जिले में समर्थन मूल्य पर करीबन एक हजार क्विंटल गेहूँ की खरीदी
ग्वालियर 24 मार्च 09। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है और अब तक करीबन एक हजार क्विंटल गेंहूँ की खरीदी की जा चुकी है। ज्ञातव्य हो कि किसानों से एक हजार 130 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं की खरीदी की जा रही है, जिसमें 50 रूपये बोनस की राशि भी शामिल है।
जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती ज्योति शाह नरवरिया ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिये जिले में 28 केन्द्र स्थापित किये गये हैं, इनमें से 27 केन्द्रों पर खरीदी करने की जिम्मेदारी प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों को सौंपी गई और डबरा में भारतीय खाद्य निगम द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। उन्होंने बताया कि खरीदी केन्द्रों पर बारदाने आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है तथा जल्द ही 5 लाख बारदाने की एक और रेक ग्वालियर पहुंच रही है। जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख समितियों को खरीदी के लिये धन की कमी न रहे इसके लिये सभी 27 समितियों की कुल एक करोड़ 13 लाख रूपये की लिमिट बनवाई गई हैं।
किसानों की पहचान के लिये आसान दस्तावेज
समर्थन मूल्य और बोनस दिए जाने के लिए किसानों की स्थानीय पहचान का रास्ता अब और आसान हो गया है। खसरा या बी-1 दस्तावेजों में से किसी एक की नकल जो किसानों को पेमेंट लेते वक्त पेश करना जरूरी है, यह इंटरनेट से हासिल की जा सकेगी। इस इंतजाम के चलते किसानों को पटवारी आदि के चक्कर नहीं लगाने होंगे। ये नकलें मध्यप्रदेश के आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त की वेबसाइट से ली जा सकेंगी। आयुक्त भू-अभिलेख ने सभी जिला कलेक्टरों को एक आदेश जारी कर किसानों के ये नकलें माँगने पर उसी दिन मुहैया कराने को भी कहा है। अपने कस्बे या शहर में इंटरनेट की किसी भी शॉप पर जाकर वेबसाइट landrecords.mp.gov.in के जरिए नाममात्र के शुल्क पर ये नकलें ली जा सकेंगी। ग्वालियर जिले में भी किसान की पहचान के लिये ऋण पुस्तिका की अनिवार्य शर्त समाप्त कर दी गई है। जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया किसान अपनी पहचान के लिये राशन कार्ड भी प्रस्तुत कर सकता है। बटाईदार किसान के गेहूँ की खरीदी पटवारी के प्रमाणपत्र के आधार पर की जा रही है।
किसानों के मध्यप्रदेश का होने की पुष्टि के लिए पूर्व में तयशुदा शर्तों को शिथिल करते हुए यह व्यवस्था की गई है कि इसके लिए उन्हें खसरा या बी-1 दस्तावेजों में से कोई एक ही अब पेश करना है। आयुक्त भू-अभिलेख ने आदेश में यह भी याद दिलाया है कि प्रदेश में भू-अभिलेखों का शत-प्रतिशत कम्प्यूटीकरण पूरा किया जा चुका है। यहीं नहीं, हर महीने इसकी जानकारी अद्यतन की जा रही है।
होगा आकस्मिक निरीक्षण
उपार्जन का काम चाकचौबंद हो और उसमें किसी गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहे इसके लिए जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने संबंधित अधिकारियों को खरीदी केन्द्रों की सतत निगरानी करने की स्पष्ट हिदायत दी है। इसके लिये निगरानी दल भी गठित किये गये हैं।
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