शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

शासकीय भूमि की हेराफेरी को सख्ती से रोकें , भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ की बैठक में कलेक्टर के निर्देश

शासकीय भूमि की हेराफेरी को सख्ती से रोकें , भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ की बैठक में कलेक्टर के निर्देश

ग्वालियर 2 जुलाई 09। शासकीय भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराने तथा जमीन की किसी तरह की हेराफेरी पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिये जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। इस सिलसिले में आज जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ में शामिल अधिकारियो की बैठक लेकर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिये प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ कूटरचित तरीकों से निजी भूमि के रूप में दर्ज करा ली गई भूमि को पुन: शासकीय घोषित करायें और उसे तत्काल भू-अभिलेखों में दर्ज करायें।

      यहां जिला कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में अपर कलेक्टर श्री वेदप्रकाश, नगर निगम के अपर आयुक्त श्री कोशलेन्द्र सिंह भदौरिया व नजूल अधिकारी श्री राजेश बाथम, संयुक्त कलेक्टर श्री नियाज अहमद खान व अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री आदित्य सिंह तोमर सहित नजूल तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

      जिला कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने ग्वालियर नगर के आम रास्तों व सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिये प्रभावी रणनीति बनाकर कार्रवाई को अंजाम देने की हिदायत दी। उन्होंने अवैध कालोनियों के भवन मालिकों को विधिवत नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने को कहा। श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि जिन ट्रस्टों ने नियम के विपरीत जमीन बेची है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाये। जिला कलेक्टर ने अब तक सामने आये शासकीय भूमि पर अवैध कब्जों के प्रकरणों पर हुई कार्रवाई की प्रकरणवार समीक्षा की और उनके निराकरण के लिये अधिकारियों की जवावदेही तय की। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि सभी प्रकरणों का समाधान गंभीरता से करें, ताकि शासकीय भूमि अवैध कब्जे से मुक्त हो सकें। उन्होंने शासकीय भूमि के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा जारी किये गये आदेशों का पालन करने की भी हिदायत दी।

      ज्ञात हो जिला कलेक्टर द्वारा शासकीय भूमि की सुरक्षा के मकसद से जिला स्तर पर भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ गठित किया है। इस प्रकोष्ठ में नामांकित अधिकारियों को जिला कलेक्टर द्वारा शासकीय जमीन पर अवैध कब्जे व शासकीय जमीन की हेराफेरी संबंधी प्रकरण अपनी कलम से मार्क कर समय-सीमा में निराकरण के लिये प्रदान किये जाते हैं। प्रकरणों के निराकरण की नियमित रूप से समीक्षा भी की जाती है।

 

कोई टिप्पणी नहीं: