सोमवार, 6 जुलाई 2009

महाराज बाड़े को अतिक्रमण मुक्त कराने के सिलसिले में कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक

महाराज बाड़े को अतिक्रमण मुक्त कराने के सिलसिले में कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक

ग्वालियर 4 जुलाई 09। उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में पारित किये गये एक आदेश के परिपालन में महाराज बाड़े को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई त्वरित गति से अंजाम देने के सिलसिले में आज जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को साफतौर पर हिदायत दी कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सुव्यवस्थित रणनीति बनाकर और सतत् रूप से की जाये, ताकि लोग पुन: अतिक्रमण न कर सकें। यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में आयोजित हुई बैठक में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री आर के. जैन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री बी एस. चौहान सहित नगर निगम व विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी एवं संबंधित नगर दण्डाधिकारी व नगर पुलिस अधीक्षक आदि अधिकारी मौजूद थे। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ की युगल बैंच द्वारा हाल ही में एक जनहित याचिका पर महाराज बाड़े को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश पारित किया है।

      जिला कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिये कि महाराज बाड़े से अस्थाई प्रकृति व पूरी तरह अस्थाई अर्थात सड़क पर रोजाना दुकान लगाकर किये जाने वाले अतिक्रमण सहित अन्य प्रकार के अतिक्रमण हटाने से पूर्व मुनादी (एनाउंसमेंट) कराकर लोगों को स्वत: अतिक्रमण हटाने के लिये सूचित करें। इसके पश्चात भी यदि लोग अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो सख्ती से अतिक्रमण हटा दें और इस कार्रवाई में जप्त सामग्री को नीलाम करें। उन्होंने कहा अतिक्रमण स्थाई रूप से हट सकें इसके लिये स्थाई रूप से अभियान चलाया जाये। अतिक्रमण हटाने से पूर्व व बाद की स्थिति की फोटोग्राफी कराने की हिदायत भी उन्होंने दी। यातायात में अवरोधक बने विद्युत, टेलीफोन आदि के खम्बे हटाने के लिये विभागीय अधिकारियों को त्वरित गति से कार्रवाई करने निर्देश भी दिये गये। नगर निगम के अधिकारियों को सड़क के मैन होलों के लेवल सड़क के बराबर लाने व सड़क को सुंदर बनाने के लिये निर्देशित किया गया। उच्च न्यायालय के आदेश में वर्णित अन्य बिंदुओं का पालन कराने के लिये भी संबंधित अधिकारियो से कहा गया। कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट किया कि जो लोग अतिक्रमण हटाने में बाधा उत्पन्न करें उन्हें साफतौर पर बता दें कि यह कार्रवाई माननीय न्यायालय के आदेशों के परिपालन में की जा रही है। अत: इस कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

 

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