गुरुवार, 4 जून 2009

बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिये हर तरह से मुस्तैद रहने के निर्देश

बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिये हर तरह से मुस्तैद रहने के निर्देश

ग्वालियर 3 जून 09। जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिये कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने अधिकारियों को हर प्रकार से मुस्तैद रहने के निर्देश दिये है। विशेष कर वर्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील गांवों में लगातार चौकसी बनाये रखने के निर्देश दिये। श्री त्रिपाठी ने ये निर्देश आज यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान के एन एस व्ही. सेटर में बाढ़ एवं अतिवृष्टि के संबंध में आयोजित बैठक में दिये। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री ए . सांई मनोहर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, एस डी एम. श्री आदित्य सिह तोमर, डिप्टी कलेक्टर श्री नियाज अहमद खान तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

       बैठक में जानकारी दी गई कि वर्षा की दृष्टि से जिले में कुल 62 गांव संवेदनशील तथा सात गांव अति संवेदनशील है। अति संवदेनशील गांवों में ग्वालियर के तीन तिघरा, महिदपुर एवं कुलैथ, भितरवार के पलाइछा, एवं पवाया तथा डबरा के चांदपुर एवं अर्रूसी गांव शामिल है। कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि अति संवेदनशील गांव की सूची संबंधित थाना एवं राजस्व अधिकारी को उपलब्ध कराई जाये। साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया जाय। होमगार्ड के कमाण्डेण्ट ने बताया कि  उनके पास 8 नावें हैं। इनमें से एक इंजन वोट ग्राम पलाइछा के लिये हरसी में रखवाने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने वोट चालक को प्रशिक्षण देने, चालकों का सम्पर्क नम्बर रखने, चालकों की सूची बाढ़ राहत नियंत्रण कक्ष को देने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जिले के किसी भी बांध से पानी छोड़ने के पर्याप्त समय पूर्व सूचना ग्रामीणों को दी जाये। साथ ही बांधों के जल स्तर की प्रतिदिन रिपोर्ट दी जाये एवं बाधों के प्रभारी अधिकारी बनाये जायें। श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि एस डी एम. स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किये जायें। जो 15 जून से शुरू कर दिये जायें। उन्होंने प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी बनाने, उनके दूरभाष नम्बर रखने, पहुँच विहीन गांवों में खाद्यान भण्डारण करने, पुलों की रैलिंग ठीक कराने, आवश्यक सांकेतक लगाने, पुलों की सूची देने, नहर क्रासिग पर सुरक्षा उपाय करने, विद्युत मण्डल की गेंग बनाने, पर्याप्त दवाई रखने, गोताखोर एवं तैराकों की सूची तैयार करने, सभी शासकीय संसाधनों को तैयार रखने तथा अधिनस्थ अधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिये।

       ग्वालियर शहरी क्षेत्र के संबंध में श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि पूर्व में बाढ़ से प्रभावित बस्तियों को चिन्हित किया जाये कि बाढ़ की स्थिति पैदा होने पर वहां के निवासियों को कहां शिफ्ट करेंगे, उन स्थानों को तय कर लिया जाये। साथ ही नगर के लिये नाव तैयार रखी जाय तथा इसके लिये पूरी कार्य योजना बनाकर भेजी जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि राहत शिविरों का प्रभारी नगर निगम के किसी उपायुक्त को बनाया जाये। साथ ही शहर के पुल पुलियों का सुधार कराया जाये, नालों की सफाई कराई जाय, अतिक्रमण हटाये जाय तथा सफाई कार्य 20 जून तक पूरा करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने खतरनाक घोषित मकानों की सूची तैयार करने, उन्हें तोड़ने की कार्रवाई करने, फायर ब्रिगेड मय आवश्यक सामग्री एवं अमला के तैयार रखने, रास्तों की सफाई कराने, मृत पशुओं को तत्काल हटवाने तथा मलवा आदि हटाने के लिये दल तैयार रखने के निर्देश दिये। बैठक में जानकारी दी गई कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं नगर निगम में स्थापित किये जायेंगे।

 

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