मंगलवार, 16 दिसंबर 2008

नगर निगम विधान के पालन हेतु आलोक कुमार मिश्रा विशेष मजिस्ट्रेट नियुक्त सप्ताह में तीन दिन मोबाइल कोर्ट लगायेगें

नगर निगम विधान के पालन हेतु आलोक कुमार मिश्रा विशेष मजिस्ट्रेट नियुक्त सप्ताह में तीन दिन मोबाइल कोर्ट लगायेगें

ग्वालियर दिनांक 13 दिसम्बर 2008:  नगर पालिक निगम विधान, 1956 में वर्णित आदेशों तथा नियमों के उल्लंघन के लिये आम नागरिकों को दण्डित करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय म0प्र0 जबलपुर द्वारा जारी अधिासूचना के निर्देशानुसार नगर निगम ग्वालियर क्षेत्र के लिये श्री आलोक कुमार मिश्रा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1, ग्वालियर को नगर निगम ग्वालियर सीमा में मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम एक्ट, 1956 के अधीन घोषित अपराधों से संबंधित मामलों के विचारण के लिये नियुक्त किया गया है। उक्त आशय की जानकारी निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा प्रेस में जारी विज्ञप्ति में दी गई। श्री मिश्रा के नियुक्ति के बाद अब नगर निगम के बाद विभिन्न विभागों से संबंधित दाण्डिक प्रक्रिया की कार्यवाहियां विशेष मजिस्ट्रेट के रूप में सम्पन्न की जावेगी। इसके तहत शहर में अस्थायी एवं स्थायी अतिक्रमण स्वास्थ्य एवं कचरा प्रबंधन, खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम तथा निगम विधान में वर्णित ऐसे अपराध जिनमें अर्थदण्ड एवं कारावास की सजा से दण्डित किया जा सकता है में प्रभावी कार्यवाहियां सम्पादित की जा सकेगी।

       निगमायुक्त डॉ0 पवन कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि इस महत्वपूर्ण नियुक्ति से नगर निगम ग्वालियर प्रदेश का ऐसा नगर निगम हो गया है जहां निगम विधान के समुचित पालन हेतु न्यायिक दण्डाधिकारी की नियुक्ति की गई। न्यायिक दण्डाधिकारी की नियुक्ति से म0प्र0 नगर पालिक निगम अधिनियम में वर्णित अपराधों पर अंकुश लगेगा। वहीं दूसरी ओर निगम में प्रचलित कचरा प्रबंधन नियमों जैसे प्रभावी अधिनियमों का समुचित पालन होकर शहर की स्वच्छता में सुधार आवेगा।

       ज्ञातव्य हो कि माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर तथा माननीय जिला न्यायाधीश के निर्देशानुसार विगत 6 नवम्बर 2008 को माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट के नेतृत्व में निगम के दल द्वारा मोबाईल कोर्ट कार्यवाही कर एक ही दिन में 28 प्रकरण बनाकर निगम को दण्डस्वरूप 30 हजार 500 रू. का जुर्माना वसूल कराया गया था। निगमायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा द्वारा माननीय निगम न्यायाधीश श्री मिश्रा के हवाले से जानकारी दी गई कि विशेष मजिस्टे्रट द्वारा सप्ताह में कम से कम तीन दिन मोबाइल कोर्ट चलाकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों के स्थल पर ही निगम विधान का उल्लघंन करने वाले नागरिको के विरूद्व कार्यवाही की जावेगी । शेष दिनों में निगम के विभिन्न विभागो के अधिकारियों कर्मचारियों इंजिनियरों द्वारा निगम विधान का उल्लघंन करने वाले नागरिको को दिये गये चलानों की तारीखे लगाकर प्रकरणों का निपटारा किया जावेगा । निगम आयुक्त द्वारा बताया गया कि माननीय विशेष न्यायाधीश द्वारा निगम विधान के उल्लघंन से संबंधित 1 हजार प्रकरणो प्रतिमाह निपटाये जावेगे । जिससे निगम में प्रतिमाह 5 लाख रूपये जुर्माना राशि के रूप में वसूली होगी । निगम द्वारा इस नई व्यवस्था के समूचित प्रबंधन के लिये निगम के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जावेगा ताकि वे चालान इत्यादी काटने की कार्यवाही कर सकें ।

       ज्ञातव्य हो कि नगर निगम परिषद द्वारा विगत तीन वर्षो से नगर निगम ग्वालियर हेतु मोबाइल कोर्ट की स्थापना के लिये शासन स्तर पर कार्यवाही गतिशील थी । इस कार्यवाही के लिये नगर निगम द्वारा माननीय उच्चन्यायालय एवं मध्य प्रदेश शासन से अनेक बार मांग की गई ।

 

