मंगलवार, 2 जून 2009

सड़कों के मध्य आने वाले 26 धार्मिक स्थलों का व्यवस्थापन होगा

सड़कों के मध्य आने वाले 26 धार्मिक स्थलों का व्यवस्थापन होगा

कलेक्टर ने ली प्रतिनिधियों की सहमति

ग्वालियर एक जून 09। नगर में सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान सड़कों के मध्य आने वाले धार्मिक स्थलों के व्यवस्थापन के संबंध मे कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज यहां कलेक्टर कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों की सहमति से व्यवस्थापन का कार्य कराने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री पवन शार्मा, अपर कलेक्टर श्री आर के. जैन, संयुक्त कलेक्टर श्री राजेश बाथम, नगर निगम के अन्य अधिकारी तथा धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

      कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने बैठक में बताया कि नगर निगम द्वारा नगर की सड़कों का चौड़ीकरण किया जायेगा। इसके लिये निगम ने हुडकों से ऋण लिया है। लेकिन चौड़ीकरण कार्य में सड़कों के मध्य कुल 26 धार्मिक स्थल ऐसे हैं, जिनका व्यवस्थापन करना आवश्यक है। इनमें 8 ऐसे स्थल है, जो पूरे एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने होंगे तथा 18 को आंशिक रूप से शिफ्ट किया जायेगा। इससे ऋध्दालुओं को भी आने जाने में सुविधा होगी तथा यह शहर के विकास के लिये भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक स्थल पूजनीय है, लेकिन शहर के विकास के लिये व्यवस्थापन कार्य आवश्यक है। उन्होंने बैठक में धार्मिक स्थलवार प्रतिनिधियों से चर्चा की तथा उनकी सहमति ली।

      श्री त्रिपाठी ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे एक वार संबंधित प्रतिनिधियों के साथ स्थल का मुआयना कर लें। जितना आवश्यक हो उतने हिस्से को ही हटाया जाय, स्थल को उससे अधिक क्षति नहीं पहुँचने पाये। उन्होंने कहा कि जो स्थल पूरा शिफ्ट होना है, उसके लिये आस-पास ही जगह दी जाये। साथ ही धार्मिक स्थल की पूरे सम्मान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कराई जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि कोशिश यह की जाये कि यदि स्थल बच रहा है, तो बचाया जाये।

 

व्यवस्थापन निगम के खर्च से होगा

कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने प्रतिनिधियों को अवगत कराया कि धार्मिक स्थलों का व्यवस्थापन निगम के खर्चे पर कराया जायेगा। इसमें स्थल कमेटी पर कोई आर्थिक भार नहीं आयेगा। उन्होंने बताया कि स्थल का यदि कोई हिस्सा हटाना पडा तो उतना ही बनवाया जायेगा तथा यदि पूरा स्थल शिफ्ट करना पड़ा तो नगर निगम पूरा बनवाकर देगा। साथ ही वर्तमान में जो स्थिति है उससे बेहतर स्थल बनवाकर दिया जायेगा।

 

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