सोमवार, 1 जून 2009

शिक्षा महाविद्यालय की संस्थान विकास समिति का गठन

शिक्षा महाविद्यालय की संस्थान विकास समिति का गठन

संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह द्वारा शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने पर बल

ग्वालियर 30 मई 09। संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह की अध्यक्षता में आज यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में आयोजित बैठक में शासकीय शिक्षा स्नातकोत्तर महाविद्यालय ग्वालियर की संस्थान विकास समिति   का गठन किया गया। इस समिति के अध्यक्ष संभागायुक्त डॉ.सिंह, उपाध्यक्ष कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी , सचिव शासकीय शिक्षा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सी बी. लघाटे एवं कोषाध्यक्ष कोषालय अधिकारी होंगे। इनके अलावा चार अन्य सदस्य भी समिति में रहेंगे।

      राज्य शासन के निर्देशानुसार समिति का गठन शिक्षा के विकास के लिये स्थानीय नागरिकों से स्वैच्छिक रूप से संसाधन एकत्रित करने, विभिन्न गतिविधियों एवं शिक्षक शिक्षा से संबंधित विषयों के अध्ययन के लिये शुल्क निर्धारित करने, शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्धारण एवं संसाधन विकसित करने, शासन के नियमों के अनुसार प्रवेश नियमों का निर्धारण, जन सहयोग के जरिये जुटाये गये संसाधनों का उपयोग संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु करने तथा राष्ट्रीय  अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षक संस्थानों के लिये निर्धारित मानक के अनुरूप प्रशिक्षण संस्थानों में उत्कृष्टता स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया है।

       संभागायुक्त डॉ. सिंह ने बैठक में निर्देश दिये कि समिति में अशासकीय सदस्यों का चयन किया जाय तथा अन्य समितियां गठित की जायें। उन्होंने निर्देशित किया कि समिति के सचिव एवं कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक में खाता खुलवाया जाये। उन्होंने समिति के कार्य संपादन के लिये दानदाताओं से दान एकत्रित करने एवं महाविद्यालय में बी एङ की सीट बढ़ाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने महाविद्यालय में विषयवार सरकारी शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। साथ ही अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिये शुल्क निर्धारित कर प्रशिक्षण की व्यवस्था करने पर विचार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये पाठयक्रम अनुसार समय निर्धारित किया जाये। प्रशिक्षण के पश्चात टेस्ट लिया जाय तथा पास होने पर ही आगामी वेतन वृध्दि लगाई जाय। उन्होंने कहा कि ग्वालियर के शिक्षा महाविद्यालय को उत्कृष्ट प्रशिक्षण केन्द्र बनाकर शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाई जाय। डॉ. सिंह ने निर्देश दिये कि स्थानीय रूप से एकत्रित किये गये वित्तीय संसाधनों को किसी अनुसूचित बैंक में समिति की निधि के रूप में रखा जाय। इस निधि का उपयोग समिति द्वारा स्वयं निर्धारित नियमों, प्रक्रिया के अनुसार संस्थान की अधोसंरचना के विकास के लिये किया जाये।

 

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