ग्वालियर एस ई जेङ स्थापना के काम में तेजी लावें - डॉ. कोमल सिंह
ग्वालियर 2 जून 09। ग्वालियर में एस ई जेङ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) स्थापना के प्रयास में तेजी लाते हुए संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह ने आज समीक्षा बैठक में अधिकारियों से क्षतिपूरक वनीकरण कार्य को ठोस रूप देने के निर्देश दिये। उन्होंने बैठक में उपस्थित राजस्व अधिकारी को वन विभाग को दी जाने वाली भूमि का रिकार्ड, नक्शा तथा खसरे की कॉपी देने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यह कार्य एक सप्ताह के भीतर अनिवार्यत: सम्पादित कर लिया जावे। संभागायुक्त ने एस ई जेङ की नोडल संस्था मध्य प्रदेश इन्डस्ट्रीयल इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेन्ट कारपोरेशन को वहां मौजूद शिकार गाह के केन्द्रीय संरक्षित स्मारक न होने संबंधी पत्र भी भोपाल से प्राप्त करने की हिदायत दी व अन्य कामों को भी तेजी से पूरा करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में 1300 हेक्टेयर का निर्यात योग्य बहु उत्पादों के निर्माण वाला औद्यौगिक क्षेत्र एस ई जेङ स्थापित किया जाना है। इस एस ई जेङ की स्थापना से निर्यात होने वाले उत्पादों को सेन्ट्रल एक्साईज, कस्टम सहित करों में छूट रहती है। तेरह सौ हेक्टेयर क्षेत्र वाले इस औद्यौगिक स्थापना का 60 प्रतिशत भाग फैक्ट्री एवं उत्पादन ईकाइयों वाला होगा। शेष 40 प्रतिशत हिस्से में आवासीय एवं व्यवासायिक क्षेत्र, स्कूल, चिकित्सालय, जन सुविधा आदि होंगी। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2004 में ही इस एस. ई जेङ की सहमति दी थी। राज्य शासन का प्रस्ताव कुछ औपचारिकताओं की पूर्ति के अभाव में केन्द्र द्वारा वापिस कर दिया गया था। संभागायुक्त ने इन सब कमियों को दूर करने हेतु सूक्ष्म समीक्षा की। उन्होंने वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक श्री आर बी. सिन्हा तथा वन संरक्षक श्रीमती सुमीता राजौरिया द्वारा इस दिशा में प्रदर्शित विशेष रूचि की सराहना की। यह दोनों अधिकारी आज बैठक में भी शामिल थे। बैठक में नोडल संस्था के वित्तीय सलाहकार श्री ए के. खण्डेलवाल तथा महाप्रन्धक श्री अनूप चौबे जिला कलेक्टर के नुमाइंदे बतौर डिप्टी कलेक्टर श्री शरद श्रोत्रिय एवं केन्द्रीय पुरातत्व विभाग के नुमाइन्दे भी विशेष रूप से उपसिथत थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें