गुरुवार, 18 मार्च 2010

नव संवत्सर के स्वागत के लिये शहर तैयार : महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता

नव संवत्सर के स्वागत के लिये शहर तैयार : महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता

 

ग्वालियर दिनांक-14.03.2010- स्वागत आगत वर्ष का इस आशा के साथ लगे राष्ट्र निर्माण में भारत का हर हाथ उक्त उद्गार महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता द्वारा आज होटल सूर्या जयेन्द्रगंज नव सवंत्सर की तैयारियों की जानकारी देने के लिये आयोजित प्रेसवार्ता में कही। उन्होनें कहा कि नूतन वर्ष का अभिनंदन करने महानगर ग्वालियर के नागरिकों के साथ नगर निगम भी अपनी वैभवशाली परम्परा के अनुरूप तत्पर है। इस कार्य के लिये जलबिहार परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। सोमवार सायं 7 बजे जलबिहार में शुभनाम विदाई नादोत्सव से आरंभ होकर संवत्सर स्वागतोत्सव मंगलवार 16 मार्च प्रात: अर्ध्यदान सभा के उपरांत बाड़े पर सायं लोककला महोत्सव के साथ भव्यतापूर्वक सम्पन्न होगा। उक्ताशय की जानकारी आज आयोजित प्रेसवार्ता में महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता एवं संस्कार भारती अध्यक्ष राधाकिशन खेतान एवं संयोजक प्रदीप शर्मा ने दी। उन्होंने इस अवसर पर ग्वालियर के नागरिकों से महोत्सव की सांस्कृतिक कला प्रस्तुतियों का आनंद लेने कार्यक्रमों में पधारने का आग्रह भी किया।

       महापौर समीक्षा गुप्ता ने बताया कि गत आठ वर्षों से नगर निगम द्वारा संस्कार भारती संकल्पना और संयोजन की परम्परा के अनुसार ही इस वर्ष भी भारतीयता के गौरव के प्रतीक नव संवत्सर समारोह का भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसके लिये देश के ख्याति प्राप्त कला साधकों को अपनी प्रस्तुतियां देने के लिये आंमत्रित किया गया है। नव संवत्सर महोत्सव में तीन सभाएं आयोजित होंगी। पहली सभा शुभनाम विदाई महोत्सव के रूप में सोमवार 15 मार्च 2010 जलबिहार में सायं 7 बजे दीप प्रज्वलन से आंरभ होगी जिसमें सायं 7.15 बजे वाद्यवृन्द प्रस्तुति, 7.25 पर डॉ0 वीणा जोशी, पं. श्रीवाद देवकर का शास्त्रीय गायन, 8.00 बजे ख्यातिनाम कत्थक नृत्यांगना सुश्री ऋचा गुप्ता नई दिल्ली की मोहक प्रस्तुति होगी। सभा का समापन आकर्षण प्रख्यात शास्त्रीय गायिका सुलोचना बृहस्पति का शास्त्रीय गायन होगा।

       स्वागत महोत्सव की बहुप्रतीक्षित मुख्य सभा चैत्र प्रतिपदा मंगलवार, 16 मार्च 2010 को प्रात: 4.40 पर गोपाल मंदिर से आंरभ होकर जलबिहार परिसर में संकीर्तन यात्रा के 5 बजे पहुंचने पर दीप प्रज्वलन से होगा। 5 बजकर 2 मिनट पर ध्येय गीत, 5.07 बजे सरस्वती वंदना, शब्द कीर्तन जैन वाणी व शांती पाठ, 5.50 पर दलवी समूह जयपुर की जुगलबंदी तथा 6.25 बजे मन्त्रोच्चार के साथ भगवान भुवन भास्कर की नव संवत्सर की प्रथम किरण का अभिनंदन अर्ध्यदान कर किया जावेगा। 6.30 पर शुभकामना संदेश 6.35 पर कत्थक नृत्य, के.आर.जी. महाविद्यालय की छात्राओं की प्रस्तुति, संकल्प गीत, रमको मनकी शक्ति देना, निवेदन गीत तेरी है जमीं तेरा राष्ट्रीय सेवा योजना समूह द्वारा प्रस्तुति किया जाएगा। पसायदान के रूप में इतनी शक्ति हमें देना दाता की प्रस्तुति संगीत विद्यालय, ग्वालियर द्वारा दी जावेगी।

