आज दिन में दिखेंगे तारे
वर्ष 2114 तक पड़ने वाले सूर्यग्रहणों में दीर्घतम ग्रहण, मध्यप्रदेश के इन्दौर, भीम बैठका, बरेली, मुरवारा (कटनी) से गुजरेगी ग्रहण की केन्द्रीय रेखा
मध्यप्रदेश के लोग भाग्यशाली हैं जो आगामी 22 जुलाई को उस अद्भुत खगोलीय नजारे के साक्षी बनेंगे जब सूर्योदय के साथ ही रात हो जाएगी। इस दिन सदी का सबसे लम्बी अवधि वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय मंगल, शुक्र, बुध, प्रोसिओन, सिरियस, बेटलग्यूज, राइगेल और कैपेला जैसे तारों को आसानी से देखा जाकेगा। यह सन् 2114 तक होने वाले ग्रहणों में दीर्घतम खग्रास (पूर्ण) सूर्यग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत के पश्चिम तट से आरंभ होकर नेपाल, बांगलादेश, भूटान, बर्मा, चीन, जापान से होता हुआ अतंत: प्रशांत महासागर में समाप्त हो जाएगा।
मध्यप्रदेश में ग्रहण की केन्द्रीय रेखा इंदौर, भीम बैठका, बरेली, मुरवारा (कटनी) सीधी से होते हुए राबर्टसंगंज बनारस और पटना से गुजरेगी। मध्यप्रदेश में सबसे अच्छा सूर्यग्रहण सीधी तत्पश्चात भीम बैठका में दिखेगा। सीधी सूर्य क्षितिज से 120 और भीम बैठका 6.70 पर रहेगा। भोपाल भी पूर्ण सूर्यग्रहण के पथ पर स्थित है जो केन्द्रीय रेखा के 40 किमी. उत्तर में पड़ेगा। भोपाल में पूर्णग्रहण की अवधि 3 मिनट 9 सेकेण्ड होगी जो प्रात: 6 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी। पूर्ण सूर्यग्रहण की केन्द्रीय रेखा भीम बैठका पर सूर्यग्रहण प्रात: 5:30 बजे शुरू होगा जबकि सूर्योदय 5:46 पर होगा। यानि सूर्योदय के समय यदि बादल न हुए तो हम आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। यहां पूर्ण सूर्यग्रहण की शुरूआत 6:21 मिनट पर समाप्ति 6:25 पर होगी। भीम बैठका पर सूर्यग्रहण की समाप्ति 7:28 पर होगी। इस अवसर पर सौर किरीट (कोरोना) का भव्य दृश्य दिखने की पूरी संभावना है।
पूर्ण सूर्यग्रहण भारत के अनेक नगरों जैसे सूरत, बड़ोदरा, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, इलाहबाद, वाराणसी, पटना और सिलीगुड़ी से दिखाई देगा। भारत के अधिकांश नगरों में लोग सूर्योदय के समय आंशिक सूर्यग्रहण ही देख पायेंगे।
सूर्यग्रहण
क्या करें:-
· सूर्य को केवल परावर्तित प्रतिबिम्ब या प्रक्षेपण से ही देखें
· सूर्य के प्रतिबिम्ब को पिन बराबर छिद्र से छायायुक्त शेडेड दीवार पर प्रेषित करें
· इसके लिए एक छोटे दर्पण को कागज से ढककर उसमें 1-2 सेमी के छिद्र का भी प्रयोग किया जा सकता है
· किसी सफेद कागज, स्क्रीन या दीवार पर प्रतिबम्ब के प्रक्षेपण के लिए छोटी दूरबीन का उपयोग किया जा सकता है
· दूरबीन, बाइनोक्यूलर का कोई भाग प्लास्टिक का है तो उसे सूर्य की गर्मी से पिघलने से बचाएं
· वैज्ञानिक ढंग से प्रमाणित फिल्टर का ही प्रयोग करें
· इसके लिए डार्क वेल्डर ग्लास उपयुक्त है
· ग्रहण देखने में सदैव एक ही आंख का प्रयोग करें
· किसी भी परिस्थिति में फिल्म को अंगुलियों से न छुएं, मोड़ें या पोंछे
· पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान लगातार नहीं रूक-रूक कर देंखे
क्या न करें:-
· नंगी ऑंखों से सूर्यग्रहण देखने की चेष्टा न करें
· सूर्य को कभी भी सीधे टेलिस्कोप, दूरबीन या बाइनोक्यूलर से न देखें
· रंगीन फिल्म, धुंए से काले किए गए या रंगीन बनाये गये कांच (स्मोक्डग्लास), धूप के चश्मे, नान सिल्वर्ड (ब्लैक एण्ड व्हाइट) फिल्म, फोटोग्राफिक न्यूट्ल डेन्सिटी फिल्टर्स तथा पोलराइडिंग फिल्टर्स का प्रयोग न करें।
· यह सभी आंखों के लिए सुरक्षित नहीं है।
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· सस्ती दूरबीनों के साथ बिकने वाले सोलर फिल्टर्स जो आई-पीस में लगाए जा सकते हैं का प्रयोग न करें।
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