उच्च न्यायालय स्तरीय लोक अदालत का आयोजन 18 दिसम्बर को ग्वालियर में
ग्वालियर, 4 दिसम्बर 08/ उच्च न्यायालय स्तरीय लोक अदालत का आयोजन 18 दिसम्बर को उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर में किया जायेगा । जिसमें विभिन्न प्रकार के मामलों का निराकरण किया जायेगा ।
लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के प्रकरणों में न्यायिक आदेश अथवा समझौता समाधान द्वारा निराकरण किये जाने हेतु सुनवाई की जायेगी । जिन प्रकरणों की सुनवाई की जायेगी, उनमें शासकीय कर्मचारियों के पेंशन एवं अंतिम लाभ से संबंधित रिट याचिकाएँ जिसमें ब्याज एवं बकाया राशि आदि शामिल है । इसी प्रकार शासकीय शिक्षकों से संबंधित पे रिट याचिकाएँ जो शासकीय परिचालन के अनुसार बी.एङ,बी.टी.आई. अर्हता प्राप्त करने से संबंधित हो । शासकीय व अन्य कर्मचारियों के तदर्थ सेवा कार्यकाल की वेतनवृद्वियों से संबंधित शासकीय परिचालन प्रशासनिक अधिकरण व उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार रिट याचिकाओं को शामिल किया जायेगा । उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप शासकीय कर्मचारियों के परिवार नियोजन शल्य क्रिया के लिये वेतन निर्धारण से संबंधित रिट याचिकाएँ, शासकीय व अन्य महाविद्यालयों के अध्यापकों, प्राध्यापकों, उच्च श्रेणी प्राध्यापकों के पी.एच.डी.की अर्हता प्राप्त कर लेने पर उन्हें प्रदान की जाने वाली वेतन वृद्वियों से संबंधित रिट याचिका, भू अर्जन अधिनियम के अन्तर्गत सात लाख तक के अवार्ड के विरूद्व, विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत हुये अपराधों से संबंधित शमनीय अपराधिक अपीलें, पराक्राम्य अधिनियम से संबंधित ऐसी अपीलें जो समझौता योग्य नहीं हैं तथा वाहन दुर्घटना दावे से संबंधित अपीलें जिसमें क्षतिपूर्ति की राशि पर विवाद हो आदि प्रकरणों को लोक अदालत में शामिल किया जायेगा ।
इसी प्रकार सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश के अन्तर्गत निषेधाज्ञा से संबंधित विविध अपीलें, दोषपूर्ण खारिज प्रकरणों को पुर्नस्थापित करने हेतु दायर विविध सिविल प्रकरण, न्यायालयीन आदेश का पालन करने हेतु अतिरिक्त समय प्रदान किये जाने हेतु दायर विविध सिविल प्रकरण, पंचायत व सहकारी चुनावों से संबंधित वर्ष 2007 से पूर्व दायर ऐसी याचिकाएँ जो कि सारहीन हो चुकी हो एवं स्थानान्तरण / प्रतिनियुक्ति से संबंधित याचिकाएँ जो सारहीन हो चुकी है । खण्डपीठ की विभिन्न बैंचों के समक्ष सुनवाई हेतु लिस्ट करने के आधार पर उक्त प्रकार के प्रकरणों की स्कूटनी रजिस्ट्री कार्यालय में की जा रही है । अत: ऐसे पक्षकार जो उपरोक्त प्रकार के किसी प्रकरण का निराकरण चाहते हों, स्वयं उपस्थित होकर, अपने अभिभाषक के माध्यम से अथवा विधिक सहायता के माध्यम से प्रकरणों को लिस्ट कराने हेतु संपर्क कर सकते हैं अथवा रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन भेज सकते है । अभिभाषकों एवं पक्षकारों से अपील की गई है कि लोक अदालत में अपने प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण करायें ।
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