सभी जिलों में एक उत्कृष्ट महाविद्यालय बनाया जाएगा
भोपाल 13 जनवरी 10। उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला मुख्यालय पर एक महाविद्यालय को उत्कृष्ट महाविद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। श्री शर्मा आज यहां कोलार रोड पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के कार्यालय का उद्धाटन कर समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य शासन की मंशा है कि प्रदेश में उत्कृष्ट निजी विश्वविद्यालय और अच्छे शिक्षा संस्थान स्थापित हो ताकि प्रदेश के विद्यार्थियों को प्रदेश और देश से बाहर नहीं जाना पड़े। राज्य सरकार शासकीय महाविद्यालयों में ज्यादा फीस नहीं रख सकती क्योंकि गरीब वर्ग का व्यक्ति ज्यादा फीस नहीं दे सकता। सरकारी संसाधन सीमित है, जो शासकीय महाविद्यालय पर खर्च होता है। निजी संस्थाएं और विश्वविद्यालय स्थापित होने से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रदेश के सभी अचंलों में निजी विश्वविद्यालय खुले। विनियामक आयोग पारदर्शिता के साथ तेज गति के साथ काम करें। श्री शर्मा ने कहा कि आने वाले चार वर्ष प्रदेश में शिक्षा की क्रांति के वर्ष होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने वाले लोगों को सभी सुविधाएं समयबध्द ढंग से प्राप्त हो, यह शासन सुनिश्चित करेगा। इन्दौर, भोपाल और विदिशा के बीच में शिक्षा के अनेक संस्थान स्थापित करने की योजना है।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जयदीप गोविन्द ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए लगभग 40 प्रस्ताव प्राप्त हुए है। यह सभी प्रस्ताव विनियामक आयोग को भेजे जायेगे। आयोग इन पर तत्परता से परीक्षण कर कार्यवाही करेगा ताकि निजी विश्वविद्यालय शीध्र स्थापित हो सकें। विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश पाण्डे ने कहा कि रोजगार मूलक शिक्षा को बढ़ाना आवश्यक है। विश्वविद्यालयों में अधिकाधिक प्रवेश सुनिश्चित करना जरूरी है। इसमें निजी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय भूमिका निभा सकते है। भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस.के. सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति, हिन्दी ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष और अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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