गाँवों को साफ-सुथरा बनाने के लिये सरपंच व सचिव आगे आयें- कलेक्टर
समग्र स्वच्छता अभियान के तहत दक्षता संवर्धन कार्यशाला सम्पन्न
हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्ब हुआ
ग्वालियर 15 जुलाई 09। हमें यह अवधारणा बदलनी है कि शहरों में ही सफाई की नियमित व्यवस्था हो सकती है। गाँवों में भी ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव अपने दृढ़ निश्चय एवं गांववासियों के सहयोग से सफाई की नियमित व्यवस्था को अंजाम दे सकते हैं। यह बात जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज समग्र स्वच्छता अभियान के तहत आयोजित हुई दक्षता संवर्धन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। गांव की साफ-सफाई, पर्यावरण सुधार, कचरे का निपटान आदि से संबंधित तकनीक में पांरगत करने के लिये जिले में निर्मल ग्राम पंचायतों के लिये चयनित की गईं पंचायतों के सरपंच, सचिव, उपयंत्री व सहायक यंत्री आदि को इस कार्यशाला में बुलाया गया था। यहां तानसेन रेसीडेंसी में आयोजित हुई कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री के के. द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती सीमा शर्मा व उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग श्री जे एस. यादव तथा निर्मल ग्राम अवधारणा के विषय विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनर्स ने अपने-अपने उद्बोधन में कार्यशाला के प्रतिभागियों को उपयोगी जानकारी दी।
जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने सरपंच व सचिवों से कहा कि वे अपनी-अपनी पंचायत में मौजूदा माह के अंत तक शतप्रतिशत शौचालयों का निर्माण करवायें। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण से अधिक महत्वपूर्ण उनका उपयोग है, अत: ग्रामसभाओं आदि के माध्यम से गांववासियों को बाहर शौच करने से फैलने वाली बीमारियों के बारे में बतायें, ताकि लोग शौचालयों का इस्तेमाल करने लगें। श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रयास ऐसे हों, जिससे मांग जनता की ओर से आये कि हमारे घरों में शौचालय बनवा दें। उन्होंने बताया कि जिले में चयनित निर्मल ग्राम पंचायतों में रोजगार गारण्टी योजना के संयोजन आदि से पर्याप्त फण्ड की व्यवस्था की गई है, जिससे गांव में नालियां, सी सी. रोड, पौघरोपण व कचरे के निपटान आदि कार्य कराये जा सकेंगे। उन्होंने गांव में स्वच्छता के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्मित करने के लिये स्कूली बच्चों व महिलाओं को भागीदार बनाने पर जोर दिया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने बताया कि जिले में मॉडल निर्मल ग्राम पंचायतें बनाने के लिये चयनित 106 ग्राम पंचायतो में शत-प्रतिशत परिवारों सहित स्कूल व आंगनवाड़ियों में मौजूदा माह के अन्त तक शौचालय बनाने का लक्ष्य दिया गया है। हर निर्मल ग्राम पंचायत में एक सफाई कर्मी, ठोस कचरे के निपटान के लिये इंसीलेटर, जन निकासी व्यवस्था, पौध रोपण व पर्यावरण सुधार से संबंधित अन्य कार्य कराये जा रहे हैं। गांवों के भीतर से घूरे आदि हटाने के लिये नाडेप टांका व वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण, अतिक्रमण हटाना, पेयजल स्त्रोतों के आसपास सोख्ता गड्डे व साफ-सफाई आदि कार्य भी कराये जा रहे हैं।
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