निगरानी समिति की देख-रेख में होगा राशन वितरण खाद्य समिति की बैठक आयोजित
ग्वालियर दिनांक-13.03.2010- नगर निगम के पार्षदों को लगातार मिल रही सहकारी उपभोक्ता भण्डारों पर अनियमितताओं की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुये नगर निगम की खाद्य आपूर्ति समिति द्वारा वार्ड स्तर पर पांच सदस्यीय निगरानी कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है जो कि संबंधित वार्ड में स्थित सहकारी उपभोक्ता भण्डारों की दुकानों पर राशन के वितरण पर निगरानी रखेगी तथा इस समिति में संबंधित वार्ड के पांच सामाजिक कार्यकर्ता शामिल किये जायेगे।
यह निर्णय नगर निगम परिषद में आयोजित खाद्य आपूर्ति समिति की प्रथम बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता एम.आई.सी. सदस्य एवं खाद्य आपूर्ति समिति की प्रभारी श्रीमती लक्ष्मी दिवाकर शर्मा ने की। बैठक के दौरान समिति सदस्य आनंद शर्मा, श्रीमती स्मिता वर्मा, सुशील वर्मा, पुष्पलता राठौर, राजेन्द्र गोयल एवं नगर निगम उपायुक्त देवेन्द्र सिंह चौहान, जनकल्याण अधिकारी बद्रीनारायण शुक्ल एवं खाद्य विभाग की ओर से ए.एफ.ओ. विपिन श्रीवास्तव एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सर्वप्रथम अध्यक्ष महोदया ने एजेण्डे के बिन्दुओं पर चर्चा करते हुये शहर में स्थित सहकारी उपभोक्ता भण्डारों की जानकारी एवं कुल राशनकार्डों की जानकारी मांगी गई जिस पर अधिकारियों द्वारा बताया गया कि दिसम्बर 2009 की गणना के आधार पर शहर में कुल 2,30,530 राशनकार्ड है जिसमें से लगभग 16 हजार राशनकार्ड बी.पी.एल. वाले है। इसके साथ ही उपभोक्ता भण्डारों की संख्या 261 है जिनमें से 223 दुकानें हैं तथा इनमें ही 38 दुकानें अटैच हैं तथा प्रति 5000 आबादी पर एक दुकान होना चाहिये और एक दुकान पर 1000 कार्ड अटैच होते हैं। वहीं खाद्यान्न वितरण को लेकर अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन प्रात: 8 से 12 तथा दोपहर 3 से 7 बजे तक दुकाने खुलती हैं और सोमवार को अवकाश रहता है। वहीं नागरिकों की सुविधा के लिये प्रतिमाह 6, 7 एवं 8 तारीख को प्रशासन की ओर से नोडल अधिकारी अपनी देख-रेख में राशन बटवाता है। इस दौरान अधिकारियों द्वारा प्रत्येक योजना में वितरण किये जाने वाले खाद्यान्न की जानकारी भी दी गई है।
वहीं खाद्य अधिकारी ने बताया कि 223 दुकाने है इनके अतिरिक्त 38 दुकानें इनमें अटैच की गई है जिस पर अध्यक्ष द्वारा सभी अटैच दुकानों का अटैचमेंट समाप्त करने के निर्देश दिये गये।
वहीं बैठक के दौरान अध्यक्ष ने अधिकारियों से जानकारी मांगी कि नगरीय क्षेत्र में चलने वाली डेयरियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है जिस पर अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अवैध डेयरियों के व्यवस्थापन के लिये ग्वाला नगर बनाया जा रहा है तथा अब निगम द्वारा नगरीय क्षेत्र में डेयरियां संचालित करने के लिये लायसेंस प्रदान नहीं किये जा रहे हैं। इस पर अध्यक्ष ने आमजनों की सुविधा को देखते हुये इन डेयरियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। वहीं अध्यक्ष द्वारा शहर में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ की जाने वाली कार्यवाही के बारे में जानकारी प्राप्त की जिसमें अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अभी निगम के पास सेम्पलिंग के पावर नहीं है तथा टैस्टिंग लैब नहीं है जिस पर अध्यक्ष द्वारा इस बारे में शासन स्तर तक चर्चा करने की बात कहीं गई।
चर्चा के दौरान समिति सदस्य आनंद शर्मा ने ए.पी.एल. कार्ड बनाने की प्रक्रिया सरल करने तथा राशन की दुकानों पर अनियमितता रोकने के लिये पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठित करने का सुझाव दिया।
वहीं सदस्य सुशील वर्मा द्वारा सुझाव दिया गया कि ज्यादा व फर्जी राशनकार्ड बनने की शिकायत के लिये बी.पी.एल. कार्डधारी को चिन्हित किया जाये जिससे इस पर नियंत्रण पाया जा सके। वहीं इस दौरान अन्य सदस्यों द्वारा उन्हें मिलने वाली नई शिकायतों के बारे में जानकारी दी जिसकी जांच कराने के निर्देश अध्यक्ष द्वारा अधिकारियों को दिये गये।
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