सोमवार, 1 जून 2009

मलेरिया नियंत्रण आदर्श उपविधि का उल्लंघन करने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना होगा

मलेरिया नियंत्रण आदर्श उपविधि का उल्लंघन करने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना होगा

मच्छरों का लार्वा खाने वाली सत्तर लाख गम्बूसिया मछली डाली जाएगी

भोपाल 31 मई 09। मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए तय आदर्श उपविधियों का उल्लंघन जो भी करेगा उस पर पांच सौ रूपये का जुर्माना किया जायेगा। इस वर्ष मच्छरों का लार्वा खाने वाली सत्तर लाख गम्बूसिया मछलियां ऐसे स्थानों पर डाली जाएंगी जहां पर मच्छर पनपने की संभावना होगी। इस आशय के दिशा निर्देश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं उर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा के निर्देश पर राज्य शासन ने आयुक्त स्वास्थ्य सेवाऐं, तथा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा मैदानी अधिकारियों को दिए है।

राज्य शासन द्वारा भेजे गये परिपत्र में कहा गया है कि मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया बीमारी के उपचार एवं नियंत्रण के प्रभावी उपाय किये जाए। इसके लिए सीमेंट की टंकी, मटके, नाद, कूलर, टायर, कुएं, घर के आसपास एकत्रित पानी पोखर एवं वह स्थान जहां एक सप्ताह से अधिक पानी जमा रहता है को चिन्हित कर इसका उपचार किया जाए। इसे खाली करने और फिर भरने के संबंध में लोगों में जागरूकता लाई जाए। परिपत्र में कहा गया है कि नगरीय निकाय अपने पास उपलब्ध धनराशि से टेमोफॉस, पेराथ्रम की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। इसके लिए तकनीकी मार्गदर्शन मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी से प्राप्त करें। उपरोक्त दवाईयां उपलब्ध न होने पर स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं से संपर्क करें ताकि वे टेमोफास एवं पेराथ्रम दवाईयां उपलब्ध करा सकें। परिपत्र में कहा गया है कि मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए गम्बूसिया मछली का संचय करने और समय-समय पर ऐसे जल स्त्रोतों में मछली डालने को कहा गया जहां मच्छर उत्पन्न होने की संभावना रहती है ताकि मच्छराेंं की उत्पत्ति पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकें। इसके लिए इस वर्ष 70 लाख गम्बूसिया मछलियां ऐसे स्थानों में डालने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

नगरीय प्रशाासन एवं विकास विभाग द्वारा मलेरिया और मच्छरों से उत्पन्न बीमारियों के नियंत्रण के संबंध में बनाई गई उपविधियों का प्रभावी रूप से पालन कराए जाने के निर्देश परिपत्र में दिए गए है। क्या है उपलब्धियां :- इन उपविधियों में किसी भी परिसर में जिसमें बहते पानी या एकत्रित पानी में लार्वा होने की संभावना हो उस भवन स्वामी को मुख्य नगर पालिका अधिकारी लिखित में सूचना देकर नियत समय में उनके द्वारा सुझाए गए उपाय करने के लिए बाध्य कर सकता है, यदि सूचना देने पर भी व्यक्ति या संस्था द्वारा उपाय नहीं किए जाते है तो मुख्य नगर पािलका अधिकारी स्वयं के उपाय कर उस पर होने वाले व्यय की राशि संबंधित व्यक्ति या संस्था से वसूल कर सकता है। किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा ऐसे कार्य किए जाते है जिससे मच्छर उत्पन्न होते है उस पर नगरपािलका रोक लगा सकती है। नगरपालिका अधिकारी द्वारा अगर किसी भूमि, भवन या परिसर में मच्छरों को नष्ट करने का कार्य नियत किया जाता है तो कोई भी व्यक्ति ऐसे किए गए कार्य में न विघ्न डाल सकता, न हानि पहुंचा सकता है, न नष्ट या अनुपयोगी बना सकता है। अगर ऐसा किया जाता है तो इस पर होने वाला व्यय संबंधित से वसूला जाएगा। उपविधि के अनुसार भवन, सड़कों और बांधों की मरम्मत के दौरान किए गए गड्ढ़ों को निकासी से जोड़ने का प्रावधान है। किसी भी भवन या परिसर में ऐसे कार्य नहीं किए जा सकते है जिससे पानी रूके और मच्छर उत्पन्न हो। उपविधि के अनुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी को अधिकार होगा कि वह किसी भी भवन में निरीक्षण के लिए प्रवेश कर सकें। उपरोक्त उपविधियों का उल्लंघन अगर किसी भी व्यक्ति, संस्था द्वारा किया जाता है तो उस पर पांच सौ रूपये का जुर्माना करने का प्रावधान उपविधि में किया गया है।

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