महिलाएं करेंगी नरेगा के कार्यों की निगरानी, सोशल आडिट समिति में एक तिहाई महिलाओं की हिस्सेदारी जरूरी
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम-मप्र में महिलाओं की भूमिका सशक्त करने के लिये अब उन्हें निगरानी की जिम्मेदारी दी जा रही है। महिलाओं की हिस्सेदारी को बढावा देने शासन ने निर्देश जारी किये हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम-मप्र के तहत होने वाले कार्यों के सोशल आडिट के लिये बनने वाली समिति में एक तिहाई महिलाओं की हिस्सेदारी होगी। प्रदेश में नरेगा के कार्यों का सोशल आडिट का कार्यक्रम शीघ्र शुरू किया जा रहा है। प्रदेश की लगभग 23 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में आगामी दिनों में लगभग 50 हजार ग्राम सभाओं का आयोजन सोशल आडिट के लिये होगा। सोशल आडिट के लिये प्रत्येक ग्रामसभा में एक सामाजिक संपरीक्षा समिति का गठन होगा। समिति का गठन ग्रामसभा के द्वारा किया जायेगा। समिति के सदस्य राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम- मप्र के अंतर्गत कार्य करने वाले मजदूर होंगें। एक समिति में न्यूनतम पांच सदस्यों का होना जरूरी है, समिति में इससे अधिक भी सदस्य हो सकते हैं। पांच सदस्यो की समिति बनने पर इसमें दो महिलाओं का होना जरूरी है। इस प्रकार पूरे प्रदेश की ग्राम पंचायतों में होने वाली ग्रामसभाओं में एक लाख से अधिक महिलाएं हिस्सा लेकर नरेगा के कार्यों की निगरानी करेंगीं।
समिति को ग्राम पंचायत सामाजिक अंकेक्षण कार्य हेतु नरेगा के तहत किये गये कार्यों के अभिलेखों की प्रतिलिपियां उपलब्ध करायेगी। संपरीक्षा समिति को दिये गये कार्यों में अभिलेखों का सत्यापन करने के साथ ही ग्राम सभा में प्रतिवेदन का वाचन भी करना है। किसी भी कार्य में हुई वित्तीय या भौतिक गडबडी की शिकायतों को भी समिति देखेगी। समिति को कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य की जानकारी दे सकता है। सोशल आडिट में ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रचलित कार्यों के संबंध में समस्त स्तर पर प्राप्त शिकायतें भी संबंधित ग्रामसभा के समक्ष प्रस्तुत की जावेंगीं। ग्राम सभा के द्वारा ही शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही की जावेंगी।
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