सोमवार, 1 जून 2009

राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में करें - कलेक्टर

राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में करें - कलेक्टर

राजस्व अधिकारियों की बैठक सम्पन्न

ग्वालियर 30 मई 09 राजस्व अधिकारी दर्ज प्रकरणों का प्राथमिकता से समय सीमा में निराकरण करें। विशेषकर 6 माह से अधिक अवधि के लंबित प्रकरणो की संख्या को निरंक किया जाये। ये निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान के एन एस व्ही. सेंटर में आयोजित जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिये। बैठक में उन्होंने राजस्व अधिकारीवार दर्ज एवं निराकृत प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आर के. जैन, श्री वेदप्रकाश, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्री राजेश बाथम, श्री नियाज अहमद खान, एस डी एम. श्री आदित्य सिंह तोमर, श्री शिवराज सिंह वर्मा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शरद श्रोत्रिय, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

       कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने बैठक में अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, विवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, वन व्यवस्थापन, वन राजस्व सीमा विवाद, खसरा नकल का प्रदाय, पट्टे की भूमि पर कब्जे का सत्यापन, चांदा पत्थर, विभागीय जांच, चरनोई भूमि, राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण की स्थिति तथा राजस्व एवं बैंक वसूली की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने अविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के लंबित प्रकरणों का 30 जून तक निराकरण कर इस आशय का प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिये। विशेष कर 6 माह से अधिक अवधि के लंबित प्रकरणों की संख्या निंरक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पंचायतों का कार्य उन्हें करने दें, यदि पंचायतें कार्य नहीं करती हैं। तो राजस्व अधिकारी करें। इसी प्रकार विवादित प्रकरणों के निराकरण के लिये सुनवाई नियमित करने के निर्देश दिये। उन्होंने खसरा की नकल भू स्वामी के मांगे जाने पर तत्काल जारी करने को कहा। इसी प्रकार अनुसूचित जाति, जनजाति एवं भूतपूर्व सैनिकों को दिये गये भूमि के पट्टे का सत्यापन करने के निर्देश दिये। यदि किसी पट्टेधारी को कब्जा नहीं मिला है तो दिलाया जाये। श्री त्रिपाठी ने सीमा चिन्ह के लिये चांदा पत्थर राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजनान्तर्गत लगवाने के निर्देश भी दिये। चरनोई भूमि के संबंध में उन्होंने बताया कि चरनोई भूमि का उपयोग केवल सार्वजनिक प्रयोजन के लिये ही हो सकेगा। अब इसके पट्टे नहीं दिये जा सकेंगे।

 

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