       तत्पश्चात प्रतिवर्ष का विशेष आकर्षण संगीत गुरूकुल दतिया की लोकबाद्य कचहरी एवं अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। कार्यक्रम की समापन सभा लोककला महोत्सव के रूप में बाड़े पर आयोजित होगी जहां सायं 7 बजे से आंरभ कार्यक्रम में संस्कार भारती के साहित्य साधकों का काव्य गुलदस्ता मंजरी के उपरान्त महाराष्ट्र का लोकनृत्य गोंचल धनगर नृत्य, बडोदरा गुजरात की निहारिका नृत्य शाला की प्रस्तुति देवी नृत्य, छत्तीसगढ़ का प्रसिध्द पंथी नृत्य प्रस्तुतियां होंगी।

       कुछ प्रमुख स्थानों पर प्रात: जलबिहार आने के लिये नि:शुल्क बस की व्यवस्था रहेगी। महापौर ने अनुरोध किया कि इस व्यवस्था का लाभ लेने के लिये नियत स्थान पर नियत समय के पूर्व पहुंचे।

       उक्त बसें महाराजा कॉम्पलैक्स दीनदयानगर, गोला का मंदिर, हजीरा, पड़ाव, 60 चौराहा मुरार, बारादरी, ठाटीपुर पेट्रोलपम्प, मिलेनियम प्लाजा, कमलकिशोर क्लीनिक लक्ष्मीगंज, हनुमान चौराहा, राममंदिर, छप्पर वाला पुल, नागमंदिर, छत्री बाजार जनकगंज अस्पताल, महाराज बाड़ा, माधौगंज, कम्पू, ऊट  हुजरात पुल, शिन्दे की छावनी, रॉक्सी टॉकीज, नया बाजार चौराहा, दाल बाजार चौराहा, जयेन्द्रगंज, जयेशवाल नर्सिगहोम विनयनगर सेक्टर 1, आदर्श कॉलोनी, शिन्दे की छावनी से नागरिकों को जलबिहार लावेंगी।

       इस अवसर पर संवाददाता द्वारा संवत्सर के विकृति नाम के संबंध में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुये संस्कार भारती के संस्कृताचार्य गोविन्द गन्धे व ज्योतिषाचार्य पं. रामचन्द्र पाठक् ने बताया कि यह नाम अपने मन से नहीं रखा गया है। भारतीय ऋषियों ने अपनी शोध तपस्या के उपरांत निर्धारित किया है। इस विषय में कहीं-कहीं विद्वत परिषदों में मत भिन्नता भी रही है किन्तु हमने अपनी समझ के अनुसार उचित एवं मान्य निर्णय का ही अनुसरण किया है। नाम के अजीब लगने के संबंध में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा कि चूंकि यह शास्त्र द्वारा निर्धारित है तथा ज्योतिष से कम निकटता रखने वाले को यह अस्वाभाविक एवं अटपटा लगता है जबकि ज्योतिष वांडण्मय में ऐसे अनेक शब्दों का प्रचलन है उनका अपना सांकेतिक अर्थ भी है जिसे यहां के सीमित समय में समझाना प्राय: संभव नहीं है। उन्होंने जिज्ञासुओं को इस संबंध में व्यापक और विस्तृत अध्ययन के लिये बाद में मिलने का आग्रह भी किया। कार्यक्रम में दिल्ली से पधारी प्रसिध्द शास्त्रीय संगीतकार सुलोचना बृहस्पति तथा नृत्यिकी ऋचा गुप्ता का भी परिचय महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता द्वारा पत्रकारों से कराया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती की ममता शर्मा द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन आलोक शर्मा द्वारा किया गया।

 

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