विशेष न्यायालय द्वारा सहायक यंत्री को दो वर्ष के कारावास की सजा
ग्वालियर 18 मार्च 09। शासकीय सेवा में रहते हुए अपने आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक अवैध रूप से अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित करने के आरोप में सिंचाई विभाग विद्युत यांत्रिकी भारी मशीनरी के सहायक यंत्री को न्यायालय द्वारा दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं आठ हजार रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड जमा न करने पर छ: माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया है।
विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक ने लोकायुक्त को बताया है कि लोकायुक्त को सूचना मिली कि विद्युत यांत्रिकी भारी मशीनरी सिंचाई विभाग के सहायक यंत्री श्री धीरज सिंह ने विभिन्न पदस्थापनाओं के दौरान शासकीय सेवाओं में रहते हुए अपने आय के ज्ञात स्त्रोतों से अवैध रूप से अधिक अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित की है। जानकारी के आधार पर आरोपी के निज निवास पर विधिवत छापा डाला गया। छापे के दौरान स्वर्ण एवं चाँदी के आभूषण, नगदी, शेयर्स, डिवेंचर्स सर्टीफिकेट, बीमा पालिसी, एफ डी आर. बैंक लाकर्स, भूखण्ड क्रय किये जाने संबंधी दस्तावेज, लॉकर की चाबी तथा अचल सम्पत्ति क्रय करने के दस्तावेज पाये गये।
उन्होंने बताया कि इसके आधार पर अरोपी के विरूध्द भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। अनुसंधान के दौरान साक्ष्य एकत्रित कर आरोपी के विरूध्द अपराध सिध्द पाये जाने पर विवेचना उपरांत विशेष न्यायालय ग्वालियर में चालान प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय द्वारा साक्ष्य के आधार पर अपराध सिध्द पाये जाने पर विशेष न्यायाधीश श्रीमती गिरिबाला सिंह द्वारा आज 18 मार्च 09 को दण्डादेश पारित कर आरोपी श्री धीरज सिंह को धारा 13(1) ई 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं आठ हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। साथ ही अर्थदण्ड जमा न करने पर छ: माह के अतिरिक्त कारावास से दण्डित किया गया है। अर्जित अनुपातहीन सम्पत्ति पांच लाख 60 हजार 337 रूपये न्यायालय द्वारा शासन को राजसात करने के आदेश दिये गये हैं।
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