नर्सिंग होम एवं प्रसूति गृह आदि के पंजीयन की कार्रवाई प्रारंभ
ग्वालियर 16 दिसम्बर 08। मध्यप्रदेश उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम के अन्तर्गत निजी नर्सिंग होम्स, प्रसूति गृह, क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेन्टस्, फिजियोथैरिपी इस्टेबिलसमेन्ट, आउटडोर क्लीनिक तथा क्लीनिकल लैबोरेटरी का पंजीयन शासन के निर्देशानुसार जिले मे प्रारंभ किया गया है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 मे संशोधन किये जाकर उन्हें प्रभावशील किया गया है। अधिनियम के अंतर्गत पर्यवेक्षी प्राधिकारी के समस्त कृत्यों तथा अपील संबंधी कृत्यों का पालन करने के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उनके अधिकारिता क्षेत्र में पर्यवेक्षी अधिकारी तथा सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अपीलीय प्राधिकारी नियुक्त किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम, चिकित्सालयों तथा अन्य क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेन्टस् के पंजीयन की कार्यवाही जारी है। पंजीयन हेतु निर्धारित प्रपत्र किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय से नि:शुल्क प्राप्त किया जा सकता है। अधिनियम के अंतर्गत जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम, निजी प्रसूति गृह, समस्त क्लीनिकल इस्टेबिलस्मेन्ट, फिजियोथैरेपी यूनिट तथा प्रयोगशालाओं इत्यादि का पंजीयन किया जाना है।
पंजीकरण नियमों के अनुसार नर्सिंग होम मे एक बिस्तर के लिये फर्श स्थान 100 वर्गफुट और प्रत्येक अतिरिक्त बिस्तर के लिये 60 वर्गफुट होना अनिवार्य है। इसी प्रकार प्रसूतिकक्ष/ शल्य क्रिया कक्ष के लिये 160 वर्गफुट स्थान की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। कर्तव्य पर उपस्थित कर्मचारियों के लिये प्रथक से कर्तव्य कक्ष, औषधियों, खाद्य सामग्रियों तथा उपकरणों के लिये भी पर्याप्त स्थान होना चाहिए। संबंधित संस्थान को पर्याप्त हवादार, साफ सफाई एवं मच्छरों तथा मक्खियों से बचाव की व्यवस्था करना आवश्यक होगा।
अधिनियम में 20 बिस्तरों के लिये न्यूनतम चार उपचारिकायें (नर्स) के मान से तथा 10 बिस्तरों के लिये न्यूनतम 03 उपचारिकयें तथा 50 से अधिक नर्सिंग होम/ प्रसूति गृह के लिये उपरोक्त के गुणात्मक मान नर्स के अतिरिक्त एक नर्सिंग सिस्टर की सेवायें भी उपलब्ध कराना अनिवार्य होगी। इसी प्रकार प्रत्येक 15 रोगी बिस्तरों या उसके किसी भाग के लिये एक चिकित्सा व्यवसायी साथ ही 45 से कम बिस्तर वाले उपचर्यागृह में कम से कम तीन चिकित्सा व्यवसायी होंगे। एक्सरे, पैथॉलोजी, भौतिक चिकित्सा इत्यादि की सुविधा की स्थिति में संबंधित विषय का अर्हित चिकित्सा व्यवसायी एवं तकनीशियन रखा जाना होगा। किसी भी नर्सिंग होम / प्रसूतिगृह/ क्लीनिकल स्टेबिलसमेन्ट द्वारा किसी सरकारी सेवक या चिकित्सा व्यवसायी को राज्य शासन की स्पष्ट अनुमति के पश्चात ही उनकी सेवायें ली जा सकेगीं। नर्सिंग होम द्वारा उपलब्ध करायी जा रही विभिन्न चिकित्सा सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) कांउटर पर अनिवार्य रूप से रखी जावेगी तथा संस्थान के बाहर सूचना पटल पर भी अंकित की जावेगी। सूची की मांग करने पर रोगी या उसके परिवार के सदस्यों को दिखायी जावेगी। उपचारित किये जाने वाले मरीजों के समस्त अभिलेख एवं निर्दिष्ट अभिलेख संबंधित संस्थान द्वारा संधारित किया जाना अनिवार्य होगा।
संबंधित नर्सिंग होम/ प्रसूतिगृह/ क्लीनिकल इस्टेबिलसमेन्ट को सांसर्गिग या संक्रामक रोग/ अधिसूचनीय रोग, राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मासिक रिपोर्ट जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रस्तुत की जाना अनिवार्य होगी। इसी प्रकार जन्म एवं मृत्यु की सूचना भी संबंधित सक्षम अधिकारियों को दी जाना अनवार्य होगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत अभी तक 98 नर्सिंग होम, 14 प्रयोगशला, 88 परामर्श केन्द्र, 05 रेडियोइमेजिन क्लीनिक, 03 डेन्टल क्लीनिक पंजीकृत की जा चुकी है। साथ ही नर्सिंग होम के निरीक्षण हेतु जिला स्तर पर निरीक्षण दल गठित भी किये जा चुके हैं। जिनके द्वारा जिले में निरीक्षण की कार्यवाही अभियान स्तर पर की जाकर अपंजीकृत नसिंग होम/ क्लीनिक/ पैथॉलोजी के विरूध्द अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। जिले के ऐसे शेष समस्त निजी नर्सिंग होम्स, प्रसूति गृह क्लीनिक्ल इस्टेब्लिसमेन्टस्, फिजियोथैरिपी इस्टेबिलसमेन्ट, आउटडोर क्लीनिक तथा क्लीनिकल लैबोरेटरी जिनके द्वारा अभी तक पंजीयन नहीं कराया गया है। शीघ्र निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी ग्वालियर के कार्यालय को प्रस्तुत करें जिससे कि पंजीकरण की कार्यवाही यथाशीघ्र की जा सके।
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