बुधवार, 22 जुलाई 2009

बेस्‍ट कलेक्‍टर्स, सुशासन भाग-1 फिल्‍म पर एक सवाल का उत्‍तर

बेस्‍ट कलेक्‍टर्स, सुशासन भाग-1 फिल्‍म पर एक सवाल का उत्‍तर

मुरैना / ग्‍वालियर 21 जुलाई 09, पिछले दिनों ग्‍वालियर टाइम्‍स द्वारा नेशनल नोबलयूथ अकादमी के सहयोग से जारी की गयी फिल्‍म बेस्‍ट कलेक्‍टर्स, सुशासन भाग-1 पर हमें कई सुझाव व सवाल प्राप्‍त हुये हैं जिसमें हम श्री देवेन्‍द्र सिंह चौहान द्वारा हमारी फेसबुक प्रोफाइल पर चल रही फिल्‍म पर की गयी टिप्‍पणी का उत्‍तर देना हमें आवश्‍यक प्रतीत हुआ है, हम यहॉं इसका सम्‍यक उत्‍तर दे रहे हैं-

उनकी टिप्‍पणी इस प्रकार है

 

Devendra ने आपके लिंक के बारे में टिप्पणी की:

तोमर साहब मेरी जानकारी में तो मुरेना के जिलाधीश श्री राधेश्याम जुलानिया, ग्वालियर के जिलाधीश श्री विजय सिंह तथा श्री राकेश साहनी आयुक्त की उत्कृष्ट कार्य प्रणाली की चर्चा आम थी!:

 

हमारा उत्‍तर यह है-

प्रिय देवेन्‍द्र जी,

               हमने अपनी फिल्‍म के लिये अधिकारीयों का चयन करते वक्‍त कुछ मानदण्‍ड निर्धारित किये थे जिसमें केवल पिछले कुछ वर्षों में पदस्‍थ रहे (पिछले दस साल के भीतर) अधिकारीयों को इसमें शामिल करने का यत्‍न किया था तथा प्रशासनिक सक्रियता, लोकतांत्रिक अवधारणा की अनुकूलता, संवेदनशीलता, सजगता, मुस्‍तैदी, प्रतिबंधात्‍मक कार्यवाहीयां,, सहायता कार्यवाहीयां, जनोन्‍मुखी प्रशासन, जन निकटता, रचनात्‍मक गतिविधियां, रचनात्‍मक कार्य, जन सुनवाई, फरियादी को फौरी राहत, सुरक्षा, विनम्रता, जनसंपर्क आदि ऐसे करीब 58 बिन्‍दु तय किये थे ।

जिसके अनुसार हमने प्रयास किया था, तथा आपके द्वारा तथा अन्‍य कई लोगों द्वारा प्रेषित सुझावों पर हम बराबर पुनिरीक्षण कर रहे हैं, और हम आप सबसे लगभग पूरी तरह सहमत भी हैं, तत्‍कालीन ग्‍वालियर कलेक्‍टर श्री विजय सिंह के सम्‍पूर्ण कार्यकाल में मै स्‍वयं ही ग्‍वालियर रहा हूँ और उनका सारा कार्य मैंने स्‍वयं देखा है, और तत्‍कालीन ग्‍वालियर आयुक्‍त श्री राकेश साहनी व तकलीन कलेक्‍टर श्री विजय सिंह का नाम इसमें होना चाहिये मैं सहमत हूँ, इस फिल्‍म के आगे आने वाले किसी भी भाग में ये श्रेष्‍ठ अधिकारी अवश्‍य उल्‍लेखित होंगें । इन दोनों का नाम कई लोगों ने सुझाया भी है और मै स्‍वयं दोनों का कार्यकाल खुद देख भी चुका हूँ । मैं सहमत हूँ , इन्‍हें अवश्‍य उल्‍लेख व सम्‍मान प्राप्‍त होना चाहिये ये दोनों ही प्रेरणास्‍पद अधिकारी हैं । अगली फिल्‍मों के लिये इन्‍हें बेहिचक शामिल कर लिया गया है । चूंकि इसी सुशासन श्रंखला फिल्म में श्रेष्‍ठ राजनीतिज्ञों और श्रेष्‍ठ पुलिस अधिकारीयों व कर्मियों, श्रेष्‍ठ समाजसेवियों, संस्‍थाओं श्रेष्‍ठ छोटे अधिकारीयों व कर्मचारीयों के भाग भी शामिल हैं अत: किस भाग में पुन: आई.ए.एस. श्रेणी के अधिकारी होंगें यह क्रम की बात है ।

तत्‍कालीन मुरैना कलेक्‍टर श्री राधेश्‍याम जुलानिया का कार्यकाल किंचिंत विवादास्‍पद रहा है, उनका आधा कार्यकाल किसी और प्रकार का तथा आधा कार्यकाल किसी और प्रकार का रहा है , उनका पूरा कार्यकाल भी मैंने स्‍वयं मुरैना में रह कर देखा है और कई साक्ष्‍य ऐसे उपलब्‍ध हैं जो कि उनके सारे कार्यकाल में से आधे कार्यकाल पर भारी विवाद पैदा कर सकते हैं , फिर रचनात्‍मक कार्यों का अभाव, विध्‍वंसात्‍मक व विनाशात्‍मक प्रशासन, लोकतंत्र , वैधानिकता, पारदर्शिता आदि कई चीजों का अभाव रहा है, उनके द्वारा लिखे गये व किये गये कई विरोधाभासी कार्यों के साक्ष्‍य भी हमारे पास हैं । और भी कई चीजें उन्‍हें हमारे मानदण्‍डों पर फिट नहीं करतीं, अत: फिलहाल श्री जुलानिया का नाम इस फिल्‍म में शामिल कर पाने में हम असमर्थ हैं, श्‍योपुर के वर्तमान कलेक्‍टर श्री एस.एन. रूपला को भी इन्‍हीं मानदण्‍डों के आधार पर हम अगली फिल्‍मों में शामिल कर रहे हैं वे पूरी तरह उपयुक्‍त अधिकारी हैं ।

मुरैना कलेक्‍टर श्री एम.के. अग्रवाल का नाम कई लोगों द्वारा सुझाया गया है , इसी प्रकार डॉं. मनोहर अगनानी का नाम भी कुछ लोगों द्वारा सुझाया गया है , यह दोनों नाम अभी विचार में हैं और मानदण्‍डों पर परीक्षाणाधीन है ।

एक मित्र द्वारा फिल्‍म को तुलनात्‍मक रूप में प्रस्‍तुत करने की सलाह दी है, यानि कम्‍परेटिव रूप में , यह सलाह भी विचाराधीन है ।  

 

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