बुधवार, 24 दिसंबर 2008

जिले में 2665 बालिकायें बनी लाड़ली लक्ष्मी

जिले में 2665 बालिकायें बनी लाड़ली लक्ष्मी

ग्वालियर 23 दिसम्बर 08। समाज में बालिका के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने वे बालिका शिक्षा को बढावा देने सहित बालिकाओ के समग्र विकास को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना का ग्वालियर जिले में भी प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के तहत जिले में अब तक दो हजार 665 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी बनाया जा चुका है। जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले को निर्देश दिये हैं कि कोई भी पात्र बालिका, योजना का लाभ प्राप्त करने से वंचित न रहे। ज्ञातव्य हो कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत भरा जाने वाला फॉर्म पूर्णत: नि:शुल्क है, जो निकटत्तम ऑंगनवाड़ी केन्द्र से प्राप्त किया जा सकता है।

       प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आर एम. तिवारी ने बताया कि एकीकृत विकास परियोजना शहरी क्रमांक-एक में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 267 बालिकाओं को लाभान्वित कराया जा चुका है। इसी प्रकार एकीकृत बाल विकास परियोजना शहरी क्रमांक-दो में 904 , शहरी क्रमांक-तीन में 343, मुरार में 209, डबरा में 321, बरई में 201 एवं बाल विकास परियोजना भितरवार में 420 बालिकाओं को योजना का लाभ दिया गया है।

       उल्लेखनीय है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत एक जनवरी 2006 को या इसके बाद जन्म लेने वाली बालिका को लाभान्वित कराया जाता है। योजना के अन्तर्गत एक परिवार की अधिकतम दो बालिकाओं को लाभान्वित करने का प्रावधान है। योजना का लाभ बालिका को तब दिया जाता है जब दम्पति ने परिवार नियोजन का स्थाई साधन दूसरे बच्चे के जन्म के एक वर्ष के भीतर अपना लिया है। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल 2008 या उसके पश्चात जन्मी प्रथम संतान बालिका होने की स्थिति में दो बच्चो के पश्चात स्थाई परिवार नियोजन का साधन अपनाने की वचन बध्दता के साथ प्रथम बालिका को भी लाभान्वित कराने का निर्णय लिया है। योजना के तहत बालिका के पक्ष में प्रतिवर्ष छ: हजार रूपये की राशि लगातार पांच वर्षों तक जमा कराई जाती है। छठवीं कक्षा में बालिका के प्रवेश पर दो हजार रूपये, नवीं कक्षा में चार हजार रूपये, ग्वारहवीं कक्षा में साढ़े सात हजार रूपये तथा ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा में पढ़ाई के समय दो वर्ष तक दो सौ रूपये प्रतिमाह प्रदान किये जाते हैं। जब बालिका 21 वर्ष की हो जाती है तो उसे करीबन एक लाख रूपये की राशि एक मुश्त भुगतान किये जाने का प्रावधान है।

 

कोई टिप्पणी नहीं: