सोमवार, 12 अप्रैल 2010

टयूबवैल, कुओं में बच्चों के गिरने की घटनाओं को प्राथमिकता से रोके कलेक्टर ने जारी किये निर्देश

टयूबवैल, कुओं में बच्चों के गिरने की घटनाओं को प्राथमिकता से रोके कलेक्टर ने जारी किये निर्देश

 

भिण्ड 11 अप्रैल 2010

कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने टयूबवैल, बौरवेल एवं कुओं में छोटे बच्चों के गिरने की जान लेवा घटनाओं को प्राथमिकता से रोकने और इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किये गये आदेश पर प्राथमिकता से अमल करने के निर्देश प्रसारित किये है। जारी आदेश में भिण्ड जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय एवं अशासकीय अनुपयोगी कुओं बौरवेल एवं टयूबवैल में छोटे बच्चों के गिरने की घटनाओं को प्रभावी रूप से रोकने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल संसाधन तथा परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण को प्रेषित किये गये पत्र में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देश का पालन करने पर जोर दिया गया है।

ड्रीलिंग एजेन्सी को जानकारी रजिस्टर्ड हो

टयूबवैल में बच्चों के गिरने की घटनाओं की रोकथाम के लिए भिण्ड जिले की सभी ग्राम पंचायत, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों, एसडीएम तथा सीईओं जनपद पंचायत को देने के निर्देश दिये गये है। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ यांत्रिकी को समस्त ड्रीलिंग एजेंन्सी की जानकारी पंजीबद्व करना अनिवार्य होगा। ड्रीलिंग एजेन्सी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टयूबवैल में गिरने की जानलेवा घटनाओं की रोकथाम के लिए पारित किये गये आदेश पर तत्परता से अमल करने के निर्देश दिये गये है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के लिए नगरीय निकायों को रोकथाम के उपाय की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे हैण्डम्प जो असफल रहे है खुले पडे है उसकी जानकारी ड्रिलिंग एजेन्सी से लेकर नक्शे में अंकित की जाए और उसकी जानकारी स्थानीय निकाय को 14 अप्रैल तक दी जाए। ड्रीलिंग एजेन्सी खुले पडे ऐसे असफल बोरवैल एवं टयूबवैल की सुरक्षा की सभी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश पर प्राथमिकता से अमल हो

       कलेक्टर रघुराज राजेन्द्रन ने सर्वोच्च न्यायलय द्वारा पारित आदेश पर प्राथमिकता से करने के निर्देश दिये है कि पारित आदेश में कहा गया है कि छोटे बच्चों की घटनाओं की पुनर्रावृत्ति को रोकने के लिए कहा गया है कि किसी भी बौरवैल एवं टयूबवैल के खनन के पहले भूमि परिसर के मालिक को लिखित रूप में कलेक्टर, क्षेत्रीय एसडीएम, स्थानीय निकाय, पीएचई, एवं भूजल विभाग को 15 दिवस पूर्व खनन करने के बारे में सूचना देनी होगी। जिला स्तर पर सरकारी अर्द्वसरकारी एवं निजी खनन एजेन्सियों का पंजीयन अनिवार्य होगा। निर्माणाधीन कुओं के पास कुए एवं वौरवेल का निर्माण करते वक्त खनन एजेन्सी का पूर्ण पता, उपयोग करने वाली एजेन्सी एवं मालिक का पूर्ण पता एवं दूरभाष की जानकारी कुएें के पास सूचना पटल पर अंकित करना अनिवार्य होगी निर्माण के दौरान कुए एवं बौरवेल के चारों और कांटेदार तार की बाड या अन्य किसी उचित अवरोध का निर्माण कराया जाए। कुए के चारों और भूतल से 0.30 मीटर ऊपर सीमेंन्ट एवं क्रांकीट के प्लेट फार्म का निर्माण कराया जाए। निर्माणाधीन कुऐ को वैल्ंडिग स्टील प्लेट के द्वारा मजबूत ढक्कन के नटबोल्ट के द्वारा केसिंग पाईप से फ्क्सि किया जाए। पंम्प सुधार कार्य होने पर भी टयूबवैल खुला नही छोडे।नाला एवं नाली निर्माण कार्य होने पर गड्डे को तत्काल भरे अनुपयोगी बौरवैल को रेत, बोल्डर कंकड एवं मिट्टी से तली से लेकर भूतल  तक भरा जाए। खनन कार्य पूर्ण होने पर धरातल एवं जगह की स्थिति को कार्य प्रारंभ होने की स्थिति में लाया जाए। जिला स्तर पर जनपद एवं ग्राम वार खनिज किये गये बौरवेल एवं टयूबवैल की संख्या अनुपयोगी कुओं की संख्या खुले पाए गये अनुपयोगी बौरवैल टयूबवैल की संख्या भूतल तक ठीक प्रकार से भरे गये अनुपयोगी बौरवैल एवं टयूबवैल की संख्या तथा शेष बौरवेल एवं टयूबवैल की संख्या की स्थिति संधारित की जाए। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत के सरपंच तथा कृषि विभाग के माध्यम से निगरानी कराई जाए। किसी बौरवैल एवं टयूबवैल के अनुपयोगी होने पर संबंधित से प्रमाण पत्र लेकर अनुपयोगी टयूबवैल एवं बौरवेल को उचित रूप से भूतल तक भरा जाए। अनुपयोगी कुओं का आकस्मिक निरीक्षण कराया जाकर ब्लॉक एवं जिला स्तर पर उनके रिकार्ड संधारित किये जाए।

 

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