पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों से गये बच्चों का फॉलोअप करें- कलेक्टर
महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में निर्देश
ग्वालियर 29 जुलाई 09। पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करके गये बच्चों का फॉलोअप करें और यह सुनिश्चित करें कि यह बच्चे निर्धारित तिथि को पुन: स्वास्थ्य परीक्षण के लिये केन्द्र में पहुँच जायें, जिससे उन्हें पूर्णत: कुपोषण मुक्त किया जा सके। यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित हुई महिला-बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में दिये। उन्होंने दोनों विभागों के अधिकारियों को हिदायत दी कि वे आपसी समन्वय के साथ काम करें, जिससे टीकाकरण सहित मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के लिये सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके। गौरतलब है कि बाल संजीवनी अभियान के माध्यम से चिन्हित किये गये कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये 14 दिनों तक पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रो में रखा जाता है। इस दौरान बच्चे की माँ को भी प्रतिदिन के हिसाब से राशि भुगतान की जाती है। साथ ही बच्चों का लगातार फॉलोअप भी किया जाता है।
जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने जिले में नवीन पोषण आहार व्यवस्था की परियोजनावार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में अभी तक स्व-सहायता समूहों को पोषणआहार व्यवस्था नहीं सौंपी गई है, वहां यह काम जल्द से जल्द करायें। ज्ञात हो जिले में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था से जुड़े स्व-सहायता समूहों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है और अधिकांश आंगनवाड़ी केन्द्रों में यह व्यवस्था लागू हो गई है। कलेक्टर ने बैठक में हिदायत दी कि जिन ग्रामों में मध्यान्ह भोजन से जुड़े समूहों ने आंगनवाड़ी के पोषणआहार वितरण में असमर्थता जताई है, उस गांव के पुराने समूह को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। ग्राम जौरासी में पोषण आहार वितरण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व उसके परिजनों द्वारा बाधा उत्पन्न करने की ओर ध्यान आकर्षित किये जाने पर जिला कलेक्टर ने उक्त आंगनवाडी कार्यकर्ता को पद से पृथक करने की कार्रवाई करने के निर्देश विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिये हैं। बैठक में मंगल दिवस, लाड़ली लक्ष्मी योजना, उषा किरण योजना व किशोरी शक्ति योजना सहित अन्य आंगनवाड़ी गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर व जिला चिकित्सालय मुरार के सिविल सर्जन डॉ. आर जी. वर्मा, विभागीय परियोजना अधिकारी व खण्ड चिकित्साअधिकारियों समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
सुव्यवस्थित टीकाकरण के लिये नोडल अधिकारी तैनात होंगे
गांवों में सुव्यवस्थित ढंग से टीकाकरण हो इस मकसद से जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज सम्पन्न हुई बैठक में हर गांव के लिये नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिये हैं। यह जिम्मेदारी महिला बाल विकास के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्य विभाग के ए एन एम. व एम पी डब्ल्यू. आदि को सौंपने को कहा गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें