कोर्ट कर्मचारी रूपेश शिवहरे की पुलिस प्रताड़ना और मारपीट के आरोप असत्य, कर्मचारी संगठनों ने प्रदर्शन के लिये माफी मॉंगी
अखबारों में छपी फर्जी खबर से हुयी थी हड़ताल और प्रदर्शन – हाईकोर्ट जॉच समिति
ग्वालियर 19 मार्च 09, म.प्र. हाईकोर्ट रजिस्ट्रार विजिलेन्स द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विगत 3 मार्च को न्यायमूर्ति श्री अरूण मिश्रा अपनी गंभीर रूप से बीमार बहिन को अग्रिम इलाज एवं शल्य चिकित्सा हेतु ग्वालियर से दिल्ली ले गये थे । इस दरम्यान न्यायमूर्ति श्री मिश्रा के निवास पर चोरी हो गयी जिसकी पुलिस रिपोर्ट झांसी रोड थाना पुलिस द्वारा दर्ज की गयी ।
चोरी की पड़ताल व पतारसी के सम्बन्ध में न्यायामूर्ति श्री मिश्रा के घर पर काम करने वाले कर्मचारीयों को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिये थाना ले जाया गया और सामान्य पूछताछ के बाद उसी दिन सबको छोड़ दिया गया ।
5 मार्च को म.प्र. हाईकोर्ट ग्वालियर, इन्दौर, जबलपुर में कर्मचारीयों द्वारा प्रदर्शन किये गये, इस सम्बन्ध में म.प्र. के माननीय मुख्य न्यायाधिपति द्वारा रजिस्ट्रार जनरल तथा रजिस्ट्रार विजिलेन्स को ग्वालियर जाकर मामले की जॉंच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये गये । जिस पर जॉंच सम्पादित की गयी ।
रजिस्ट्रार जनरल श्री श्रीवास्तव द्वारा रूपेश शिवहरे, उसके परिजनों, तथा चिकित्सकों आदि सहित कुल 11 लोगों के बयान कलमबद्ध किये गये ।
पुलिस पर लगाये गये आरोप चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीयों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट, प्रताड़ना के आरोप व आक्षेप असत्य पाये गये ।
पुलिस द्वारा कर्मचारी रूपेश के साथ प्रताड़ना, थर्ड डिग्री व्यवहार किये जाने तथा करेण्ट लगाने की फर्जी व असत्य अफवाहों से प्रेरित होकर न्यायालयीन कर्मचारीयों द्वारा आवेश में आकर घटना के दो दिन बाद (समाचार पत्रों द्वारा असत्य समाचार प्रकाशन व अफवाहें फैलाने के बाद) अर्थात 5 मार्च को प्रदर्शन किया गया ।
प्रदर्शन के सम्बन्ध में ग्वालियर हाईकोर्ट खण्डपीठ के किसी भी कर्मचारी ने प्रदर्शन की जिम्मेदारी नहीं ली , तथा इन्दौर एवं जबलपुर हाईकोर्ट के कर्मचारी संघों ने अफवाहों से प्रेरित होकर तथ्यों की पुष्टि किये बगैर ही प्रदर्शन व हड़ताल किये जाने के लिये क्षमा याचना की गयी और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न करने का सुनिश्चित करने का वचन दिया ।
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