सोमवार, 8 जून 2009

सभी चिकित्सक विहीन इकाई में होंगे डॉक्टर तैनात - श्री अनूप मिश्रा

सभी चिकित्सक विहीन इकाई में होंगे डॉक्टर तैनात - श्री अनूप मिश्रा

ग्वालियर- चम्बल संभाग की चिकित्सा विभाग की सूक्ष्म समीक्षा सम्पन्न

हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्‍ब हुआ

ग्वालियर 6 जून 09। ग्वालियर-चंबल संभाग की चिकित्सक विहीन सभी 28 चिकित्सा इकाईयों सहित प्रदेश की ऐसी सभी चिकित्सा इकाइयों में शीध्र की जावेगी डाक्टरों की तैनाती। गुना तथा मुरैना के रीजनल डायग्नोस्टिक सेन्टर को मजबूत किया जायेगा। वहां सी टी. स्कैन एवं अन्य सुविधाओं का क्षेत्र के नागरिकों को लाभ मिलेगा। एक पखवाड़े में श्योपुर जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक को दिये जावेंगे उपकरण तथा समय सीमा में दोनों संभाग की डेढ़ दर्जन सी-मॉक चिकित्सा इकाईयों को पूरी तरह क्रियाशील कर दिया जायेगा। यह निर्णण आज स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं में गुणात्मक सुधार लाने की दृष्टि से स्वास्थ्य मंत्री श्री अनूप मिश्रा की अध्यक्षता में की गई इस विस्तृत समीक्षा बैठक में लिये गये। प्रात: 11 बजे से प्रारंभ इस बैठक में विभाग की इकाई वार तथा योजनावार सूक्ष्म समीक्षा की गई। विभाग के मानव संसाधन, उपकरण, दवाईयों की  उपलब्धता तथा समाज के गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना का लाभ सुनिश्चित करने वाले हर पक्ष की बहुत गहराई से पड़ताल की गई तथा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चिकित्सा अमले को पूरे उत्साह से जन सेवा की नई दिशा दी गई।

      बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री मिश्रा ने दीनदयाल अन्त्योदय योजना के गरीबी रेखा से नीचे का जीवन यापन करने वाले परिवारों के कार्ड बनाने के लिये जिला चिकित्सालयों सहित हर सीमॉक चिकित्सा इकाई में काउण्टर स्थापित करने की हिदायत दी। इसी प्रकार जननी सुरक्षा योजना का लाभ आश्वस्त करने के लिये ग्वालियर में जहां काल सेन्टर स्थापित करने के निर्देश दिये वहीं अन्य जिलों के अधिकारियों से भी उन्होंने व्यावहारिक मार्ग अपनाकर इसका शतप्रतिशत लाभ दिये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अब सभी प्रसव संस्थागत हों इसका पूरा प्रयास होना चाहिये।

      स्वास्थ्य मंत्री श्री मिश्रा ने क्षेत्र में व्याप्त कुपोषण पर गहरी चिन्ता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब कुपोषण आंकलन के पुराने मापदण्डों को छोड़ते हुए नये डब्लू.एच.ओ. मानदण्डों को अंगीकार किया है। नये मानदण्डों के कारण अब पहले से कहीं दुगने बच्चे इस श्रेणी मे आ जायेंगे। फिर इन बच्चों में से कुछ गम्भीर रोगों से ग्रसित भी होंगे जिनकी पहचान कर उपचार होगा और जो व्याधियों से बचे होंगे और जिनका मात्र संतुलित भोजन से उपचार किया जा सकेगा उनके लिये सामुदायिक स्तर पर व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में भी विभाग विचार कर रहा है। फिलहाल उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्दों में कुपोषित बच्चों को अधिक से अधिक लाने की हिदायत दी।

      स्वास्थ्य मंत्री ने समीक्षा बैठक में निश्चेतना विज्ञानी चिकित्सकों सहित विशेषज्ञों की आवश्यकता निरूपित करते हुए दोनों संभाग की चिकित्सा इकाइयों से ऐसे अतिरिक्त चिकित्सकों को अन्यत्र पदस्थापित करने के निर्देश दिये। इसी तरह संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाओं ग्वालियर के कार्यालय के चार चिकित्सकों की सेवायें अन्यत्र उपलब्ध कराने का बैठक में फैसला किया गया। साथ ही बन्द संभागीय कार्यशाला का अमला भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ग्वालियर को सौंपने का निर्णय लिया गया। दोनों संभागों की विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में पदस्थापनाओं के युक्तियुक्तकरण जैसे अन्य कई निर्णय लिये गये।

      बैठक में आर सी एच./एन आर एच एम. एवं टीकाकरण, एक्सरे, सी टी. स्केन मशीनों, ऐम्बुलेन्सों की उपलब्धता, संस्थागत प्रसव, जननी सुरक्षा योजना, दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना, दीनदयाल चलित औषधालय, राज्य बीमारी सहायता योजना सहित परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा की गई। 

      राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में कुष्ठ नियंत्रण, दृष्टिहीनता नियंत्रण, मलेरिया प्रकरणों, क्षय नियंत्रण तथा विविध प्रशिक्षणों, पी सी. एण्ड पी एन डी टी. एक्ट, एम टी पी. की जानकारी व लीगल प्रकरणों तथा स्थापना सम्बन्धी विभागीय अमले की स्थिति पर भी चर्चायें की गई।

      बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. देवराज बिरदी, संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह, आयुक्त स्वास्थ्य सेवायें डॉ. अशोक शर्मा, अपर संचालक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. नीरज दुबे, संयुक्त संचालक के एल. साहू, डॉ. राकेश मुंशी, डॉ. ए एन. मित्तल, ग्वालियर चंबल संभाग के जिला कलेक्टर्स, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें ग्वालियर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिविल सर्जन, स्वास्थ्य अधिकारी आदि उपस्थित थे।

 

 

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