शुक्रवार, 20 मार्च 2009

मुद्रास्फीति खतरनाक स्‍तर पर नीचे आयी 0.44 पर, वित्त मंत्रालय का बयान

मुद्रास्फीति खतरनाक स्‍तर पर नीचे आयी 0.44 पर, वित्त मंत्रालय का बयान

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

  • भारत में गरीबी बढ़ने के आसार
  • भारतीय नागरिकों की क्रय शक्ति खतरनाक स्‍तर तक घटी
  • मंहगाई औकात से नीचे, फोकट में खरीदने वाले ग्राहक भी उपलब्‍ध नहीं
  • व्‍यापारी पर चौपट होने का खतरा मंडराया
  • अब केवल चुनावों से उम्‍मीद, 20 हजार करोड़ रूपया बाजार में आने की आशा
  • बढ़ेगा सट्टा और वायदा व्‍यापार का धन्‍धा

एक पुरानी कहावत है, कि '' उत्‍तम खेती, मध्‍यम वान (व्‍यापार), अधम चाकरी , भीख निपान'' अब लोगों मुद्रा स्‍फीति में अंधाधुन्‍ध गिरावट के चलते केवल स्‍थायी उपज के धन्‍धे जैसे कृषि आदि ही शेष बचे हैं, व्‍यापारीयों और व्‍यावसायियों का चौपटीकरण तो तय है ।

एक और कहावत है कि मंगलवारी होरी दीवारी, हँसे किसान रोय व्‍यापारी

अबकी बार दीवाली भी मंगलवार को पड़ी और होली भी मंगलवार को पड़ी परिणाम देखिये किसान के खेतों में फसल इस साल बेहद उम्‍दा है और किसानों के चेहरे पर हजार गुना चमक खिली हुयी है जबकि व्‍यापारी को शेयर, सेन्‍सेक्‍स और मन्‍दी लील गये । रही बची कसर घटती क्रय शक्ति निकाल देगी । क्रय शक्ति घटने से बाजार में खरीदार घट जाते हैं क्‍योकि उनकी जेब में पैसा नहीं रहता । फसल व अनाज के व्‍यापार भी इस साल चौपट हो जायेंगें विशेषकर वे जो दलाली और मुनाफे का व्‍यवसाय करते हैं । किसान के खेतों से फसल की अच्‍छी आवक से दिनों दिन अनाज, दालों आदि के दाम जहॉं स्थिर रहने या गिरने की संभावना है वहीं यह अधिक संभावना है कि अधिकतर फसल की खरीद इण्‍टरनेट के जरिये सीधे ही किसानों से खरीद ली जायेगी , ऐसे में व्‍यापारी चौपट और किसान मालामाल हो जायेंगें ।   

वार्षिक मुद्रास्फीति दर (वर्ष प्रति वर्ष के आधार पर) 28 फरवरी, 2009 को समाप्त हुए सप्ताह की 2.4 फीसदी से घटकर 07 मार्च,2009 को समाप्त हुए सप्ताह में 0.4 फीसदी रह गयी। एक नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह के बाद 199 आधार अंक की यह गिरावट मुद्रास्फीति में अबतक सबसे अधिक गिरावट है। पिछले तीस वर्षों में यानि 1977‑78 से लेकर अबतक मुद्रास्फीति इतने निचले स्तर तक नहीं गिरी थी।

       प्राथमिक वस्तुओं में मुद्रास्फीति पिछले सप्ताह की 5.8 फीसदी से घटकर 07 मार्च,2009 को समाप्त हुए सप्ताह में 4.4 प्रतिशत रह गयी। खाद्यान्न जिंसों के मामले में मुद्रास्फीति 8.3 प्रतिशत से घटकर 7.4 प्रतिशत रह गयी। ईंधन एवं ऊर्जा के मामले मुद्रास्फीति - 5.1 फीसदी से घटकर 6 प्रतिशत तक आ गयी।

       हालांकि विनिर्मित पदार्थों में मुद्रास्फीति 1.3 प्रतिशत से बढकर 4.0 प्रतिशत हो गयी। खाद्य सूचकांक में मुद्रास्फीति गत सप्ताह की 7.5 प्रतिशत से घटकर 07 मार्च, 2009 को सप्ताह हुए सप्ताह में 6.0 प्रतिशत रह गयी।

 

कोई टिप्पणी नहीं: