मंगलवार, 17 फ़रवरी 2009

दुग्ध संजीवनी अभियान - कुपोषण मुक्ति की अभिनव पहल , दूध एवं शहद का मिश्रण दिया जायेगा कुपोषित बच्चों को

दुग्ध संजीवनी अभियान - कुपोषण मुक्ति की अभिनव पहल , दूध एवं शहद का मिश्रण दिया जायेगा कुपोषित बच्चों को

ग्वालियर 16 फरवरी 09। बाल संजीवनी अभियान के दौरान कुपोषित पाए गए बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने हेतु ''दुग्ध संजीवनी अभियान'' चलाया जायेगा। अभियान के तहत कुपोषण का स्तर शून्य करने हेतु दूध एवं शहद के पोषक तत्वों को मिला कर इसके पोषक एवं औषधीय गुणों द्वारा बच्चों का बजन वृध्दि एवं शारीरिक विकास कर उन्हें त्वरित एवं स्थाई प्रभाव से लाभान्वित कराया जायेगा।

       दुग्ध संजीवनी कार्यक्रम कुपोषण से कार्य मुक्ति हेतु विशेष कार्य योजना है जो कि इस लक्ष्य पर आधारित है कि क्षेत्र में गंभीर कुपोषण में अधिकतम कमी की जा सके। इसमें दूध एवं शहद के पोषक तत्वों का मिश्रण करके इस मिश्रण के औषधीय गुणों द्वारा बच्चों में बजन वृध्दि तथा शारीरिक विकास कर उन्हें त्वरित एवं स्थाई प्रभाव से लाभान्वित कराया जायेगा। दूध एवं शहद में महत्वपूर्ण पोषक तत्वो के साथ विशेष उत्प्रेरक गुण भी पाया जाता है जो कि शरीर के ऊतको के विकास एवं शरीर के अन्य जीववैज्ञानिक स्त्रावण की गति को सरात्मक रूप से बढ़ाते हैं। दूध युक्त शहद में उपस्थित एन्जाइम बच्चों के विकास की प्रक्रिया को गति प्रदान करते हैं।

       जिले में हाल ही में कराये गये सर्वे के उपरांत शहरीय क्षेत्र में एक विशेष कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें शहरी क्षेत्र में दुग्ध संजीवनी अभियान चलाकर कुपोषण के स्तर को शून्य करने के लिये गंभीर प्रयास किये जायेंगे। जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी द्वारा महिलाबाल विकास विभाग को विशेष कार्य योजना तैयार करने हेतु निर्देश दिये गये हैं जिसमें गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति हेतु दुग्ध संजीवनी अभियान के तहत शहद एवं दूध के पोषक तत्व का प्रयोग किया जायेगा।

       इस कार्यक्रम के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र के सभी 314 गंभीर कुपोषित बच्चों को शामिल किया जायेगा जिसमें दूध शहद को मिश्रित कर इस  तरल पदार्थ को प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन दिया जायेगा। शहद एमपी एग्रो शहद परियोजना संयंत्र मुरैना तथा दूध ग्वालियर शहकारी दुग्ध संघ मर्यादित ग्वालियर से प्राप्त किया जायेगा। 100 मिली दूध में 10 मिली के अनुपात में शहद मिलाकर दिया जायेगा। प्रत्येक बच्चे को 20 एम एल. शहद व 250 एम एल. दूध के मान से दिया जायेगा। यह कार्यक्रम रेडक्रॉस सोसायटी व महिला बाल विकास द्वारा संचालित किया जायेगा।

यह कार्यक्रम शहरी क्षेत्र के ऑंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से संचालित होगा। बच्चों को अभियान के सम्मिलित करने के पूर्व बजन लिया जायेगा तथा प्रतिमाह स्वास्थ्य जांच जारी रहेगी। प्रत्येक बच्चे का हैल्थ चार्ट कार्ड बनाया जायेगा। इस कार्ड में बच्चे के पांच स्वास्थ्य परीक्षण अंकित होंगे प्रथम दुग्ध संजीवनी में सम्मिलित होने के पूर्व तथा इसके उपरांत एक एक माह पश्चात स्वास्थ्य परीक्षण कर कार्ड में अंकित किया जायेगा। इसके अलावा विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा बच्चों में कुपोषण का कारणों का पतालगार उनका उपचार भी किया जायेगा। सम्पूर्ण व्यवस्था के संचालन हेतु कण्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है जिसका नंबर 2446217 है। कार्यक्रम की सघन मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था की गई है।

पोषक तत्वों से भरपूर रहेगा तरल पदार्थ

दुग्ध संजीवनी अभियान में दिये जाने वाला तरल पदार्थ विशेष पोषक तत्वों से भरपूर रहेगा। प्रत्येक 100 मिली दूध एवं 10 मिली शहद में जो पोषक तत्वों की मात्रा रहेगी उसके अनुसार 100 मिली दूध में 4.9 ग्राम प्रोटीन, 5.5 ग्राम वसा, 210 मिली ग्राम कैल्सियम, दो ग्राम आयरन के अलावा विटामिन्स की प्रचुरता रहेगी। इसके साथ मिलने वाले शहद के प्रति 10 मिली शहद में 79.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेड (319 कैलोरी) , 696 मिली ग्राम आयरन, 15 मिली ग्राम फास्फोरस के अलावा मिनरल एवं विटामिन तत्व मौजूद रहेंगे।

 

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