शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

कर्मकार मंडल से मिली इमदाद से सुरेश को मिला नया जीवन

कर्मकार मंडल से मिली इमदाद से सुरेश को मिला नया जीवन

ग्वालियर एक जुलाई 09। रोज कमाने खाने वाले को यदि कोई गंभीर बीमारी लग जाये तो उसके लिये यह बज्राघात से कम नहीं होता। थोड़ी बहुत जमा पूँजी से वह अपने परिवार का भरण पोषण करे या फिर अपना इलाज कराये। इसी उधेड़बुन में सेरश कुमार को न तो दिन में चैन मिलता और न रात में नींद ही आती। एक दिन काम से लौट कर आने के बाद जब व हाथ मुँह धो रहा था तभी उसके मुँह से अचानक खून के थक्के के थक्के गिरने लगे। परिजन और पड़ौसी उसे अस्पताल लेकर पहुँचे। डॉक्टर ने जांच उपरांत बताया कि इनका एक फेंफड़ा बेकार हो गया है, ऑपरेशन करना पड़ेगा। ऑपरेशन के लिये बड़ी रकम का बन्दोवस्त सुरेश कुमार के लिये दूर की कौड़ी थी। ऐसे में मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल उसके लिये वरदान बनकर सामने आया। इस मंडल से मिली इमदाद से उसने अपनी सुविधा के अनुसार इंदौर के एक अस्पताल में ऑपरेशन करा लिया।

      ग्वालियर नगर के विजयनगर, गदाईपुरा मोहल्ले का निवासी दिहाड़ी मजदूर सुरेश कुमार पुत्र स्व. पन्नालाल कभी बेलदारी तो कभी चाय का ठेला लगाकर अपने परिवार की गाड़ी चला रहा था। अपनी चार छोटी-छोटी बेटियों व पत्नी सहित छ: सदस्यीय परिवार के लिये खुद की मेहनत की बदौलत दो जून की रोटी व कपड़ों आदि का प्रबंध वह आसानी से कर लेता था। इस तरह उसका परिवार बहुत खुशहाल नहीं, तो परेशान भी नहीं था। लेकिन वर्ष 2007 में जब यह पता चला कि सुरेश कुमार फैंफड़ों की गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो उसके परिवार पर संकट के बादल छा गये। ऐसे आड़े वक्त में सुरेश कुमार द्वारा पूर्व में दिखाई गई समझदारी ने उसके इलाज का बंदोवस्त बिना किसी कठिनाई के कर दिया। यह समझदारी थी भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में कराया गया पंजीयन। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के निर्माण मजदूरों के समग्र कल्याण के लिये कर्मकार मंडल का गठन किया गया है। इस मंडल में पंजीकृत और परिचय पत्रधारी श्रमिक को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि सहित बच्चों की शिक्षा, विवाह, प्रसूति व स्वास्थ्य आदि के लिये आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। सुरेश कुमार को भी मंडल से अपने इलाज के लिये 45 हजार रूपये की नकद सहायता मिल गई, जिससे उसने इंदौर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में ऑपरेशन करवा लिया।

      मौजूदा वर्ष में सुरेश कुमार की फैंफड़ों की बीमारी पुन: उभर आई। उसने फिर से श्रम विभाग में पहुँचकर चिकित्सा सहायता के लिये अपनी अर्जी लगा दी। उसकी अर्जी मंजूर हुई और गत 29 जून 09 को महापौर श्री विवेकनारायण शेजवलकर ने सहायक श्रमायुक्त कार्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्मकार मंडल की योजना के तहत साढ़े 27 हजार रूपये से अधिक राशि का चैक उसे प्रदान किया। सुरेश कुमार दूसरी बार अपने ऑपरेशन के लिये इंदौर जा रहा है। वह कहता है भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल उसके लिये भगवान बनकर आया है, जिससे उसे दो-दो बार बड़ी आर्थिक मदद मिली। वह अपनी चार बेटियों के भविष्य को लेकर चिंचित अवश्य है, लेकिन उसे पूरा विश्वास भी है कि कर्मकार मंडल व प्रदेश सरकार की अन्य योजनायें उसकी इस चिंता को भी अवश्य दूर कर देंगीं। 

 

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