सोमवार, 30 मार्च 2009

आईस्क्रीम और केक को सुस्वादु बनाने में है ग्वालियर का हाथ , अन्तराष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनी में ''डावर'' को मिला स्वर्ण पदक

आईस्क्रीम और केक को सुस्वादु बनाने में है ग्वालियर का हाथ , अन्तराष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनी में ''डावर'' को मिला स्वर्ण पदक

ग्वालियर 29 मार्च 09। आईस्क्रीम का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। दिल्ली में बैठकर मदर डेयरी आईस्क्रीम खाते या फिर गुजरात में अमूल अथवा वाडीलाल आईस्क्रीम चखते हुए अगर पता लगे कि इन उत्पादों को सुस्वादु बनाने में ग्वालियर का हाथ है तो फिर हर ग्वालियरवासी का मजा हो जायेगा न दुगुना। जी हाँ, यह एक सुखद सत्य है। देश और विदेश की बहुत सी नामी-गिरामी कम्पनियां आईस्क्रीम, जैली, सजीले सुन्दर केक, तरह-तरह की ब्रेड, कुरकुरे नमकीन, जायकेदार न्यूडल सहित कई उत्पादों का स्वाद बढ़ाने के लिये ग्वालियर की डावर्स एम. पी. ऑर्गेनिक द्वारा तैयार किये गये फूड इन्ग्रीडियेन्ट्स का उपयोग करती हैं। हाल ही में  दिल्ली के प्रगति मैदान में सम्पन्न अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनी जिसमें देश विदेश की कई ख्यातिनाम कम्पनियों ने भाग लिया ''आहार -2009'' में अपने उत्तम उत्पादों के बल पर स्वर्ण पदक जीतकर डावर्स इन्डस्ट्रीज ने मध्य प्रदेश और ग्वालियर का नाम रोशन किया है। आहार के अन्तिम दिन आयोजित समापन समारोह में इण्डियन ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्रीमती शीला भिड़े ने डावर इन्डस्ट्रीज के जनरल मैनेजर (आपरेशन) श्री विनोद यादव को यह स्वर्ण पदक प्रदान किया।

       डावर इन्डस्ट्रीज के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पुनीत डावर ने बताया कि वर्ष 1981 में उनके दादा श्री के. एस. डावर द्वारा ग्वालियर में प्रारंभ की गई इस इण्ड्रस्टी में खाद्य पदार्थों के मानकीकरण एवं शोध कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया। उनके पिता उद्योग रत्न डॉ. डी एस. डावर जो फूड टैक्नोलॉजिस्ट हैं, ने फूड इन्डस्ट्रीज में उपयोगी हाइड्रोकोलाइड्स, सोडियम एलजीनेट, कारागीनॉन्स, लोकस बीनगम आदि का डेयरी, बेकरी उद्योग, नमकीन व न्यूडलस तथा टमाटर चटनी व अन्य चटनियों एवं शोरबे में उपयोग की दिशा में मौलिक कार्य किया व कई ऐसे फूड इन्ग्रीडियेन्ट तैयार किये जो मंहगे विदेशी फूड इन्ग्रीडियेन्ट का स्थान ले सके। उन्होंने कहा कि  आज डावर इण्डस्ट्रीज के फूड इन्ग्रीडियेन्टस देश के 26 राज्यों में तथा विश्व के 17 देशों में उपयोग किये जा रहे हैं। श्री डावर ने बताया कि इण्डस्ट्री देश की एकमात्र टी यू वी जर्मनी से  गुणवत्ता का एच ए सी सी पी प्रमाण पत्र प्राप्त इकाई है साथ ही एपीड़ा से भी पंजीकृत है। उनके फूड इन्ग्रीडियेन्ट्स का उपयोग फार्मास्यूटीकल कम्पनियों द्वारा तरह तरह के सीरप बनाने में भी किया जाता है। श्री पुनीत डावर ने खाद्य पदार्थों को सुस्वादु बनाने में अपनी माता श्रीमती मीरा डावर के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया जो डावर इण्डस्ट्रीज की अध्यक्ष होने के साथ साथ कुशल व्यंजन पारखी भी हैं। 

 

 

कोई टिप्पणी नहीं: