तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को जन आन्दोलन बनाना होगा, कार्यशाला में हुआ फैसला
ग्वालियर 17 जून 09 । भारतवर्ष में तम्बाकू सेवन से होने वाले रोगों से हर घंटे 90 लोग मर जाते हैं । पूरे विश्व में घातक बीमारियों अथवा युध्दों में भी उतने लोग नहीं मरते जितने तम्बाकू जनित रोगों का शिकार हो कर दुनिया से कूच कर जाते हैं। तम्बाकू सेवन की बुरी लत हमारे समाज में इस कदर व्याप्त हो चुकी है कि उसे सामाजिक सौजन्यता का दर्जा मिल चुका है और हम घर आये मेहमानों को तम्बाकू,सुपारी, बीड़ी और सिगरेट प्रस्तुत करते हैं । सजा भी देनी हो तो हुक्का पानी बन्द करने का फरमान सुनाते हैं । देश की युवा पीढ़ी खासकर किशोर वर्ग इस बुरी लत को सबसे जल्दी अपनाने लगा है, जो चिन्ता का विषय है । युवा वर्ग और नये लोग तम्बाकू सेवन न करें और जो लोग तम्बाकू सेवन कर रहे हैं वे भी इस बुरी लत से निजात पा सकें इसके लिए लोगों को तम्बाकू से उत्पन्न खतरे के प्रति जानकारी देकर जागरूकता लानी होगी । तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को जन आंदोलन बनाना होगा, ताकि ग्वालियर जिले और भारतीय समाज में तम्बाकू सेवन से हो रही क्षति व मौतों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके । यह सन्देश आज यहाँ क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र में तम्बाकू नियंत्रण विषयक कार्यशाला में पूरी शिद्दत से दिया गया । उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में ठोस पहल करते हुए जो मुहिम प्रारंभ की है उसमें प्रदेश के दो जिलों ग्वालियर एवं खण्डवा में पायॅलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किये गये हैं ।
कार्यशाला को तीन विषय विशेषज्ञों डा0 योगेन्द्र पहारिया विभागाध्यक्ष दंत चिकित्सा विभाग, डा0बी. आर. श्रीवास्तव ऑनकालोजिस्ट चिकित्सा महाविद्यालय तथा डा0 मुकेश चुगलानी मनोरोग चिकित्सक ने तम्बाकू जन्य व्याधियों मसलन ओरल कैन्सर आदि की विस्तार से जानकारी दी । डा0 चुगलानी ने तम्बाकू सेवन की लत के न्यूरो रसायन आधार की जानकारी देते हुए उससे छुटकारा पाने का मार्ग बताया। उन्होंने इस कार्य के लिए सतत प्रयास पर बल दिया तथा उपलब्ध दवाईयों की भी जानकारी दी। तीनों विषय विशेषज्ञों ने दृश्य एवं श्रव्य माध्यम का उपयोग कर तम्बाकू की भयानकता का जीवंत एहसास कराया ।
विद्यालयों के प्राचार्यों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की इस एक दिवसीय कार्यशाला के उद्धाटन सत्र के मुख्य अतिथि डा0 एस.के. मीना ने तम्बाकू के दुश्प्रभावों के प्रति सामाजिक जागरूकता उत्पन्न करने की महती आवश्यकता निरूपित की ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 अर्चना शिंगवेकर ने ग्वालियर जिले में जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के मार्ग दर्शन में चलाये जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जानकारी दी । उन्होनें कहा कि विद्यालय प्राचार्यों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों की इस कार्यशाला के बाद निकट भविष्य में समाज सेवियों, अशासकीय संगठनों, एन.एस.एस. सहित विभिन्न ओपीनियन बिल्डर्स वर्ग की कार्यशालाएँ आयोजित की जावेंगी ताकि तम्बाकू नियंत्रण का संदेश घर - घर तक पहुँच सके ।
ग्वालियर जिले के तम्बाकू नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डा0 आलोक पुरोहित ने अपने उद्बोधन मे बताया कि अब सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करते पाये जाने पर दो सौ रूपये तक का जुर्माना किया जा सकेगा । धूम्रपान करते पाये जाने वाले छात्रों को भी जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। साथ ही शाला परिसर के 100 मीटर की परिधि में तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले भी दंडित होंगे । तम्बाकू उत्पाद विक्रेता अब 18 वर्ष से कम आयु वालों को सामान नहीं बेच सकेंगे । कार्यशाला में सिविल सर्जन डा0 कल्पना जैन, डा0 शर्मा, डा0 सी.पी. गुप्ता सहित काफी संख्या में विद्यालयों के प्राचार्यगण एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी गण शामिल थे । कार्यशाला का संचालन डा0 सुरभि शाह ने किया ।
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