , कार्यक्रमों के ओआईसी स्तर की बैठक भी आयोजित की जावेगी। जिनमें संभागायुक्त स्वयं समीक्षा करेंगें ।
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव के निर्देशानुसार कलेक्टर अपने जिलों में वित्तीय भ्रष्टाचार प्रकरणों की जांच अपने स्तर पर करें तथा शासन की मंशानुरूप दोषियों के विरूध्द कठोर कार्रवाई करें ।
कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि को चिन्हित करने हेतु विशेष अभियान गत तीन माह से संचालित किया जा रहा है । जिसके उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुये । उन्होंने कहा कि इस भूमि के डाक्यूमेटेशन का कार्य कराया जा रहा है । श्री त्रिपाठी ने जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित भूमि पुन: अतिक्रमण की चपेट में न आ जावे इसलिये इन भूमियों पर सीमांकन कर फेंसिंग का कार्य भी कराया जा रहा है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें