अनाथ सौनू के हाथ हुए पीले, गृह राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने सपत्नीक किया कन्यादान
ग्वालियर 18 फरवरी 09। राजकीय महिला अनुरक्षण गृह की रहवासिनी सौनू आज से राकेश की हो गई। मोहक और मनभावन बसंत ऋतु के महीने में अनाथ सौनू ने परिणय सूत्र में बंधकर गृहस्थ और श्रंगार के संयुक्त जीवन का बसंती अर्थ पा लिया है। यहां जे ए. हॉस्पिटल परिसर स्थित राजकीय महिला अनुरक्षण गृह मे सौनू ने मंत्राच्चारों के बीच आज आम हिन्दू रीति रिवाज से किलागेट ग्वालियरवासी राकेश अग्रवाल के साथ सात फेरे लिये। लेकिन सौनू का विवाह किसी सामान्य विवाह से अलग था। सौनू का कन्यादान किसी आम आदमी नहीं प्रदेश के गृह, परिवहन एवं जेल राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने सपत्नीक किया। श्री कुशवाह एवं उनकी धर्म पत्नी श्रीमती धनवन्ती कुशवाह ने इस विवाह में हर रस्म निभाई और सौनू को कहीं से भी यह महसूस नहीं होने दिया कि उसके माता-पिता नहीं हैं।
बैण्ड बाजों के साथ घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे राजा राकेश जब बारात लेकर सौनू के घर (राजकीय महिला अनुरक्षण गृह)पहुंचे तब वहां गृह राज्य मंत्री श्री कुशवाह तथा उनके साथ मौजूद श्री राकेश जादौन व अन्य कार्यकर्ताओं, अपर कलेक्टर श्री आर के. जैन व अनुरक्षण गृह की व्यवस्थापिका श्रीमती उपासना राय व अन्य कर्मचारियों ने पुष्पाहार पहना कर बारात की अगवानी की। इसके पश्चात गृह राज्य मंत्री ने दूल्हे राजा के हाथ पर एक हजार एक सौ एक रूपये का नेग रखकर दरवाजे की रस्म निभाई। इस रस्म के बाद दुल्हन बनी सौनू अपनी सखियों के साथ पहुंची और अपने दूल्हे राजा को वरमाला पहनाई। वरमाला के बाद कन्या दान की रस्म हुई, जिसमें गृह राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने धर्मपत्नी श्रीमती धनवन्ती से गाँठ जोर कर कन्या का हाथ मंत्रोच्चार के बीच वर के हाथ में सौंपा। विवाह के रस्मों के दौरान महिलाओं द्वारा मंगलगान गाकर वैवाहिक माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया।
गृह राज्य मंत्री ने वधू को बिछुए व मंगलसूत्र सहित घर, गृहस्थी बसाने के लिए अपनी ओर से फ्रिज, साड़ियां, शॉल व वर्तन इत्यादि दान में दिये। वर वधू को इसके अलावा श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ समिति शिवाजी मार्ग सहित अन्य दान दाताओं व स्वयंसेवी संस्थाओं ने एक सौ जोड़ी चाँदी के बिछुए, साड़ियाँ, शॉल, कूलर, अल्मारी, सिलाई मशीन, प्रेसर कुकर, गैस चूल्हा, गर्म कपड़े और घर-गृहस्थी का अन्य सामान प्रदान किया।
सौनू को आर्शीवाद देने उसकी अभिन्न सहेली रहीं शिल्पा मित्तल भी अपने पति अरविन्द के साथ पहुंची थी। उल्लेखनीय है कि शिल्पा का विवाह भी इसी अनुरक्षण गृह से वर्ष 2005 में हुआ था। सौनू ने सात वर्ष का लम्बा अर्सा इस अनुरक्षण गृह में बिताया है। वह इन्दौर के बाल संप्रेक्षण गृह से सात वर्ष पूर्व यहां आई थी। आज जब परिणय सूत्र में बंध कर सौनू अपने पिया के घर के लिए जा रही थी तब उसकी सहेलियों की ऑंखें नम हो आईं। अनुरक्षण गृह की रहवासी और सौनू की सहेलियां रही संगीता रावत, सुप्रिया, गीता व अनुरक्षण गृह की अन्य रहवासिनी सौनू के सुखद दाम्पत्य जीवन की कामना तो करती ही हैं, साथ ही वे गृह राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह की सहृदयता की भी खुले दिल से सराहना करती हैं।
अनुरक्षण गृह की व्यवस्थापिका श्रीमती उपासना राय ने बताया कि यह विवाह सौनू की सहमति से हुआ है। इस विवाह के लिए लड़के वालों की ओर से प्रस्ताव आया था। बाद में पुलिस वेरीफिकेशन, मेडीकल जांच इत्यादि औपचारिकताओं के पश्चात सौनू का विवाह कराया गया है। इस विवाह से वरपक्ष के परिजन भी खुश हैं। बारात में आयीं वर की बहिन लक्ष्मी व मधु तथा बहनोई श्री गिरिराज किशोर सिंघल व श्री घनश्याम बंसल वर के निर्णय से काफी प्रभावित है। वे कहते हैं कि राकेश ने एक अनाथ बालिका को अपनाकर एक पुण्य काम किया है।
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