मंगलवार, 9 जून 2009

ग्वालियर-चंबल संभाग में समन्वित प्रयास से समग्र स्वच्छता अभियान चलावें -डा. कोमल सिंह

ग्वालियर-चंबल संभाग में समन्वित प्रयास से समग्र स्वच्छता अभियान चलावें -डा. कोमल सिंह

समाचार अपडेशन- बिजली कटोती के कारण नहीं

खेद सूचना

हमें खेद है कि मुरैना म.प्र. में चल रही पिछले चार पाँच दिन से पूरे दिन और रात की बिजली कटोती के कारण समाचार अद्यतन नहीं हो पा रहा है । फेलुअर विद्युत व्यवस्था सही होने पर पूर्ववत अद्यतन किया जा सकेगा । अभी शहर मुरैना में हर दस मिनिट बाद घण्टे दो घण्टे के लिये बिजली कटोती की जा रही है ।

ग्वालियर 8 जून 09 । हर ग्राम को निर्मल ग्राम बनाना चाहिये परन्तु चिन्ता की बात है कि ग्वालियर- चंबल संभाग में समग्र स्वच्छता अभियान को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी है । इस लक्ष्य को पाने के लिये व्यक्तिगत, सामुदायिक, ग्राम पंचायत तथा शासन स्तर पर सुनियोजित प्रयासों की महती आवश्यकता है । उक्त आशय के विचार ग्वालियर संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने आज यहां मोटल तानसेन रेसीडेंसी में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन भोपाल तथा जिला जल एवं स्वच्छता समिति ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये । उन्होंने आगे कहा कि समग्र स्वच्छता के प्रति नागरिकों को जागरूक बनाया जाना चाहिये ताकि हमारा समाज पूर्ण रूप से स्वस्थ रह सके । डा. सिंह ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुये कहा कि अधिकतर लोग गंदगी से तो वाकिफ हैं परन्तु उन्हें समग्र स्वच्छता की अवधारणा से बाबस्ता कराने की जरूरत है । घर, मोहल्ले और पूरे गांव की जल-मल निकासी तथा अपशिष्ठ प्रबंधन के प्रति व्यक्तिगत, सामुदायिक,स्थानीय शासन मसलन पंचायत तथा राज्य शासन से संबंधित विभाग अर्थात जिला पंचायत कार्यालय समन्वित जवाबदारी का सजग निर्वहन करें तभी इस पुनीत लक्ष्य को अर्जित किया जा सकता है ।

      जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने उपस्थित सरपंचों, अशासकीय संगठन के सदस्यों, कार्यक्रम समन्वयकों तथा अधिकारियों को समग्र स्वच्छता अभियान को जन आन्दोलन बनाने की अपील की । उन्होंने कहा कि सिर्फ शौचालय के निर्माण मात्र से ही उद्देश्य पूरा नहीं होता अपितु हमें एक माहौल बनाना है जिससे खुले में शौच की प्रथा को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से निर्मल ग्राम अवार्ड के प्रस्ताव बनाने में सभी मानदंडों का ध्यान रखने की भी हिदायत दी ।

      कार्यशाला के प्रारंभ में भोपाल से पधारे उपायुक्त श्री एस के सोनी ने समग्र स्वच्छता अभियान की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुये निर्मल ग्राम एर्वाड हेतु निर्धारित नये मानदंडों की विस्तार से जानकारी दी । श्री सोनी ने बताया कि गांव के आवास शौचायलययुक्त हों । जहां व्यक्तिगत शौचालय की कमी हो वहां अधिकतम तीन परिवार एक शौचालय का उपयोग कर सकते हैं । ऐसे शौचालयों पर तीन चाबियों वाला ताला डाला जा सकता है ।

      गांव के शासकीय अथवा अशासकीय भवन में लगने वाली शाला, आंगनवाड़ी आदि शौचालययुक्त हों । गांव की जल-मल निकासी तथा अपशिष्ठ प्रबंधन का माकूल बंदोबस्त हो तभी उसे निर्मल ग्राम की संज्ञा दी जा सकेगी । श्री सोनी ने बताया कि राज्य से 2700 ग्रामों के प्रस्ताव भेजे गये थे जिनमें से मात्र सात सौ ही मानदंडों पर खरे उतरे । अस्वीकृत गांवों में से 100 ग्रामों में कमियों की पड़ताल वाला अध्ययन किया गया । इनमें 88 ग्रामों में शौचालय तो निर्मित थे परन्तु उनका उपयोग नहीं किया जा रहा था । इन सौ गांवों में से 93 गांवों में लोग खुले में शौच करते पाये गये ।

      कार्यशाला में यूनीसेफ सलाहकार श्री गौतम महतो, नावार्ड के सलाहकार श्री ए एम खान, अशासकीय संगठन धार की सुश्री गायत्री परिहार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री विनोद शर्मा सहित विकासखंड समन्वयक, जिला समन्वयक एवं सरपंच आदि 75 डेलीगेट शामिल हुये । कार्यक्रम का संचालन जिला पंचायत ग्वालियर के परियोजना अधिकारी डा. विजय दुबे ने किया ।

 

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