गुरुवार, 23 जुलाई 2009

ई गवर्नेन्‍स: त्वरित गति से मिलेगा अब नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र , एन आई सी. ने विकसित की कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली, ग्‍वालियर म.प्र. का पहला जिला

ई गवर्नेन्‍स: त्वरित गति से मिलेगा अब नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र , एन आई सी. ने विकसित की कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली, ग्‍वालियर म.प्र. का पहला जिला

Gwalior now entered to E Governance Era

With this new system now Gwalior District Administration entered into new era of E Governance. We congratulate to district Administration of Gwalior to initiate Public Services with electronic network in form of E Governance and now Gwalior is First district of state of Madhya Pradesh to use this system in such a way. Especially to District collector Gwalior Shri Aakash Tripathi and NIC team of Gwalior Municipal Corporation of Gwalior already initiated E Governance Practices. – Narendra Singh Tomar "Anand"  

ग्वालियर 22 जुलाई 09। नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र को त्वरित गति से देने के लिये यहां कलेक्ट्रोरेट स्थित एन आई सी. में एक कम्प्यूटराइज प्रणाली विकसित की गई है। इस प्रणाली को विकसित करने वाला ग्वालियर जिला प्रदेश में पहला जिला है। कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज इसका शुभारंभ किया। उन्होंने औपचारिक रूप से दो आवेदको को नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्रदाय किये। इन आवेदकों द्वारा दो दिन पूर्व ही एन ओ सी. के लिये आवेदन किया था। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश, संयुक्त कलेक्टर श्री राजेश बाथम, कलेक्ट्रेट के अन्य अधिकारीगण एवं आवेदकगण उपस्थित थे।

      कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी के निर्देश पर एन आई सी. ग्वालियर ने एक ऐसा साफ्टवेयर विकसित किया है, जिसमें नजूल एन ओ सी. के आवेदनों का निराकरण त्वरित गति से हो सकेगा। इसमें शर्त यह है कि आवेदक को अपना आवेदन नगर निगम को देना होगा, जो नजूल कार्यालय को आयेगा। शेष जांच आदि की प्रक्रिया पूर्ववत रहेगी। नगर निगम के सिटी प्लानर एवं भवन अधिकारी के द्वारा नजूल अधिकारी को संबंधित भूमि के स्वामित्व की जानकारी हेतु पत्र भेजा जायेगा। पत्र के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत समस्त दस्तावेज संलग्न करने होंगे। नजूल अधिकारी के द्वारा उक्त पत्र पर तत्काल कार्यवाही करते हुए एन आई सी. के सॉफ्टवेयर के माध्यम से डाटावेस से भूमि की स्थिति सीलिंग भूमियों को दृष्टिगत रखते हुए प्राप्त की जायेगी तथा दो दिवस के अंदर नगर निगम को प्रेषित की जायेगी।       

      वर्तमान में नजूल क्षेत्र के 20 ग्रामों का डाटावेस तैयार हो चुका है, तथा शेष का कार्य प्रगति पर है। जिन ग्रामों का डाटावेस तैयार हो चुका है, उनका अनापत्ति प्रमाण पत्र सॉफ्टवेयर द्वारा जारी होगा तथा जिन ग्रामों का डाटावेस तैयार नहीं हुआ है, उनका अनापत्ति प्रमाण पत्र रीडर-2 नजूल अधिकारी द्वारा मिसिल बन्दोबस्त कार्यालय में उपलब्ध प्रतियों के साथ मिलान कराकर नगर निगम में भेजा जायेगा। आवादी के क्षेत्र के नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र की व्यवस्था पूर्वानुसार रहेगी। अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रतियां तहसीलदार नजूल एवं संबंधित राजस्व निरीक्षक नजूल तथा हल्का पटवारी को भी दी जायेगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आवेदक उसी भूमि पर निर्माण कर रहा है, जिसके लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। यदि अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है तो ऐसी स्थिति में अवैध निर्माण न हो उक्त राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे।

 

एन ओ सी. तत्काल मिलेगी

कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि नजूल एन ओ सी. के लिये कम्प्यूटराइजड् प्रणाली विकसित हो जाने से नजूल एन ओ सी. चाहने वाले आवेदकों को अब कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे तथा इसमें कोई विलम्ब भी नहीं होगा। साथ ही भ्रष्टाचार जैसी कोई शिकायत नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि इसमें 80 प्रतिशत समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से होगा। श्री त्रिपाठी ने बताया कि नजूल द्वारा एन ओ सी. नगर निगम को सीधे भेजी जायेगी। जहाँ से आवेदकों को भवन निर्माण की अनुमति मिलेगी।

 

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