आबकारी राजस्व में दो सौ करोड़ रुपये की वृध्दि
वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी द्वारा श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारी पुरस्कृत
भोपाल 20 अप्रैल 10। वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री राघवजी ने आज यहां श्रेष्ठ काम करने वाले आबकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि बहुत विषम परिस्थितियों में ही विभाग के अधिकारी अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए आबकारी कानूनों का पालन सुनिश्चित करते हैं। कई बार उन्हें यह कार्य अपनी जान का जोखिम उठाकर भी करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियो और कर्मचारियों के सभी हितों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। आबकारी उप निरीक्षकों को पिस्टल दिये जाने तथा मोबाइल खर्च के आदेश जारी हो चुके हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्री ए पी. श्रीवास्तव, आबकारी आयुक्त श्री अरुण पाण्डे, अपर आयुक्त श्री उत्तम अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पुरस्कार वितरण के पहले विभाग की गतिविधियों की जिलावार विस्तृत समीक्षा की गई।
श्री राघवजी ने कहा कि सरकार प्रदेश में मदिरा की खपत नहीं बढ़ाना चाहती और इस पर अधिकतम नियंत्रण के प्रयास किये जा रहे हैं। जिन प्रदेशों में पूरी नशाबंदी लागू है वहां भी उत्साहजनक परिणाम सामने नहीं आये हैं। कई बार वहां अवैध शराब पीने से बड़ी संख्या में मौतें हो जाती हैं। मदिरापान एक सामाजिक बुराई है जिसे न्यूनतम करने में समाज और सरकार दोनों को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने विभागीय कर्मचारियों को सूझबूझ के साथ काम करने को कहा जिससे कि वे अपने सामाजिक दायित्व के साथ-साथ कर्तव्यगत दायित्वों का भी पूरी तरह निर्वाह कर सकें।
श्री राघवजी ने कहा कि बीते छ: सालों में वर्तमान सरकार प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने में कामयाब रही है। इसके लिये सरकार ने स्वयं के संसाधन भी बढ़ाये हैं। वर्ष 2002-03 में स्वयं के कर राजस्व से जहां छ: हजार करोड़ रुपये प्राप्त होते थे वहीं वर्ष 2009-10 में 18 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। एक समय था जब प्रदेश मे पिछली सरकार ने कर्मचारियों का डीए फ्रीज कर दिया था और पैसों की कमी के चलते दैनिक वेतनभोगियों को निकाल दिया था। वर्तमान सरकार ने इन विसंगतियों को दूर किया। कर्मचारियों को उनका पूरा हक दिया। उन्हें छठवां वेतनमान तो दिया ही साथ ही केन्द्र सरकार के समान महंगाई भत्ता भी दिया जा रहा है।
इसके पूर्व प्रमुख सचिव श्री ए पी. श्रीवास्तव ने जिलावार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मदिरा दुकान संचालन में नियमों का उल्लंघन न होने दें और अपने कार्य के साथ-साथ सामाजिक दायित्व का भी निर्वाह करें। उन्होंने कहा कि आसवनियों से निकलने वाला पूरा माल सिर्फ लायसेंसियों तक पहुंचे। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य शासन का दृष्टिकोण है कि आदिवासी क्षेत्रों में मदिरा का उपभोग न बढ़े। इसीलिये वहां दुकाने खोलने को सीमित रखा गया है।
आबकारी आयुक्त श्री अरुण पाण्डे ने विभाग की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2009-10 में दो हजार 953 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 200 करोड़ रुपये अधिक है। अपर आयुक्त श्री उत्तम अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।
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