गुरुवार, 11 जून 2009

सम्पत्तिकर में बेहतर वसूली के लिये कर्तव्यनिष्ठ कर संग्रहकों को पुरूस्कृत किया गया

सम्पत्तिकर में बेहतर वसूली के लिये कर्तव्यनिष्ठ कर संग्रहकों को पुरूस्कृत किया गया

ग्वालियर दिनांक 09.06.2009- नगर निगम ग्वालियर के सम्पत्तिकर अमले द्वारा सम्पत्तिकर वसूली में जो बेहतर वसूली की है उसका श्रेय कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को ही जाता है। वसूली स्टाफ द्वारा जो सफलतायें हासिल की हैं वे स्वागत योग्य हैं। उक्त उद्गार महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा नगर निगम के सम्पत्तिकर वसूली स्टाफ द्वारा वर्ष 2008-09 के सम्पत्तिकर वसूली अभियान में उल्लेखनीय प्रगति करने वाले कर संग्रहकों को पुरूस्कृत करने वाले समारोह में व्यक्त किये।

       उन्होंने कहा कि नगर निगम का प्रयास है कि निगम के कर्मचारियों को आधुनिकतम सुविधायें उपलब्ध कराई जाये ताकि कार्य की गुणवत्ता में सुधार आवे एवं पारदर्शिता स्थापित हो। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था की जान उस संस्था के कर्मचारी होते हैं कर्मचारी ही संस्था की साख बढ़वाते हैं और निगम के कर्मचारियों की उत्कृष्ट कार्य से आज नागरिकों की धारणा नगर निगम के विषय में बदली है। उन्होंने कहा कि सेवा और वसूली दोनों के ही लक्ष्य पूरे करने पर संस्था आगे बढ़ सकेगी। यदि वसूली बढ़ेगी तब ही शहर का विकास संभव हो पायेगा। महापौर ने उन कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया है जिन्होंने पिछले 4 वर्षों में सम्पत्तिकर वसूली में प्रभावी कार्यवाही कर वसूली को तीन गुना कर दिया है।

       निगमायुक्त पवन कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि 1997 से 2004 तक के वसूली संबंधी रिकार्ड अपडेट करना है। ये रिकार्ड अपडेट हो जाने के बाद हमारी मांग 48 करोड़ की होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में नगर निगम द्वारा सम्पत्तिकर वसूली के लिये अपनाई जा रही विभिन्न तकनीकियों से नागरिकों में टैक्स देने की प्रवृत्ति उत्पन्न हुई है। लगभग सभी वार्डों और क्षेत्रों से अब सम्पत्तिकर आना प्रांरभ हो गया है।

       सम्पत्तिकर अधिकारी/कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये निगमायुक्त ने उन्हें निगम का कमाऊ पूत निरूपित किया और कहा कि कमाऊ पूत से ज्यादा अपेक्षा होती है। निगम की जितनी अधिक कमाई होगी हम शहर का उतना ही अच्छा विकास कर सकेगे। उन्होंने कहा कि वसूली प्रक्रिया में प्रशासन से ज्यादा विरोध निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सहना पड़ा। फिर भी शहर के विकास को दृष्टिगत रखते हुये किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा वसूली की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं किया। हमारा यह अनुभव है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने वसूली की कार्यवाही में हमारे ऊपर आने वाले विरोध को सहकर सॉक ओब्जरवर का काम किया इससे बेहतर परिस्थितियों निर्मित हुई और इन परिस्थितियों में हम और बेहतर तरीके से कार्यवाही कर सकते हैं।

       उन्होंनें कर वसूली कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिये कि निरंतर वसूली व नागरिकों का विश्वास। हमारा यदि रिकार्ड दुरूस्त होगा तो नागरिकों को किसी प्रकार की शंका नहीं होगी हमें अधिक से अधिक कर मिलेगा। निगमायुक्त ने सम्पत्तिकर कर्मचारियों को अपना रिकार्ड दुरूस्त रखने के निर्देश दिये गये।

       इससे पूर्व नगर निगम के सम्पत्तिकर प्रभारी अभय राजनगांवकर द्वारा वर्ष 2008-09 में सम्पत्तिकर विभाग द्वारा सम्पत्तिकर वसूली के लिये अपनाई गई विभिन्न प्रयासों की जानकारी माननीय महापौर महोदय तथा निगमायुक्त को दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सम्पत्तिकर वसूली में कुर्की की कार्यवाही के अलावा अनेक शासकीय कार्यालयों वाले प्रायवेट भवनों के किराये भी अटैच किये गये। साथ ही चैम्बर ऑफ कॉमर्स तथा जीवाजी क्लब जैसी प्रभावशाली संस्थाओं से भी माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर सम्पत्तिकर प्राप्त हुआ। उन्हाेंने आगे बताया कि नगर के नागरिकों का विभाग द्वारा भरपूर विश्वास अर्जित किया गया है। आगामी वर्षों में जी.आई.एस. सर्वे के माध्यम से प्रोपर्टी टैक्स में और अधिक बढोत्तरी की जावेगी।

       क्षेत्रीय कार्यालय क्र. 6 अंतर्गत 99 प्रतिशत से अधिक वसूल करने वाले कर संग्रहक शशिकांत शुक्ला, रामप्रताप सिंह भदौरिया, क्षेत्र क्र. 7 के अंतर्गत राजेन्द्र कुशवाह, क्षेत्र क्र. 9 के अंतर्गत महेन्द्र शर्मा, क्षेत्र क्र. 10 के अंतर्गत प्रमोद महेश्वरी, क्षेत्र क्र. 12 के अंतर्गत रमेश शर्मा, गोपाल सक्सैना, क्षेत्र क्र. 17 के अंतर्गत नईम खान, क्षेत्र क्र. 18 के अंतर्गत कमल चतुर्वेदी, क्षेत्र क्र. 20 के अंतर्गत बाबूलाल को पुरूस्कृत किया गया तथा गत वर्ष की तुलना में बेहतरीन कर वसूली के लिये क्षेत्र क्र. 8 के हरि सिंह भदौरिया,  क्षेत्र क्र. 11 के देवेन्द्र सिंह भदौरिया, क्षेत्र क्र. 14 के योगेन्द्र श्रीवास्तव, क्षेत्र क्र. 7 के रामनारायण बंसल आदि को भी पुरूस्कृत किया गया।

 

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