शनिवार, 4 जुलाई 2009

विश्व सहकारिता दिवस आज

विश्व सहकारिता दिवस आज

ग्वालियर 3 जुलाई 09। प्रति वर्ष की भाँति इस वर्ष भी जुलाई माह के प्रथम शनिवार को विश्व सहकारिता दिवस मनाया जायेगा। मौजूदा वर्ष के अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर ''ड्राइविंग ग्लोबल रिकव्हरी थ्रो कोऑपरेटिव'' विचार बिन्दु सहकारीजनों के समक्ष रखा गया है। इस दिवस पर सहकारिता के महान लोकतांत्रिक विचारों के अनुरूप मिलजुल कर संपदा सृजन और समान वितरण के लक्ष्य को लेकर कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया जाता है। सहकारी संस्थान आर्थिक उत्थान और विश्व शांति का संदेश भी इस दिवस पर देते हैं। मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री अरूण सिंह तोमर ने सहकारीजनों से अपील की है कि वे विश्व सहकारिता दिवस पर '' एक सभी का सब एक के'' नारे को प्रचारित करें। साथ ही सहकारी सफलताओं की चर्चा कर सहकारिता के लक्ष्य को आमजन के समक्ष रखें, ताकि सहकारिता के माध्यम से समाज में समृध्दि और समरसता बढ़े।

       इतिहास के पन्ने पलटने पर ज्ञात होता है कि वर्ष 1923 से अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता संघ द्वारा हर वर्ष जुलाई माह के पहले शनिवार को विश्व सहकारिता दिवस मनाया जाता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1923 में जुलाई माह के प्रथम शनिवार को मनाये गये पहले विश्व सहकारिता दिवस को सहकारिता को सर्वमान्य पहचान देने का उद्देश्य रखा गया था। अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता संघ के तत्कालीन अध्यक्ष श्री जी जे डी सी. गोदर्थ ने सहकारी आन्दोलन के विकास में बाधा बने कारणों की तरफ ध्यान आकृष्ट कर यह प्रस्ताव रखा कि प्रत्येक देश में प्रचार -प्रसार दिवस या प्रचार-प्रसार संध्या समारोह आयोजित कर विश्व भर में यह बताया जाये कि सहकारिता आन्दोलन क्या कर रहा है। यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया और वर्ष 1922 में सम्पन्न कार्यकारिणी की बैठक में जुलाई के प्रथम शनिवार को विश्व सहकारिता दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। तभी से हर वर्ष विश्व सहकारिता दिवस मनाया जा रहा है। 1923 में जब प्रथम बार इसका आयोजन हुआ तब इसमें सहकारिता का संवर्धन, अन्तर्राष्ट्रीय एकता, आर्थिक दक्षता, शांति और समानता की चर्चा प्रमुखता से हुई। तब से यह दिवस सहकारिता के आन्दोलन के रूप में भी मनाया जाता है। विश्व सहकारी आंदोलन के शीर्ष संस्थान अन्तर्राष्ट्रीय सहकारी परिसंघ की स्थापना 1885 में हुई। वर्ष 1995 में जब आई सी ए. ने अपना शताब्दी समारोह मनाया तब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी विश्व सहकारिता दिवस को अपनी मान्यता प्रदान की। उसी वर्ष पहला संयुक्त राष्ट्र विश्व सहकारिता दिवस मनाया गया। इससे सहकारिता की विश्व स्तर पर उपस्थिति से आमजन परिचित होते हैं। सन् 1995 में सहकारिता के विश्वमान्य सिध्दान्तों को नये स्वरूप में मान्यता दी गई है। जिसके तहत सिध्दान्तों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सहकारिता से प्राप्त होने वाली समृध्दि से किस प्रकार संतुष्टि प्राप्त होती है, इसका एहसास सभी को कराने पर विशेष जोर दिया जाता है।

 

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