जनसुनवाई में जमीन सुनवाई भी होगी- डॉ. कोमल सिंह
ग्वालियर ,14 जुलाई 09/ संभागायुक्त डा.कोमल सिंह ने संभाग के सभी जिला कलेक्ट्ररों को पत्र लिखकर जनसुनवाई के साथ साथ जमीन सुनवाई करने के भी निर्देश दिये हैं। दरअसल जनसुनवाई के दौरान बहुत से अपराधों के मूल में जमीन के झगड़े, जमीनों पर भू-माफियों का कब्जा, प्लाट आदि को लेकर आपसी रंजिश, प्लाट हथियाने के प्रयास, एन ओ सी. की समस्या आदि-आदि भी सामने आये हैं। इन समस्याओं के प्रभावी निराकरण की दिशा में ठोस प्रयास करते हुए संभागायुक्त ने जमीन सुनवाई को जरूरी समझा है। उन्होंने जनसुनवाई वाले दिन सुनवाई के आधा घण्टा उपरांत जिला कार्यालय में जिला कलेक्टर को पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त/ नगर पालिका अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकास प्राधिकरण, नजूल एवं संयुक्त संचालक नगर निवेश की मौजूदगी में सुनवाई करने की हिदायत दी है।
सुनवाई के दौरान आवेदक द्वारा मय प्रमाण प्रस्तुत आवेदनों की फोटो प्रति संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध करवाकर अगली सुनवाई तक अभिलेख अथवा मौके की जांच आदि जो जरूरी हो, पूरी कर ली जायेगी व दूसरी सुनवाई में यथा संभव निराकरण कर आवेदक को लिखित रूप में सूचित कर दिया जावेगा। जहां आवश्यक हो वहां संबंधितों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही भी की जावेगी। निराकरण से असन्तुष्ट आवेदक एक सप्ताह के भीतर संभागायुक्त के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकेगा।
प्रथम चरण में जिला मुख्यालयों पर, अगस्त माह से अनुविभागीय स्तर पर तथा सितम्बर माह में तहसील स्तर भी जनसुनवाई के साथ साथ जमीन सुनवाई आरंभ कर दी जावेगी। प्रारंभ में नगरीय क्षेत्रों की व शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों की भी जमीन सुनवाई प्रारंभ हो सकेगी। जमीन सुनवाई में न्यायालय के विचाराधीन मामलों पर सुनवाई नहीं की जा सकेगी। राजस्व न्यायालय में लम्बे समय तक अनसुलझे मामलों में संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टर अपने अधिकार क्षेत्रान्तर्गत समीक्षा कर कार्यवाही कर सकेंगे।
संभागायुक्त डा. कोमल सिंह के कार्यालय में आज जनसुनवाई के दौरान एक दर्जन फरियादियों ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखी । ग्रीन कार्ड होल्डर श्री ए.के.चौधरी ने पॉलीटेकनिक इन्सटीटयूट में पढ़ने वाली अपनी बेटी को शिक्षण शुल्क में छूट दिलाने सम्बन्धी गुजारिश की । कुछ फरियादी लाइसेंस के मामले लेकर आये व एक वृद्व महिला अपने दर्जा आठ पास बच्चे के साथ नौकरी लगवाने का अनुरोध करने आयी । लाला बाजार की रहवासी एक महिला अपने मकान पर बेजा काबिज किरायेदार को हटवाने का आग्रह करने आयी ।
संभागायुक्त के समक्ष दीनदयाल नगर के नागरिक नगरपालिका परिसीमन में पृथक वार्ड की मांग लेकर आये । संभागायुक्त ने उनका ज्ञापन लेने के उपरान्त उन्हें परिसीमन की प्रक्रिया की समझाईश दी । संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि नगरपालिका वार्ड की जनसंख्या की कोई सीमा निर्धारित नहीं है । किन्तु वार्डों की जनसंख्या में 15 प्रतिशत से अधिक का अन्तर नहीं होना चाहिये । उन्होंने कहा कि वर्तमान में नगर के सबसे बडे वार्ड की जनसंख्या जहाँ 33 हजार 644 है वहीं सबसे छोटा वार्ड 7 हजार 435 जनसंख्या वाला है । इस प्रकार दोनों में साढे चार सौ प्रतिशत का अन्तर है । जो विसंगति पूर्ण है । संभागायुक्त ने कहा कि नगर के वार्डों के परिसीमन में ऐसी सभी विसंगतियों को दूर किया जावेगा । उन्होंने दीनदयाल नगर से आये नागरिकों को आश्वस्त किया कि युक्तियुक्तकरण के फलस्वरूप नगर के किसी भी भाग की अनदेखी नहीं होगी ।
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