मंगलवार, 16 जून 2009

ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ प्रथमबार 1.31 करोड़ रूपये के लाभ में

ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ प्रथमबार 1.31 करोड़ रूपये के लाभ में

ग्वालियर 15 जून 09। सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित, ग्वालियर द्वारा स्थापना के पश्चात प्रथमबार एक करोड़ 31 लाख रूपये का लाभ अर्जित कर एक कीर्तिमान स्थापित किया गया है। यह लाभ दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादकों की मदद एवं दुग्ध संघ द्वारा त्वरित प्रशासनिक एवं नीतिगत निर्णय लेने, अच्छी गुणवत्ता का दूध प्राप्त करने की नई नीति लागू करने, उपभोक्ताओं का साँची दूध के प्रति विश्वास अर्जित करने की, सांची घी को संभाग का नम्बर एक घी ब्राण्ड बनाने, दुग्ध संयंत्र की क्षमता का अधिकतम दोहन करने एवं कार्यप्रणाली में कसावट लाने के कारण संभव हो सका है। दुग्ध संघ का टर्न ओवर गतवर्ष के 71.22 करोड़ रूपये से बढ़कर 91.08 करोड़ रूपये हुआ जो गत वर्ष से 20 करोड़ रूपये अधिक है। यह विचार ग्वालियर दुग्ध संघ की प्राधिकृत अधिकारी एवं प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, श्रीमती शिखा दुबे, द्वारा दुग्ध संघ की 23 वीं वार्षिक आमसभा में व्यक्त किये गये।

      इस अवसर पर उनके द्वारा बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में दूध के अप मिश्रण पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से द्वि-स्तरीय क्रय प्रणाली लागू की गई है। साथ ही इस प्रणाली में अधिक घृतांश के दूध की क्रय दर पर प्रोत्साहन राशि का समावेश किया गया है। कम घृतांश एवं कम एस एन एफ. वाले दूध पर आर्थिक दण्ड का प्रावधान किया गया है। फलस्वरूप दुग्ध संघ को प्राप्त होने वाले दूध की गुणवत्ता में अत्याधिक सुधार हुआ है। मेहगांव, लहार एवं मुख्य संयंत्र बनमोर में दूध उत्पादकों के दूध को सीधे संयंत्र में प्राप्त करने की (एफ ओ आर.) प्रणाली प्रारंभ की गई है। एफ ओ आर. प्रणाली प्रारंभ करने से दुग्ध परिवहन में व्यय होने वाली राशि दुग्ध उत्पादको को दूध क्रय दर में अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराई गई है, जिससे दुग्ध संघ के दूध परिवहन व्यय में कमी आई है। दुग्ध संघ द्वारा गतवर्ष की तुलना में डेढ़ रूपये प्रति लीटर दुग्ध उत्पादकों को अधिक भुगतान किया गया।

      प्राधिकृत अधिकारी ने दुग्ध उत्पादकों को अधिक से अधिक मात्रा में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध संघ को दूध प्रदाय करने का आह्वान किया, जिससे सहकारिता की भावना के अनुरूप इसका लाभ वास्तवित दुग्ध उत्पादकों को प्राप्त हो सके। साथ ही उनके द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों में कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में की जा रही गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।

      गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त दूध की गुणवत्ता  में आशातीत सुधार आया है। अच्छी गुणवत्ता का दूध प्राप्त होने से उपभोक्ताओं को भी अच्छा पाश्चुरीकृत दूध एवं दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराये गये हैं। परिणामस्वरूप दूध के विक्रय में भी अच्छी वृध्दि हुई है। उल्लेखनीय है कि दुग्ध संघ द्वारा उत्पादित सांची घी की विक्री में भी उसकी शुध्दता के कारण अप्रत्याशित वृध्दि हुई है। गत वर्ष में औसतन 33 मी.टन घी प्रतिमाह विक्रय किया गया, जो सांची घी को उपभोक्ता की पहली पसंद के रूप में स्थापित करता है।

      डेयरी संयंत्र की गतिविधियों में व्यापक विस्तार कर स्वयं एवं प्रदेश के अन्य दुग्ध संघों हेतु 647 मी. टन दुग्ध चूर्ण निर्माण किया जो गत वर्ष की तुलना में 222 मी. टन अधिक है। इससे संघ की लाभात्मकता बढ़ी है। इसके अतिरिक्त दुग्ध संघ के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की क्षमताओं का पूर्ण दोहन किया गया है तथा दुग्ध संघ के कर्मचारियों को वर्षों से लंबित पांचवे वेतनमान का लाभ भी इसी वर्ष प्रदान किया गया है। इसी प्रकार श्योपुर जिले में सघन डेयरी विकास परियोजनान्तर्गत दुग्ध समितियों को प्रारंभ किया गया है एवं लक्ष्यों से अधिक दूध एकत्रित किया गया है। दुग्ध उत्पादकों एवं दुग्ध समितियों के कर्मचारियों को दुग्ध संघ के प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों हेतु सतत् प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे ग्रामीण स्तर पर दुग्ध उत्पादकों को बेहतर तकनीकी सेवायें प्राप्त हुईं हैं। साथ ही प्रशिक्षण केन्द्र ने भी गत वर्ष की तुलना में दो गुना लाभ अर्जित किया है। भारत सरकार की राष्ट्रीय गौ - भेंस वंशीय प्रजनन योजनान्तर्गत प्रशिक्षण केन्द्र का सुदृढ़ीकरण किया गया है।

      वर्ष 2008-09 में मदर डेयरी, दिल्ली को 98350 किलोग्राम प्रतिदिन दूध का प्रदाय किय गया जो गत वर्ष से 30,000 किलोग्राम प्रतिदिन अधिक है। इसके कारण दुग्ध संघ का लाभ बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में दुग्ध संघ की प्राधिकृत अधिकारी, श्रीमती शिखा दुबे, प्रबंध संचालक, एम पी सी डी एफ. भोपाल के दिशा निर्देशों में नीतियों का क्रियान्वयन किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप दुग्ध संघ की स्थिति में सुधार हुआ है।

      दुग्ध समिति अंधियारी, के प्रतिनिधि श्री राजीव कौरव, दुग्ध समिति, गोरमी, के प्रतिनिधि श्री मानसिंह यादव, दुग्ध समिति छैरा के प्रतिनिधि अमृतलाल यादव, एवं एम पी सी डी एफ. के प्रतिनिधि श्री उम्मेद सिंह ने अपने उद्गार व्यक्त किये तथा आश्वस्त किया कि दुग्ध समितियां दुग्ध संघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगी तथा अच्छी गुणवत्ता का दूध संघ को प्रदाय करेंगी। साथ ही दुग्ध समिति प्रतिनिधियों ने मंच से ग्वालियर दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस के. सिंह गौर द्वारा दुग्ध संघ की प्रगति तथा लाभप्रद इकाई बनाने हेतु किये गये कार्यों की सराहना एवं संघ हित में लिये गये नीतिगत निर्णयों की प्रशंसा की।

 

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