सोमवार, 27 जुलाई 2009

जिला न्यायालय में लगी लोक अदालत में 148 प्रकरण निराकृत, 35 क्लेम प्रकरणों में 4.67 लाख का अवार्ड भी हुआ पारित

जिला न्यायालय में लगी लोक अदालत में 148 प्रकरण निराकृत, 35 क्लेम प्रकरणों में 4.67 लाख का अवार्ड भी हुआ पारित 

ग्वालियर 26 जुलाई 09। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ए के. मिश्रा के मार्गदर्शन में बीते रोज जिला न्यायालय परिसर में लोक अदालत लगाई गई। लोक अदालत में कुल 148 प्रकरण निराकृत हुए, जिसमें 124 प्रकरण आपराधिक, 44 प्रकरण प्रिलिटीकेटेशन के शमिल हैं। लोक अदालत में क्लेम के 35 प्रकरणों में  तकरीबन चार लाख 66 हजार रूपये का अवार्ड पारित किया गया। इसीतरह विद्युत अधिनियम के 38 प्रकरणों में लगभग एक लाख 9 हजार रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गई। लोक अदालत में पाँच खण्डपीठों ने प्रकरणों का निराकरण किया। 

      जिला न्यायालय के रजिस्ट्रार श्री आर के. जैन ने बताया कि लोक अदालत में नवम अपर जिला न्यायाधीश श्री ए के. सुहाने की खण्डपीठ, मोटरयान दुर्घटना क्लेम तथा सिविल व आपराधिक प्रकरणों का निराकरण किया। मोटरयान दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में खासकर न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी एवं ओरियेण्टल इंश्योरेंस कंपनी से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी तरह अपर जिला न्यायाधीश श्री आर पी. सोनी खण्डपीठ क्रमांक-दो के पीठासीन अधिकारी बनाये गये। इस पीठ द्वारा विद्युत अधिनियम से संबंधित प्रकरणों का निराकरण किया गया। खण्डपीठ क्रमांक-तीन के पीठासीन अधिकारी व व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री आर के. जैन द्वारा सिविल प्रकरणों का समाधान किया गया। खण्डपीठ क्रमांक- चार के पीठासीन अधिकारी एवं जे एम एफ सी. श्री अभिषेक गोयल द्वारा आपराधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया। खण्डपीठ क्रमांक-पाँच के पीठासीन अधिकारी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक श्री एस के. जैन द्वारा आई सी आई सी आई. बैंक के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया।

मीडिऐशन में निपटे 15 प्रकरण

       लोक अदालत के अलावा मीडियेशन द्वारा भी 15 प्रकरणों का निराकरण किया गया। मीडियेशन में अपर जिला न्यायाधीश श्री उपेन्द्र सिंह व श्री हृदेश व अभिभाषक श्री जे के. शर्मा, श्री तोमर आदि का विशेष सहयोग रहा। इस आयोजन में अपर जिला न्यायाधीश श्री बी एस. जामरा श्रीमती लक्ष्मी शर्मा व जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अरूण प्रधान समेत अन्य संबंधित अधिकारियों व अभिभाषकगणों आदि का भी विशेष सहयोग रहा।

 

 

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