प्रमुख अपराध जिन पर विशेष मजिस्ट्रेट कार्यवाही कर सकेंगे

       नगर निगम विधान अनुसार बिना अनुमति के चलाये जा रहे कारखानें भयंकर तथा उत्तेजक वस्तुओं के संधारण करने वाले व्यवसायों, निर्धारित स्थानों से अलग पशुओं का वध करना, अनुमति के बिना एवं निर्धारित स्थान से अन्यत्र मीट, मछली का विक्रय, बिना अनुमति के घी मक्खन बेचना एवं बनाना, नकली अपमिश्रित वस्तुओं को बनाना बेचना और संधारण करना। दुकानों पर बिना लायसेंस के खाद्य पदार्थ बेचना पाये जाने पर विशेष मजिस्ट्रेट दण्डित कर सकेगा।

       इस विशेष न्यायालय के द्वारा ऐसे भवन स्वामियों पर भी कार्यवाही की जा सकेगी जो बिना जल निकासी के भवनों का निर्माण करेंगे। भवनों के आगे जल निकासी के लिये बनाई गई नालियों को अवरूध्द करेगे। विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्ति के बाद नगर निगम पीएचई विभाग की कार्य प्रणालियों में भी प्रभावी बदलाव आवेगा। इस नई व्यवस्था के बाद जल का अपव्यय करने वाले टोंटी नहीं लगाने वाले तथा अवैधा कनेक्शनों से पेयजल प्राप्त करने वाले नागरिकों के विरुध्द भी दाण्डिक कार्यवाही की जा सकेगी। नगर निगम पीएचई विभाग के पास ऐसे दर्जनों प्रकरण हैं, जिसमें घरेलू कनेक्शन का उपयोग व्यवसायिक रूप से आईस फैक्ट्री चलाकर बिल्डिंग निर्माण इत्यादी में कर निगम को क्षति पहुँचाई जा रही है। ऐसे प्रकरणों में भी यह विशेष मजिस्ट्रेट प्रभावी कार्यवाही कर सकेंगे।

       कचड़ा संग्रहण तथा हतालन नियम के प्रभावी पालन हेतु नगर निगम विधाान में किये गये प्रावधाानों के तहत घर-घर से कचरा संग्रहण किये जाने तथा व्यवसायिक संस्थाओं से वसूली किये जाने के प्रावधाानों का इस विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्ति के बाद सही रूप से पालन कराया जाना सम्भव हाें सकेगा।

       निगमायुक्त की आज्ञा के बिना कारखानों की स्थापना, बिना आज्ञा लिये निजी बाजार खुला रखना, निजी बाजार की स्थापना, अस्वस्थ्य पशुओं एवं वस्तुओं का विक्रय, नकली वस्तुओं का विक्रय, बिना अनुमति के भवन निर्माण या पुन: निर्माण, मानव निवास के लिये अनुपयुक्त घोषित किये गये भवनों में निवास करना, सड़कों आदि पर प्रलंबन बनाना, अस्थाई, स्थायी अतिक्रमण करना, सड़कों इत्यादि पर बिना अनुमति ठेले लगना, निर्धारित स्थानों से अलग फुटपाथ इत्यादि पर दासा लगाकर बिक्री हेतु सामान इत्यादि रखकर अतिक्रमण करने वाले इस विशेष न्यायालय द्वारा दण्डित किये जा सकेंगे।

       निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि विशेष मजिस्टे्रट की नियुक्ति के बाद शहर में अतिक्रमण के अलावा कचरा प्रबंधन योजना के तहत निर्धारित स्थान पर कचरा न डालने वाले नागरिको को अपनी दूध डेयरियों से गोबर इत्यादि को सीवर लाईन में बहाने वाले डेयरी व्यवसायी, बिना अनुमति गुमटी स्थापित करने वाले व्यवसाइयों के विरूद्व दण्डनीय कार्यवाही की जा सकेगी।

       निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्ति होने से अब शहर में दिशासूचक स्तम्भों, शासकीय भवनों, सम्पत्तियों इत्यादि पर बिना अनुमति पर्चा चिपकाने वाले, लिखावट करने वाले, पोस्टर इत्यादि चिपकाने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को भी दण्डित किया जा सकेगा।

       इसके साथ ही साथ गली मौहल्ले एवं कॉलोनियों में खाद्य एवं अखाद्य पदार्थों का व्यवसाय करने वाले ऐसे दुकानदारों पर भी कार्यवाही की जावेगी जो दुकान संस्थान अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है।

       निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आशा व्यक्त की है कि नगर निगम के लिये विशेष दण्डाधिकारी की नियुक्ति होने से निगम के विभिन्न विभागों की कार्य प्रणाली में व्यापक सुधार आवेगा।

 

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