बेहतर अस्पताल व्यवस्था और मातृ शिशु मृत्युदर कम करना सर्वोच्च प्राथमिकता
विचार विमर्श के आधार पर स्वास्थ्य की परिणाम आधारित नीति बनेगी
भोपाल 18 फरवरी 09। स्वास्थ्य सेवाओं में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बने इस संकल्प के साथ दो दिन चली स्वास्थ्य सेवाओं के मैदानी अधिकारियों की बैठक 17 फरवरी को समाप्त हुई । लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि अस्पताल व्यवस्थाएं और मातृ शिशु मृत्यु दर कम करना स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हर व्यक्ति की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी । स्वास्थ्य विभाग में सबकी जिम्मेदारी तय होगी साथ ही जवाबदेही भी । कोई भी कोताही या मानवीयता के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा । दो दिनो तक चली इस बैठक में हुए चिंतन मनन के बाद संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आम आदमी को केंद्र में रखकर स्वास्थ्य नीति बनाई जाएगी जो परिणामों पर आधारित होगी । बैठक में प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण श्री देवराज बिरदी भी उपस्थित थे ।
दवा नीति पर चर्चा से शुरु हुई दो दिवसीय स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में हर बिंदु पर खुलकर विचार विमर्श हुआ । शासन की अपेक्षाएं क्या है और मैदानी अधिकारी दैनंदिन कार्य में क्या कठिनाई महसूस करते है इस आदान-प्रदान के साथ स्वास्थ्य के सभी कार्यक्रमों, योजनाओं, प्रबंधन, बजट और पदोन्नति आदि सभी मुद्दों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए । रोगी कल्याण समिति पर बैठक में विचार विमर्श के बाद लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने स्पष्ट किया कि ये समितियां स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाओं तक ही सीमित रहेंगी । ये किसी व्यवसायिक गतिविधियों को संचालित नहीं करेंगी । इस संबंध में उन्होंने सभी रोगी कल्याण समितियों की एक कार्य योजना 28 फरवरी तक बनाने को कहा । उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति के लिए नगर के गणमान्य लोगो से आर्थिक सहयोग भी प्राप्त करें । स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे स्वंय भी सभी जिलों का दौरा करेंगे और लोगों को इसमें सहयोग देने के लिये प्रेरित करेंगे ।
मलेरिया की रोकथाम के लिए वर्तमान में चल रहे प्रयासों को प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई । मलेरिया की रोकथाम प्रभावी ढंग से न करने वाले जिलों को चेतावनी दी गई । उन्हें कहा गया कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं । अस्पतालों में नर्सों की पर्याप्त उपलब्धता के लिए 16 जिलों के प्रस्तावित नर्सिग स्कूल खोलने के लिए जमीन चिन्हाकिंत करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए। इसके साथ ही 22 जिलों में ए.एन.एम. स्कूल खोलने को कहा गया । दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के तहत बनने वाले कार्डो पर लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि हर कार्ड पर एंट्री अनिवार्य होगी । उन्होंने कहा कि कर्मकार निर्माण श्रमिक योजना, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत जो कार्ड बी.पी.एल. सूची वालों को दिए जाएं उसमें इस बावत सील लगाएं कि यह कार्ड उपरोक्त दो योजनाओं के तहत दिए गए है । दीनदयाल चलित अस्पताल योजना पर हुई चर्चा में श्री मिश्रा ने स्पष्ट किया यह अपने आप में पूर्ण अस्पताल हो यह सुनिश्चित करें । उन्होंने कहा कि इसका रुट चार्ट हो, इसमें डाक्टर हो, मौके पर इलाज करने के आवश्यक उपकरण चलित अस्पताल में होना चाहिए और यह व्यवस्था एक हफ्ते में इस प्रक्रिया के साथ चलना चाहिए । श्री मिश्रा ने कहा कि इसमें रेफरल सिस्टम भी होना चाहिए ।
