गुरुवार, 4 जून 2009

मैडागास्कर पद्वति धान की पैदावार 2 से 5 गुना बढ़ाने में सहायक

मैडागास्कर पद्वति धान की पैदावार 2 से 5 गुना बढ़ाने में सहायक

लागत कम होने से किसानों को मिलता है आर्थिक लाभ

ग्वालियर, 3 जून 09/ मेडागास्कर पद्वति से धान की पैदावार 2 से 5 गुना तक बढ़ जाती है। साथ ही लागत भी 40 प्रतिशत कम लगती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है। ग्वालियर जिले में धान उत्पादन का लक्ष्य तीन हजार हैक्टेयर रखा गया है ।

       यह जानकारी आज यहाँ कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान के एन.एस.व्ही.सेन्टर में आयोजित बैठक में दी गई  । इस तकनीक की विस्तृत जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि इसमें खाद, बीज एवं पानी, जिले में धान की वर्तमान में ली जा रही किश्मों से कम लगता है । इसमें 8 से 12 दिन की पौध 25 से.मी.की दूरी पर लगाई जाती है तथा नर्सरी भी वर्तमान पद्वति से हटकर लगाई जाती है । इसके लिये धान को बोने से 24 घन्टे पहले भिंगों कर रखना होता हे । पौध ऊगाने के लिये पौध को उखाड़ा नहीं जाता है, गत्ते से उठाते हैं और जड़ को बिना नष्ट किये लगाया जाता है । लेकिन पौध लगाने के लिये 10 दिन से ज्यादा का समय नहीं होना चाहिये । इस किश्म की खोज मैडागास्कर में हुई और 1981 में भारत में आई । अब इसे जिले में धान की पैदावार वाले क्षेत्र में लगाने की योजना है । जिसके लिये तीन हजार हैक्टेयर रकवा का लक्ष्य रखा गया है तथा कम से कम एक हजार किसानों के यहां धान लगाया जायेगा। डबरा एवं भितरवार विकासखण्डों में 1200-1200 हेक्टेयर तथा मुरार एवं घाटीगांव विकास खण्डों में 300-300 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

       कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इस उपयोगी पध्दति को किसानों तक ले जायें, इससे जिले में एक क्रांति आ सकती है। आर्थिक लाभ की बात सुनकर किसान आसानी से इसकी ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जिले के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि होगी तथा इसमें मैदानी अमले का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिये कि जिले के किसान एवं उनकी जमीन की पंजी संधारित करें, किसानों को प्रेरित करें तथा लक्ष्य प्राप्त करें। साथ ही पौध लगने पर पौधों की वृध्दि आदि की गणना अंकित करते रहें। कृषि विभाग के सभी मैदानी अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें। इससे किसानों को लाभ होगा तो वे अपने आप प्रेरित होंगे। श्री त्रिपाठी ने उप संचालक कृषि को निर्देश दिये कि वे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों का प्रशिक्षण करायें तथा प्रशिक्षण के पश्चात मैडागास्कर पध्दति पर कार्य शुरू कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि इसे हल्के से नहीं बल्कि दिल से लिया जाये। प्रशिक्षण 5 जून को रखा जाय। क्षेत्र में किसानों में जाग्रति लाने के लिये फिल्म का प्रदर्शन किया जाय। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभागीय अधिकारी इसे अच्छे से करेंगे। उन्होंने अमानक खाद, बीज व कल्चर के सैम्पल लेने एवं दुकानों की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, उप संचालक कृषि श्री जे एस. यादव, एस डी एम. श्री आदित्य सिंह तोमर, कृषि विभाग के एस डी ओ , एस ए डी ओ. तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

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