जननी सुरक्षा योजना पर हुई चर्चा में अधिकारियों से कहा गया कि वे धरातल पर इस योजना को प्रभावी ढंग से अमल में लाएं । बैठक में निर्देश दिए गए कि इस योजना के संदर्भ में हर गांव का माइक्रो प्लान हो जो जिला कलेक्टर द्वारा अनुमोदित होना चाहिए । आयुक्त लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण ने इस योजना को लेकर अपेक्षाकृत परिणाम न मिलने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की । मातृ-शिशु दर कम करने के लिए बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी, मुख्यालय से लेकर मैदान तक दौरे करें और हाल्ट करें । मंत्री श्री मिश्रा ने कहा कि दौरे का जो भी दिन निर्धारित हो उस दिन अधिकारी किसी उदघाटन, सम्मेलन बैठक के लिए रुकेंगे नहीं । कलेक्टर को सूचित कर निरीक्षण पर निकल जाएं । टीकाकरण के विषय में बैठक में निर्देश दिए गए कि हर दिन की जानकारी मुख्यालय में भेजी जाए । आयुक्त लोक स्वास्थ्य श्री अगनानी ने कहा कि टीकाकरण माता और बच्चों के जीवन से जुड़ा पहलू है । इसे मानवीयता के साथ लें। बैठक में मैदान में पदस्थ ए.एन.एम. के कार्यों की भी समीक्षा करने के निर्देश दिए गए । परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत सभी जिले सौ प्रतिशत लक्ष्य पूरे करें यह निर्देश लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री तथा आयुक्त ने दिए । उन्होंने कहा कि जो जिले लक्ष्य पूरा नहीं करेगे उनके खिलाफ कार्यवाही होगी । एडस कार्यक्रम के प्रति सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को सजग और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि एडस के प्रति जागरुकता कार्यक्रम और एच.आई.व्ही. मरीजों का इलाज पूरी मुस्तैदी से चलना चाहिए ।
राज्य बीमारी सहायता नीधि में बजट से अधिक खर्च न करने व चिन्हित बीमारियों पर ही सहायता देने के सख्त निर्देश बैठक में दिए गए । साथ ही हर माह की पांच तारीख तक बीमारी सहायता नीधि का हिसाब मुख्यालय भेजने को कहा गया । इसके बाद ही अगली राशि जारी होगी ।
लोक स्वास्थ्य मंत्री डा. मिश्रा ने बैठक को समाप्त करते हुए कहा कि एक हफ्ते में जो भी जिस वर्ग की सी.आर. लंबित हो वह पूर्ण कर मुख्यालय भेजें । उन्होंने कहा कि हर चिकित्सा अधिकारी अपने कार्यों का स्वंय आकलन करे और उसमें सुधार लाए । शासन स्तर पर उनके कार्यों का मूल्यांकन किया गया तो इसके बाद गुण-दोष के आधार पर उनके खिलाफ कार्यवाही होगी । श्री मिश्रा ने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को गंभीरता से लेने और उस पर तत्काल पड़ताल कर रिपोर्ट देने को कहा ताकि सच सामने आ सके। उन्होंने विधानसभा तथा कोर्ट में लंबित मामलों में लेतलाली होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की । उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही पर निलंबन का निर्णय होगा । श्री मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा जिलों को जो भी राशि मिलती है उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र समय-सीमा में भेजें । उन्होंने सभी अधिकारियों का निरीक्षण शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने को कहा । उन्होंने अस्पताल से जुड़ी किसी भी चीज का लोकार्पण तब तक न कराने को कहा जब तक की वह पूरी तरह पूर्ण न हो । उन्होंने सभी कार्यों का वार्षिक कैलेंडर बनाकर उसके अनुसार काम करने को कहा । श्री मिश्रा ने कहा कि वे हर माह दस से बाहर जिलों का दौरा करेंगे जिसमें वे सभी स्वास्थ्य सेवाओ और मापदंडों की समीक्षा करेंगे ।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण आयुक्त श्री मनोहर अगनानी ने कहा कि मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बनाना इसकी सेवाओं में गुणात्मक सुधार लाना हमारा मकसद है । यह काम हमें पूरे तालमेल और सामंजस्य के साथ करना होगा । श्री अगनानी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के इतिहास में पहली बार है कि इस विभाग के मंत्री ने दो दिन तक पूरे समय आपके साथ बैठक लेकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर आपसे चर्चा की हो । इससे आप सभी को समझना होगा कि मुख्यमंत्री, मंत्री एवं राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में स्वास्थ्य सेवाएं हैं ।
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